प्रश्न – सामाजिक संस्था से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -
- समाज में स्थापित एक व्यवस्थित और संगठित व्यवस्था, जो मानव के सामूहिक जीवन और गतिविधियों को नियंत्रित करती है।
- यह संस्थाएँ समाज के महत्वपूर्ण कार्यों और जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाई जाती हैं और इनका उद्देश्य लोगों के व्यवहार और आपसी संबंधों को एक नियत ढांचे में बांधना होता है।
- सामाजिक संस्था के प्रकार
- औपचारिक (Formal)
- नियम और कानूनों द्वारा स्थापित व्यवस्था।
- संस्थागत रूप से दी जाने वाली शिक्षा प्रणाली, जैसे स्कूल और विश्वविद्यालय।
- अनौपचारिक (Informal)
- व्यक्ति के जीवन में गैर-आधिकारिक रूप से भूमिका निभाने वाली प्राथमिक इकाई।
- सामाजिक और सांस्कृतिक विश्वासों और परंपराओं पर आधारित अनौपचारिक प्रणाली।
प्रश्न – परिवार से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर -
- परिवार एक 'नैसर्गिक’ सामाजिक संस्था है।
- परिवार अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य करता है जो समाज की बुनियादी आवश्यकताएँ पूरी करते हैं और सामाजिक व्यवस्था को स्थायी बनाने में सहायता करते हैं।
परिवार के विभाजन का आधार
- आवास/ स्थान के आधार पर
- मातृस्थानिक
- पितृस्थानिक
अधिकार और प्रभाव के आधार पर
- मातृतंत्रात्मक
- पितृतंत्रात्मक
वंश के आधार पर
- मातृवंशीय
- पितृवंशीय
प्रश्न – विवाह से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर -
- विवाह दो व्यक्तियों के बीच एक सामाजिक और कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त मिलन है, जिसमें आम तौर पर आपसी अधिकार और दायित्व शामिल होते हैं।
विवाह के विभाजन का आधार
- साथी की संख्या के आधार
- एक विवाह
- बहुविवाह
नियमों के आधार
- अन्तर्विवाह : व्यक्ति उसी सांस्कृतिक समूह में विवाह करता है जिसका वह पहले से ही सदस्य
- हैबहिर्विवाह : व्यक्ति अपने समूह से बाहर विवाह करता है।
प्रश्न – जनगणनाओं से स्पष्ट होता है कि परिवार लिंगवादी है- समझाइए।
उत्तर -
- आधुनिक समाज यह प्रचलित है कि लड़का वृद्धावस्था में अभिभावकों की मदद करेगा तथा लड़की विवाह करके दूसरे घर चली जाएगी
- इसकी वजह से लडकियों पर कम और लडको पर ज्यादा धन खर्च किया जाता है
- इस कारण ही कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिल रहा है।
अन्य कारक..
- शिक्षा में लैंगिक भेदभाव
- स्वास्थ्य देखभाल में असमानता
- आर्थिक निर्भरता
- परिवार में भूमिका निर्धारण
- संपत्ति के अधिकार
प्रश्न – परिवार के स्वरूप में आ रहे परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
- संयुक्त परिवार से एकल परिवार की ओर झुकाव
- महिलाओं की भूमिका में परिवर्तन
- विवाह और सहजीवन में बदलाव
- बच्चों की संख्या में कमी
- लिंग समानता की दिशा में प्रगति
- गैर-पारंपरिक परिवारों का उदय
प्रश्न – "नागरिकता के अधिकारों में नागरिक, राजनैतिक और सामाजिक अधिकार शामिल हैं" इस कथन को स्पष्ट किजिए।
उत्तर -
- नागरिकता केवल किसी देश का नागरिक होने की स्थिति नहीं है, बल्कि इसके साथ नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं, जो उन्हें एक स्वतंत्र और सम्मानित जीवन जीने में सक्षम बनाते हैं।
नागरिकता के अधिकार
- नागरिक अधिकार
- रहने की जगह चुनने का अधिकार
- भाषण और धर्म की स्वतंत्रता,
- संपत्ति का अधिकार
- कानून के समक्ष समान
- न्याय का अधिकार
राजनितिक अधिकार
- चुनावों में भाग लेने का और सार्वजनिक पद के लिए खड़े होने का अधिकार शामिल है।
सामाजिक अधिकार
- व्यक्ति को कुछ न्यूनतम स्तर तक आर्थिक कल्याण और सुरक्षा प्राप्त होने के विशेष अधिकार से है।
प्रश्न – राज्य की संकल्पना स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- एक निश्चित क्षेत्र : राज्य के पास एक निश्चित भौगोलिक सीमा होती है और इसके अंदर आने वाले सभी संसाधनों, भूमि, जल, और वायु पर राज्य का अधिकार होता है।
- जनसंख्या : जनसंख्या में विभिन्न जाति, धर्म, भाषा और वर्ग के लोग शामिल हो सकते हैं, लेकिन सभी राज्य के कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य होते हैं।
- सरकार : सरकार राज्य का संचालन और प्रशासन करती है। यह विधायी, कार्यकारी, और न्यायिक शाखाओं में विभाजित होती है।
- सम्प्रभुता : संप्रभुता का अर्थ है राज्य का अपने क्षेत्र में सर्वोच्च और स्वतंत्र अधिकार।
प्रश्न – शिक्षा सामाजिक स्तरीकरण के मुख्य अधिकर्ता के रूप में कार्य करती है- स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें सीखने की औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार की संस्थाएँ शामिल हैं।
- आर्थिक अवसरों का निर्धारण शिक्षा के माध्यम से होता है
- श्रम का आर्थिक विभाजन बढ़ रहा है, घर से कार्यों का विभाजन हो रहा है, विशिष्ट शिक्षा और दक्षता प्राप्त करने की आवश्यकता है
- शैक्षिक संस्थानों में वर्ग और जाति का प्रभाव रहता है।
- शिक्षा,वर्ग में परिवर्तन करती है।
प्रश्न – "धर्म समाज में महत्वपूर्ण है।" समझाइए।
उत्तर -
- धर्म, एक समाजशास्त्रीय संस्था के रूप में, साझा मान्यताओं और प्रथाओं, नैतिक मार्गदर्शन, सामाजिक नियंत्रण और पीढ़ियों और समुदायों में सांस्कृतिक संचरण के माध्यम से सामाजिक मानदंडों, पहचान और सामंजस्य को आकार देता है।
धर्म का महत्व