प्रश्न - भोपाल की बेगमों ने सांची के स्तूप के संरक्षण में क्या योगदान दिया ? तीन बिंदुओं द्वारा स्पष्ट कीजिए?
उत्तर -
- फ्रांसीसी और अंग्रेज दोनों को प्लास्टर प्रतिकृति दी
- शाहजहां बेगम और सुलतांजहा बेगम ने धन का अनुदान किया था
- सुल्तानजहा बेगम ने वहां एक संग्रहालय का निर्माण करने के लिए अनुदान दिया
- अतिथिशाला बनवाने के लिए अनुदान दिया
प्रश्न - बौद्ध धर्म के तेजी से प्रसार के कारणों का विवरण दीजिए?
उत्तर -
- लोग समकालीन धार्मिक प्रथाओं से संतुष्ट नहीं थे
- बौद्ध धर्म में जन्म के आधार पर श्रेष्ठता की बजाय , अच्छे आचरण पर बल दिया गया इस लिए लोग इसकी तरफ आकर्षित हुए
- खुद से छोटे और कमजोर के प्रति मित्रता , करुणा का भाव समानता पर बल दिया जाता था
- जाति प्रथा का ने होना
प्रश्न - गौतम बुद्ध द्वारा दिए गए मध्यम मार्ग के लिए मुख्य सिद्धांत क्या थे? किन्ही तीन का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
- बुद्ध के अनुसार राजा और गृहपतियो को दयावान होना
- अहम और इच्छा का त्याग करना चाहिए
- खुद ही अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढो
प्रश्न - जैन धर्म के संस्थापक कौन थे ? भारतीय समाज पर जैन धर्म का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
1. संस्थापक - स्वामी ऋषभदेव
2. भारतीय समाज पर जैन धर्म का क्या प्रभाव
3. अहिंसा का मार्ग
4. कर्म द्वारा जन्म पुनर्जन्म का निर्धारण
प्रश्न - हीनयान और महायान कौन थे ?
उत्तर -
1. हीनयान
- बुद्ध को महापुरुष मानते थे
- मूर्तिपूजा , कर्मकांड का विरोध करते थे
- पुरातन विचारों को मानते थे
2. महायान
- बुद्ध को ईश्वरतुल्य मानते थे
- मूर्तिपूजा , बुद्ध की प्रार्थना करते थे
- नूतन विचारों को मानते थे
प्रश्न -‘बौद्ध कालीन’ मूर्तिकला की मुख्य विशेषताएं क्या थी ? किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
- कई मूर्तिकारों ने बुद्ध को मानवरूप में ना दिखाकर प्रतीकों से उन्हें दर्शाया है
- हर प्रतीक का एक विशेष अर्थ है
- यह प्रतीक बुद्ध के जीवन से संबंधित है
प्रश्न - स्तूप की रचना किस प्रकार की जाती थी ?
उत्तर -
- स्तूप दान से बनाए जाते थे
- अर्धगोलाकार ( टीले की आकृति ) के स्तूप बनाए जाते थे
- तोरणद्वार बनाए जाते थे इन्हें चारो तरफ से घेरा जाता था
प्रश्न - छठी शताब्दी ई. पूर्व को भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
उत्तर -
- जैन धर्म का उदय हुआ
- बौद्ध धर्म का उदय हुआ
- प्रारम्भिक उपनिषद रचे गए
प्रश्न - बौद्ध संघ में ‘भिक्खुओं’ और ‘भिक्खुनियों’ को किन नियमों का पालन करना पड़ता था
उत्तर -
- भिखु भिखुनी के नियम विनय पिटक में मिले है –
- इन्हें सादा जीवन बिताना होता था
- यह केवल जीवनयापन के लिए आवश्यक वस्तु ही रखते थे जैसे - एक कटोरा
- ‘भिक्खु बनने के बाद पुरानी पहचान छोड़नी पड़ती थी
प्रश्न - जैन धर्म की कोई तीन महत्वपूर्ण शिक्षाएं लिखिए ?
उत्तर -
- संपूर्ण विश्व को प्राणवान मानना
- हिंसा न करना
- हत्या न करना
- चोरी ना करना
- झूठ ना बोलना
- ब्रह्मचर्य का पालन करना
- धन संग्रह ना करना
प्रश्न - आप कैसे कह सकते हैं कि सांची की मूर्तिकला की चाबी बौद्ध साहित्य में मिलती है। कोई तीन कारण लिखिए ?
