प्रश्न - भारत में खनिज असमान रूप से वितरित है। स्पष्ट करें।
उत्तर -
1. भारत में अधिकांश धत्विक खनिज प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र की प्राचीन क्रिस्टलीय शैलों में पाए जाते है। जैसे कोयले का लगभग 97.10 भाग दामोदर, सोन, मदानदी और गोदावरी नदियों की घाटियों में पाया जाता है।
2. पैट्रोलियम के आरक्षित भंडार असम, गुजरात तथा मुंबई हाई में पाए जाते है।
3. नए आरक्षित क्षेत्र कृष्णा - गोदावरी तथा कावेरी बेसिनों में पाए जाते है।
4. खनिज मुख्यतः तीन पेटियों में संकेन्द्रित हैं।
- उत्तर - पूर्वी पठारी प्रदेश
- दक्षिण - पश्चिमी पठारी प्रदेश
- उत्तर - पश्चिमी प्रदेश
प्रश्न - भारत में खनिजों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
हम उनका संरक्षण किस प्रकार कर सकते हैं ?
उत्तर -
1. खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते हैं। भूगर्मिक दृष्टि से इन्हें बनने में लम्बा समय लगता है
2. आवश्यकता के समय तुरन्त इनका पुनर्भरण नहीं किया जा सकता।
3. इसलिए सतत् पोषणीय विकास तथा आर्थिक विकास के लिए खनिजों का संरक्षण करना आवश्यक हो जाता है।
संरक्षण की विधियाँ :-
- इसके लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन, तरंग व भूतापीय ऊर्जा के असमाप्य स्रोतों का प्रयोग करना चाहिए।
- धात्विक खनिजों में, छाजन धातुओं के उपयोग तथा धातुओं के पुर्नचक्रण पर बल देना चाहिए।
- सामरिक व अति अल्प खनिजों के निर्यात को भी घटाना चाहिए।
- सबसे उचित तरीका है खनिजों का सूझ-बूझ से तथा मितव्यतता से प्रयोग कराना है ताकि वर्तमान आरक्षित भण्डारों का लंबे समय तक प्रयोग किया जा सके।
प्रश्न - भारत में अपरंपरागत ऊर्जा के पांच स्त्रोतो के नाम बताइए और प्रत्येक स्त्रोत का एक संभावित क्षेत्र भी बताइए ।
उत्तर -
अपरंपरागत ऊर्जा के पांच स्त्रोत
1. सौर ऊर्जा :- भारत के परिचमी भागों गुजराज व राजस्थान में और ऊर्जा के विकास की अधिक संभावनाएं है।
2. पवन ऊर्जा :- पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजराज, महाराष्ट्र, तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियों विधमान है।
3. ज्वारीय ऊर्जा :- भारत के पश्चिमी तट के साथ ज्वारीय ऊर्जा विकसित होने की व्यापक संभावनाएं है।
4. भूतापीय ऊर्जा :- इसके लिए हिमालय प्रदेश, में विकसित होने की व्यापक संभावनाएं है।
5. जैव ऊर्जा :- ग्रामीण क्षेत्रों में जैव ऊर्जा विकसित होने की व्यापक संभावनाएं है।
प्रश्न - भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी :
उत्तर -
- पेट्रोलियम मोटर वाहन, रेलवे तथा वायुयान के अंतर्दहन ईंधन के लिए ऊर्जा का एक अनिवार्य स्रोत है।
- यह दवाइयां वैसलीन स्नेहक मोम साबुन आदि बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
- कच्चा पैट्रोलियम हाइड्रोकार्बन से युक्त होता है जो द्रव और गैस के दोनों अवस्था में पाया जाता है।
- अपरिष्कृत पेट्रोलियम टर्शियरी युग की अवसादी शैलों में पाया जाता है।
- भारत में वर्ष 1956 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना के बाद व्यवस्थित रूप से तेल अन्वेषण और उत्पादन कार्य प्रारंभ हुआ।
वर्तमान में देश के तेल के निक्षेप पश्चिमी एवं पूर्वी तटों पर पाए गए हैं।