अथवा
साँची के स्तूप की मूर्तिकला को स्पष्ट करो ? बौद्ध ग्रन्थ किस प्रकार सांची के स्तूप को जानने में सहायता प्रदान करते हैं ?
- साँची में उत्कीर्णित बहुत सी अन्य मूर्तियाँ शायद बौद्ध मत से सीधी जुड़ी नहीं थीं।
- इनमें कुछ सुंदर स्त्रियाँ भी मूर्तियों में उत्कीर्णित हैं जो तोरणद्वार के किनारे एक पेड़ पकड़ कर झूलती हुई दिखती हैं। शुरू-शुरू में विद्वान इस मूर्ति के महत्त्व के बारे में थोड़े असमंजस में थे।
- इस मूर्ति का त्याग और तपस्या से कोई रिश्ता नज़र नहीं आता था लेकिन साहित्यिक परंपराओं के अध्ययन से वे समझ पाए कि यह संस्कृत भाषा में वर्णित शालभजिका की मूर्ति है। लोक परंपरा में यह माना जाता था कि इस स्त्री द्वारा छुए जाने से वृक्षों में फूल खिल उठते थे और फल होने लगते थे।
- ऐसा लगता है कि यह एक शुभ प्रतीक माना जाता था और इस कारण स्तूप के अलंकरण में प्रयुक्त हुआ।
- शालभजिका की मूर्ति से पता चलता है कि जो लोग बौद्ध धर्म में आए उन्होंने बुद्ध-पूर्व और बौद्ध धर्म से इतर दूसरे विश्वासों, प्रथाओं और धारणाओं से बौद्ध धर्म को समृद्ध किया।
- साँची की मूर्तियों में पाए गए कई प्रतीक या चिह्न निश्चय ही इन्हों परंपराओं से उभरे थे।
- इतिहासकारों ने सांची की मूर्तिकला को समझने के लिए वेसांतर जातक का अध्ययन किया है इतिहासकार किसी मूर्तिकला की व्याख्या लिखित साक्ष्यों के साथ तुलना के द्वारा करते थे
- सांची में कुछ ऐसी मूर्तियां भी मिली है जिसका संबंध बौद्ध धर्म से नहीं था
- इतिहासकारों ने यह पता लगाया जो लोग बौद्ध धर्म में आए उन्होंने बुद्ध पूर्व और बौद्ध धर्म से पहले दूसरे प्रथा और विश्वास मानते थे
प्रश्न - वैष्णववाद विचारधारा की तीन महत्वपूर्ण विशेषताएं लिखिए।
उत्तर -
- वैष्णववाद विचारधारा में भगवान विष्णु को महत्वपूर्ण देवता माना जाता है
- वैष्णववाद में दशावतार की कल्पना की जाती है
- कई अवतार को मूर्तियों के रूप में दिखाया गया है
- कई बार इन्हें मनुष्य के रूप में दिखाया गया
प्रश्न - 600 ई. पूर्व से 600 ईसवी तक के भारतीय दर्शन की कोई तीन प्रमुख विशेषताएं बताइए।
उत्तर -
- जैन धर्म , बौद्ध धर्म , प्रारम्भिक उपनिषद , आरंभिक स्तूप , महायान मत का विकास , वैष्णववाद , शैववाद , देवी पूजन परंपरा
प्रश्न - बौद्ध ग्रंथ किस प्रकार तैयार एवं संरक्षित किए जाते थे ?
उत्तर -
- भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद उनके शिष्यों ने एक सभा वैशाली में बुलाई वहां पर ही उनकी शिक्षाओं का संकलन किया गया इन संग्रह को त्रिपिटक कहा जाता है
1. विनय पिटक
2. सुत्त पिटक
3. अभिधम्म पिटक
प्रश्न - जैन धर्म की उत्पत्ति , शिक्षाओं तथा विस्तार की जानकारी दीजिए ?
उत्तर -
- जैन धर्म की उत्पत्ति
- जैन धर्म के संस्थापक स्वामी ऋषभदेव है
- जैन धर्म, बौद्ध धर्म से पहले आया था
- जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं
- 24 वे तीर्थकर महावीर जी थे
जैन धर्म की शिक्षाएं -
- जैन धर्म के अनुसार संपूर्ण विश्व को प्राणवान माना जाता है
- यह माना जाता है कि पत्थर चट्टान और जल में भी जीवन होता है
- जीवों के प्रति अहिंसा खासकर इंसान और जानवरों, पेड़ पौधों और कीड़ों मकोड़ों को ना मारना
जैन दर्शन का केंद्र बिंदु है
- हिंसा न करना
- हत्या न करना
- चोरी ना करना
- झूठ ना बोलना
- ब्रह्मचर्य का पालन करना
- धन संग्रह ना करना
जैन धर्म का विस्तार
- जैन धर्म भारत के कई हिस्सों में फैल गया
- यह भारत से अन्य देशों में भी फैला लेकिन बौद्ध धर्म के जितना नहीं फ़ैल पाया
- बौद्धों की तरह जैन विद्वानों ने प्राकृत, संस्कृत, तमिल जैसी अनेक भाषाओं में काफी साहित्य का सृजन किया
प्रश्न - पौराणिक हिंदू धर्म का उदय किस प्रकार हुआ ?
उत्तर -
- इसकी मुख्य विशेषताएं बताओ।
- पौराणिक हिंदू धर्म का उद्देश्य वैदिक धर्म को सरल करके आम जनता के सामने प्रस्तुत करना था इसका वर्णन पुराणों में मिलता है इसमें वैष्णव और शैव परंपरा शामिल है
1. वैष्णव - विष्णु सबसे महत्वपूर्ण देवता
2. शैव - शिव को परमेश्वर माना गया
- इसमें विशेष देवता की पूजा को खास महत्व दिया जाता था
- इस प्रकार की आराधना में उपासना और ईश्वर के बीच का रिश्ता प्रेम और समर्पण का रिश्ता माना जाता था
- जिसे भक्ति कहते हैं
- वैष्णववाद में दस अवतार की कल्पना है यह माना जाता था कि पापियों के बढ़ते प्रभाव के चलते जब दुनिया में अव्यवस्था और नाश की स्थिति आ जाती थी तब विश्व की रक्षा के लिए भगवान अलग-अलग रूपों में अवतार लेते थे
- यह अलग-अलग अवतार देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकप्रिय थे कई अवतारों को मूर्तियों के रूप में दिखाया गया है
- शिव को उनके प्रतीक लिंग के रूप में बनाया जाता था कई बार शिव को मनुष्य के रूप में भी दिखाया गया है
प्रश्न - बौद्ध धर्म की भारतीय समाज एवं संस्कृति को क्या देन है ? स्पष्ट कीजिए I
उत्तर -
- बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का भारतीय समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है
- भगवान बुद्ध ने मध्यम मार्ग अपनाने की बात कही
- धार्मिक आडंबरों को अस्वीकार किया
- बौद्ध दर्शन के अनुसार विश्व अनित्य हैं और लगातार बदल रहा है यहां कुछ भी स्थाई और शाश्वत नहीं है
- इन्होंने घोर तपस्या और विश्व शक्ति के बीच मध्य मार्ग अपनाने की बात कही
- जाति प्रथा को बौद्ध धर्म ने अस्वीकार किया
- बुद्ध ने कहा कि समाज का निर्माण इंसानों ने किया है ना की ईश्वर ने
- बुद्ध ने राजाओं और गृहपतियों को दयावान होने की सलाह दी
- बुद्ध ने अपने शिष्यों को निर्देश दिया तुम सब अपने लिए खुद ही ज्योति बनो क्योंकि तुम्हें खुद ही अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढना है
प्रश्न - बौद्ध धर्म के संगठन एवं नियमों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए I
उत्तर -
- बुद्ध के शिष्यों का दल तैयार हो गया इसलिए उन्होंने संघ की स्थापना की यह सादा जीवन बिताते थे
- इनके पास केवल जीवनयापन के लिए आवश्यक चीजें होती थी
- प्रारंभ में सिर्फ पुरुष ही संघ में शामिल हो सकते थे बाद में महिलाओं को शामिल होने की अनुमति मिल गई थी
- जो एक बार भिक्खु बन जाता था उसे अपनी पुरानी पहचान त्याग देनी होती थी
प्रश्न - स्तूप किस धर्म से संबंधित होते थे ?
उत्तर -
- स्तूप बौद्ध धर्म से संबंधित होते थे
- स्तूप में बुद्ध से जुड़े अवशेष को गाड़ दिया जाता था
- स्तूप बनाने की परंपरा पहले से थी लेकिन यह बाद में बौद्ध धर्म से जुड़ गई
प्रश्न -स्तूप क्यों बनाए जाते थे ? इन की संरचना से संबंधित विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -