Editor Posts footer ads

CLASS 12 HISTORY Mid Term Paper Solution Morning and Evening

 


MORNING SHIFT

 

MID-TERM EXAMINATION (2024-25)

CLASS: XII

SUBJECT: HISTORY (027)


सामान्य निर्देश :

(i) प्रश्न पत्र पाँच खंडों में विभाजित किया गया है क, ख, ग, घ और ङ। प्रश्न पत्र में 34 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

(ii) खंड क प्रश्न 1 से 21 तक बहुविकल्पीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न। अंक का है।

(iii) खंड ख प्रश्न संख्या 22 से 27 लघु उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं, प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 60-80 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए।

(iv) खंड ग प्रश्न संख्या 28 से 30 दीर्घ उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं, प्रत्येक प्रश्न ४ अंक का है। प्रत्येक

प्रश्न का उत्तर 300-350 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। 

(v) खंड घ प्रश्न संख्या 31 से 33 स्रोत आधारित प्रश्न हैं। प्रत्येक स्रोत के अन्तर्गत तीन उप-प्रश्न हैं। प्रत्येक स्रोत 4 अंक का है।

(vi) खंड ङ प्रश्न संख्या 34 मानचित्र प्रश्न है। प्रश्न 5 अंक का है, जिसमें महत्वपूर्ण मदों को पहचानना और स्थान कित करना शामिल है। मानचित्र को उत्तर पुस्तिका के साथ नत्थी कीजिए।

(vii) प्रश्नपत्र में कोई समग्र विकल्प नहीं है। जबकि कुछ प्रश्नों में आंतरिक विकल्प प्रदान किया गया है। एस प्रश्नों में केवल एक विकल्प का ही उत्तर दीजिए।

(viii) इसके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार प्रत्येक खंड और प्रश्न के साथ यथोचित निर्देश दिए गए हैं।

General Instructions:

(i) Question paper comprises five Sections A, B, C, D and E. There are 34 questions in the question paper. All questions are compulsory.

(ii) Section A - Question no. 1 to 21 are MCQs of 1 mark each.

(iii) Section B-Question no. 22 to 27 are Short Answer Type Questions, carrying 3 marks each. Answer to each question should not exceed 60-80 words.

(iv) Section C-Question no. 28 to 30 are Long Answer Type Questions, carrying 8 marks each. Answer to each question should not exceed 300-350 words.

(v) Section D-Question no. 31 to 33 are Source based questions with three sub questions and are of 4 marks each.

(vi) Section E- Question no. 34 is Map based, carrying 5 marks that includes the identification and labelling of significant test items.. Attach the map with the answer book.

(vii) There is no overall choice in the question paper. However, an internal choice has been provided in few questions. Only one of the choices in such questions have to be attempted.

(viii) In addition to this separate instructions are given with each sections and questions, wherever necessary.

खंड-क 

(वस्तुनिष्ठ प्रश्न)


1. निम्नलिखित में से किस अभिलेख में लगभग पाँचवी शताब्दी ईस्वी के रेशम के बुनकरों की एक श्रेणी का उल्लेख मिलता है?

(क) सारनाथ अभिलेख

(ख) मंदसौर अभिलेख 

(ग) गिरनार अभिलेख

(घ) दंगुन अभिलेख


2. निम्न में से किसे भारतीय पुरातत्व का जनक कहा जाता है?

(क) अलेक्जेंडर कनिंघम 

(ख) आर.ई.एम. व्हीलर

(ग) जॉन मार्शल

(घ) अर्नेस्ट मैके


3. बर्नियर ने, निम्न में से, भारतीय मुगलकालीन शहरों को क्या कहकर पुकारा है?

(क) सैन्य नगर

(ख) व्यापारिक नगर

(ग) सांस्कृतिक नगर

(घ) शिविर नगर 


4. चित्र को पहचानिए तथा दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -



विकल्पः

(क) रानी प‌द्मावती

(ख) सुल्तान जहाँ बंगम

(ग) शाहजहाँ बेगम

(घ) प्रभावती गुप्त


नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 4 के स्थान पर है।


बौद्ध धर्म में चिन्तन की नई परम्परा को किस नाम से जाना जाता था?

(क) हीनयान

(ख) महायान 

(ग) थेरवाद

(घ) पुरातनपन्थी


5. खाली स्थान भरिए -

.................राजाओं को उनके मातृनाम से चिन्हित किया जाता था।

(क) कुषाण

(ख) वाकाटक

(ग) शक

(घ) सातवाहन 


6. 'प्रयाग प्रशस्ति' के सन्दर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए :

(i) इसे गिरनार अभिलेख भी कहा जाता है।

(ii) इसकी रचना हरिषेण द्वारा की गई है।

(iii) इसकी सूचना प्राकृत भाषण में की गई है।

(iv) यह प्रशस्ति सम्राट समुद्रगुप्त के विषय में हैं।

विकल्पः

(क) केवल (i) एवं (ii) सही है।

(ख) केवल (ii) एवं (iv) सही है। 

(ग) केवल (i), (ii) एवं (iii) सही है।

(घ) केवल (i), (ii) एवं (iv) सही है


7. यहाँ दो कथन दिए गए हैं जिन्हें अभिकथन (A) तथा कारण (R) के रूप में चिन्हित किया गया है। नीचे दिए गए कोड के अनुसार अपना उत्तर चिन्हित कीजिए।

अभिकथन (A): इब्नबतूता द्वारा अरबी भाषा में लिखा गया उसका यात्रा वृत्तान्त 'किताब-उल-हिन्द' कहलाता है।

कारण (R) : मोरक्को के इस यात्री का जन्म तेजियर के एक शिक्षित तथा सम्मानित परिवार में हुआ था।

विकल्पः

(क) (A) एवं (R) दोनो सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।

(ख) (A) एवं (R) दोनों सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(ग) (A) सत्य है किन्तु (R) असत्य है।

(घ) (A) असत्य है किन्तु (R) सत्य है। 


8. दी गई सूचना के आधार पर हड़प्पाई केन्द्र की पहचान कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए।

  • इस हड़प्पाई स्थल से नहरों के कुछ अवशेष मिले हैं।
  • यह अत्यन्त कीमती माने जाने वाले नीले रंग के पत्थर लाजवर्द मणि के सबसे अच्छे स्रोत के निकट स्थित था।

विकल्पः

(क) शोर्तुघई 

(ख) धौलावीरा

(ग) चन्हूदड़ो

(घ) नागेश्वर


9. संस्कृत व्याकरण 'अष्टाध्यायी' के लेखक कौन है?

(क) भरतमुनि

(ख) पाणिनी 

(ग) चरक

(घ) सुश्रुत


10. "महान" तथा 'लघु' परम्पराओं के सन्दर्भ में दिए गए कथनों में से कौन सा सत्य नहीं है?

(क) बीसवीं शताब्दी के समाजशास्त्री रॉबर्ट रेडफील्ड के द्वारा इन शब्दों का मुद्रण किया गया था।

(ख) पुरोहितों तथा राजाओं द्वारा पालन किए जाने वाले कर्मकाण्डों को "महान" परम्परा की संज्ञा दी गई।

(ग) व्यापारियों द्वारा पालन किए जाने वाले कर्मकाण्ड "लघु" परम्परा कहे गये। 

(घ) इन दोनों परम्पराओं के परस्परिक आदान-प्रदान का सबसे विशिष्ट उदाहरण 'जगन्नाथ मंदिर' पुरी, उड़ीसा में मिलता है।


11. दिए गए कथनों की ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा सही शासक का चयन कीजिए।

(i) पंद्रहवीं शताब्दी में ये उड़ीसा के शक्तिशाली शासक थे।

(ii) इन्हें हाथियों का स्वामी भी कहा जाता था।

विकल्पः

(क) गजपति शासक 

(ख) अश्वपति शासक

(ग) नरपति शासक

(घ) राय शासक


12. निम्नलिखित में हड़प्पाकालीन बाट सामान्यतः किस पत्थर से बनाए जाते थे?

(क) चर्ट 

(ख) फयॉन्स

(ग) सेलखड़ी

(घ) ग्रेनाइट


13. स्तम्भ-1 का स्तम्भ-II से मिलान करते हुए नीचे दिए विकल्पों में से सही का चयन कीजिए -


स्तम्भ-1                            स्तम्भ-II


i. लुम्बिनी                      a. जहाँ बुद्ध ने निव्बान प्राप्त किया

ii. कुशीनगर                   b. जहाँ बुद्ध जन्मे थे

iii. सारनाथ                    c. जहाँ उन्होंने प्रथम उपदेश दिया

iv.बोधगया                     d.जहाँ उन्हें (बुद्ध को) ज्ञान प्राप्त हुआ

विकल्प:

              i     ii       iii      iv

(क)        a    b       c       d

(ख)         a     c     d      b

(ग)         b     a     c      d 

(घ)         c     a     b      d


14. निम्न में से किस दार्शनिक के द्वारा बर्नियर के वृत्तान्तों का प्रयोग 'प्राच्च निरंकुशवाद' के सिद्धान्त को विकसित करने के लिए किया गया?

(क) मॉन्टेस्क्यू 

(ख) कार्ल मार्क्स

(ग) रूसो

(घ) तैर्वानंयर


15. 'शादीनामा' और 'लोरीनामा' के रूप में लिखी गई दविखनी कविताएँ किस क्षेत्र में रचित हुई?

(क) तमिलनाडु

(ख) आन्ध्रप्रदेश

(ग) कर्नाटक 

(घ) केरल


16. संस्कृत के ग्रंथ तथा अभिलेखों में 'वणिक' शब्द किसके लिए प्रयुक्त किया जाता है?

(क) कृषकों के लिए

(ख) व्यापारियों के लिए 

(ग) सैनिकों के लिए

(घ) मंत्रियों के लिए


17. ईंटों की बनी अतिया मस्जिद (1609) निम्न में से किस जगह पर है?

(क) पाकिस्तान

(ख) बांग्लादेश 

(ग) सऊदी अरब

(घ) मक्का


18. दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कीजिए तथा रिक्त स्थान भरिए :

हड़प्पा सभ्यता में चोलिस्तान के कई स्थलों और मिले हैं। से मिट्टी के बने हल के प्रतिरूप

(क) शोर्तुघई

(ख) कोटदोजी

(ग) बनावली 

(घ) राखीगढ़ी


19. दी गई सूचना के आधार पर यात्री को पहचानिए तथा नीचे दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कीजिए।

  • 1440 ई. में लिखा गया इनका यात्रा वृत्तान्त संवेगों तथा अवबोधनों का एक रोचक मिश्रण है।
  • अपनी भारत यात्रा के दौरान वह मंगलौर आया तथा पश्चिमी घाट को पार किया

विकल्पः

(क) अबुल फजल

(ख) इब्नबतूता

(ग) अब्दुर्रज्जाक 

(घ) बर्नियर


20. 'इस्लाम के सन्दर्भ में जिम्मी' का क्या तात्पर्य है?

(क) संरक्षित श्रेणी 

(ख) व्यासपीठ

(ग) जंजीर

(घ) अनुयायी


21. "तुम्हारा पक्षी हाजा पक्षी हो, उसकी आवाज राजप्रासाद में सुनाई दे।" उपर्युक्त कथन में पुरातत्त्वविदों के अनुसार 'हाजा पक्षी' किस पक्षी को कहा गया है?

(क) बाज

(ख) कबूतर

(ग) सारस

(घ) मोर 


  खंड-ख  

 ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) 


22. हड़प्पाकालीन लिपि की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करते हुए बताइए कि इसे एक 'रहस्यमयी' लिपि क्यों कहा जाता है?

उत्तर -

हड़प्पाई लिपि को रहस्यमयी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे अभी तक पूर्णरूप से पढ़ा नहीं जा सका है।

विशेषताएँ -

  • चित्रात्मक लिपि
  • सबसे लम्बे अभिलेख में 26 चिन्ह
  • 375 से 400 चिन्हों की संख्या
  • दाएँ से बाएँ लिखी जाती थी (ऐसा प्रतीत होता है)


अथवा


हड़प्पा शहरों की सबसे अनूठी विशिष्टताओं में से एक उत्कृष्ट तथा योजनाबद्ध तरीके से बनाई गई नालियाँ थी। कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर -

जल निकास प्रणाली हड़प्पा शहरों की सबसे अनूठी विशेषता थी-

  • हड़प्पा जल निकास प्रणाली समृद्ध थी
  • नालियां मिट्टी के गारे और जिप्सम से बनी थी
  • इनको बड़े पत्थर से ढंका गया था
  • घर की छोटी नालियां बाहर की नालियों से आकर मिलती थी
  • पहले नालियों और सड़कों का निर्माण किया गया
  • उसके बाद अगल बगल घर बनाए गए


23. छठीं से चौथी शताब्दी ई.पू. में मगध के सबसे शक्तिशाली महाजनपद बनने के पीछे कौन से कारण उत्तरदायी थे?

उत्तर -

छठी शताब्दी से चौथी शताब्दी ई.पू. में मगध के शक्तिशाली होने के कारण

1. खेती की उपज अच्छी थी

2. लोहे की खदानें उपलब्ध थी जिससे उपकरण और  हथियार बनाना सरल था 

3. जंगलो में हाथियों की उपलब्धता थी जिन्हें सामान ढोने और युधो में प्रयोग किया जाता था 

4. गंगा एवं इसकी उपनदियाँ यातायात का सुलभ साधन थी 

5. बिंबिसार, अजातसत्तु महापद्मनंद जैसे प्रसिद्ध राजा अत्यंत महत्त्वाकांक्षी शासक थे, इनके मंत्री उनकी नीतियाँ लागू करते थे।



24. 'महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण' नामक वृहद तथा व्यापक परियोजना कब तथा किसके नेतृत्व में प्रारम्भ हुई? इसके पूर्ण होने के पश्चात् कौन सी दो बातें विशेष रूप से उभर कर आई?

उत्तर -

महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण -

  • 1919 ई. में संस्कृत विद्वान वी.एस. सुकथांकर के नेतृत्व में पूर्ण हुआ परियोजना के पूर्ण होने के बाद दो बातें उभर कर आईं

1. पहली संस्कृत के कई पाठों के अंशों में समानता थी। कश्मीर, नेपाल से लेकर केरल तथा तमिलनाडू तक सभी पांडुलिपियों में समानता थी।

2. दूसरी कुछ शताब्दियों के दौरान हुए महाभारत के प्रेषण में अनेक क्षेत्रीय प्रभेद भी उभर कर सामने आए।


25. अलबिरूनी ने भारत के सन्दर्भ में कौन-सा ग्रंथ लिखा था? अलबिरूनी द्वारा कौन से अवरोधों का उल्लेख किया गया था जो कि भारतीय उपमहाद्वीप को समझने में बाधक थे?

उत्तर -

👉 अलबिरूनी ने भारत के सन्दर्भ में किताब-उल-हिन्द लिखी थी 

अलबिरूनी ने भारत के सन्दर्भ में अवरोध

1. भाषा (संस्कृत, फारसी तथा अरबी से भिन्न थी)

2. धार्मिक अवस्था तथा प्रथा की भिन्नता

3. अभिमान


26. बासवन्ना के नेतृत्व में 12वीं शताब्दी में कौन-से नवीन भक्ति आन्दोलन का उद्भव हुआ? इस आन्दोलन के विभिन्न सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।

उत्तर -


  • कर्नाटक में बारहवीं शताब्दी में बासवन्ना द्वारा शुरू किए गए वीरशैव आन्दोलन को ही लिंगायत आन्दोलन कहा जाता है।
  • इस परम्परा को मानने वाले लिंगायत कहा गया।
  • इनके अनुयाई एक लिंग को धारण करते थे चाँदी की पिटारी में बाम स्कन्ध पर

लिंगायतों के सिद्धान्त 

1. मृत्यु उपरान्त शिव में लीन हो जाऐंगे ऐसी मान्यता थी।

2. श्राद्ध संस्कार का पालन नहीं करते थे।

3. मृतकों को विधिपूर्वक दफनाते थे।

4. जाति तथा ब्राह्मणीय अवधारणा का विरोध।

5. वयस्क विवाह तथा विधवा पुनर्विवाह को मान्यता।


27. विजयनगर साम्राज्य में स्थापित एक विशालकाय संरचना 'महानवमी डिब्बा' के अनुष्ठानिक महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

महानवमी डिब्बा की औपचारिक (अनुष्ठान सम्बन्धी) विशेषताएँ -

  • महानवमी डिब्बा से संबंधित अनुष्ठानों का बहुत महत्व था
  • इस संरचना से जुड़े अनुष्ठान संभवत सितंबर तथा अक्टूबर के शरद मासों में मनाए जाने वाले 10 दिन के हिंदू त्यौहार जिसे दशहरा या नवरात्रि कहा जाता है
  • इस अवसर पर विजयनगर के शासक अपने रुतबे ताकत तथा अधिराज्य का प्रदर्शन करते थे
  • इस अवसर पर होने वाले धर्म अनुष्ठानों में मूर्ति की पूजा, राज्य के अश्व की पूजा, भैंस तथा अन्य जानवरों की बलि दी जाती थी
  • नृत्य , कुश्ती प्रतिस्पर्धा तथा साज लगे घोड़े, हाथियों तथा रथों और सैनिकों की शोभायात्रा निकाली जाती थी


              अथवा


विजयनगर साम्राज्य के एक महत्त्वपूर्ण तथा केन्द्रीय धार्मिक स्थल, विरूपाक्ष मन्दिर की संरचनात्मक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

विरूपाक्ष मंदिर की विशेषताएँ -


  • मंदिर के संरक्षक देवता विरूपाक्ष और पम्पादेवी थे।
  • विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण कई शताब्दियों में हुआ था विजयनगर साम्राज्य की स्थापना के बाद इसे कहीं अधिक बड़ा किया गया था
  • मंदिरों का अध्ययन केंद्र के रूप में कार्य किया जाता है।
  • धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में मंदिर।
  • शाही प्राधिकरण की विशाल पैमाने की संरचना।
  • इन मंदिरों में सभागार और मंडप होते थे यहां देवी देवताओं की आराधना की जाती थीहॉल को नक्काशीदार खंभों से सजाया गया है।
  • केंद्रीय स्थल या गर्भगृह
  • मंदिर में बने हॉल विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाते हैं।


  खंड-ग  

  ( दीर्घ उत्तरीय-प्रश्न )  


28. सिक्कों के अध्ययन को क्या कहा जाता है? छठीं शताब्दी ई.पू. से छठीं शताब्दी के मध्य के इतिहास को समझने में सिक्के किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हुए हैं तथा छठीं शताब्दी से सोने के सिक्के मिलना क्यों कम हो गए थे?

उत्तर -

छठीं शताब्दी ईसा पूर्व से छठीं शताब्दी ई. तक के सिक्कों की विशेषताएँ -


  • सिक्कों के अधयन को मुद्राशास्त्र कहते है।
  • सिक्के विनिमय के साधन के रूप में प्रचलित हुए।
  • छठीं शताब्दी ईसा पूर्व में चाँदी और ताँबे के आहत सिक्के ढ़ाले और प्रयोग में लाए गए।
  •  हमें व्यापारिक तंत्र के बारे में पता चलता है की यह कहा तक फैला था 
  • आहत सिक्कों पर बने प्रतीकों से राजवंशों की पहचान होती है।
  • व्यापारियों, धनपतियों द्वारा भी सिक्के जारी किए गए हैं।
  • राजाओं के नाम और उनकी प्रतिमा के साथ सबसे पहले सिक्के हिन्द-यूनानी शासकों द्वारा जारी किए गए।
  • सिक्कों का प्रचलन में आना व्यापर के विकास को दर्शाता है 
  • सिक्कों की कमी आर्थिक संकट को दर्शाती है 
  • रोमन साम्राज्य के पतन के बाद दूरवर्ती व्यापार में कमी आयी क्यूंकि धातुओ की कमी से सिक्के नहीं बं पाए 
  • नगरों और व्यापार के नवीन तंत्रों का उदय हुआ जिससे आन्तरिक और बाहरी व्यापर विस्तृत हुआ 


अथवा


"यद्यपि 'अभिलेख' किसी भी इतिहास को जानने के लिए एक उत्तम साधन अथवा स्रोत हैं तथापि इनकी अपनी कुछ सीमाएँ हैं जो इतिहासकारों को अन्य स्रोतों की सहायता लेने के लिए बाध्य करती हैं।" कथन के सन्दर्भ में अभिलेखों की उपयोगिता तथा सीमाओं की चर्चा कीजिए।

उत्तर -

अभिलेखों की उपयोगिता -

  • अभिलेखों के अध्ययन को अभिलेख शास्त्र कहते हैं।
  • तिथि न मिलने पर इनका कालनिर्धारण पुरालिपि अथवा लेखन शैली के आधार पर किया जाता है।
  • इनके निर्माण की तिथि भी खुदी होती है।
  • अभिलेखों में उन लोगों की उपलब्धियों, क्रियाकलाप या विचार लिखें जाते है जो इन्हें बनवाते हैं।
  • प्राचीनतम अभिलेख प्राकृत (जनसामान्य) भाषाओं में लिखे जाते थे।
  • इनमें धार्मिक संस्थाओं के दिए गए दान का ब्यौरा होता है।
  • पत्थर, धातु या मिट्टी के बर्तन जैसी कठोर सतह पर खुदे होते हैं


अभिलेख साक्ष्यों की सीमाएँ -

  • अभिलेख धूमिल उत्कीर्ण हैं और पुनर्निर्माण अनिश्चित हैं।
  • शिलालेख क्षतिग्रस्त हो सकता है या पत्र गायब हैं।
  • शिलालेख में प्रयुक्त शब्दों के सटीक अर्थ के बारे में सुनिश्चित होना हमेशा आसान नहीं होता है।
  • अभिलेख नष्ट भी हो जाते है जिनसे शब्द लुप्त हो जाते हैं।
  • अभिलेख केवल उन्हीं लोगों के विचार व्यक्त करते हैं जो उन्हें बनवाते हैं।
  • अनेक अभिलेख कालांतर में सुरक्षित नहीं बचे।
  • कुछ अभिलेख अंश मात्र हैं।
  • अभिलेखों के शब्दों का अर्थ निकाल पाना आसान नहीं।


29. "साँची के स्तूप की मूर्तिकला को समझने के लिए बौद्ध साहित्य तथा लोक परम्पराओं को जानना अति आवश्यक है।" उचित उदाहरणों की सहायता से कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर -

साँची की मूर्तिकला को समझने में बौद्ध साहित्य तथा लोक परम्पराओं का ज्ञान सहायक है -

  • पत्थरों में गढ़ी कथाएँ - बेसान्तर जातक की कथा तोरण द्वार का हिस्सा।
  • तोरणद्धार की मूर्तिकला जातक की कहानियों से ली गई थी। 
  • वेसान्तर जातककथा एक दयालु राजकुमार की कहानी है।


उपासना के प्रतीक -

1. रिक्त स्थान बुद्ध के ध्यान की दशा, 'स्तूप' महापरिनिव्बान का प्रतीक है।

2. चक्र बुद्ध द्वारा सारनाथ में दिए गए पहले उपदेश का प्रतीक है।

3. बोधिवृक्ष ज्ञान प्राप्ति के लिए उपासना का प्रतीक

4. स्तूप महापरिनिर्वाण का प्रतीक

5. घोड़ा  गृह त्याग का प्रतीक


लोक परम्पराएँ -

  • शाल भंजिका की मूर्ति के लिए कहा जाता है जिसके छुए जाने से वृक्षों में फूल खिल उठते थे।
  • जो लोग बौद्ध धर्म में आए उन्होंने बुद्ध-पूर्व और बौद्ध धर्म से इतर दूसरे विश्वासों, प्रथाओं और धारणाओं से बौद्ध धर्म को समृद्ध किया।
  • यहाँ जातकों से ली गई जानवरों की कई कहानियाँ है जैसे हाथी, घोड़े, बंदर और गाय-बैल आदि। हाथी शक्ति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता था।
  • इन प्रतीकों में कमल दल और हाथियों के बीच बुद्ध की माँ माया की मूर्ति है पर दूसरे इतिहासकार उन्हें गजलक्ष्मी मानते है।
  • कई स्तंभों पर सर्प भी दिखते हैं जो लोक-परंपराओं का हिस्सा है।


अथवा


वैष्णववाद तथा शैववाद के उदय से जुड़ी वास्तुकला तथा मूर्तिकला के विकास का सोदाहरण उल्लेख कीजिए।

उत्तर -

वैष्णवाद तथा शैववाद के उदय से जुडी वास्तुकला तथा मर्तिकला का विकास 

  • वैष्णववाद - विष्णु जी के दस अवतारों की पूजा की जाती थी।
  • देवी देवता की मूर्ति के लिए मंदिर बनाए जो एक चौकोर कमरा होता था।
  • बाद में इनका ढांचा ऊंचा होने लगा-शिखर बनाने लगे उपासक मूर्ति-पूजा के लिए अंदर जा सकता था।
  • मंदिर बड़े बनाए जाने लगे सभास्थल, तोरणद्वार, घंटिया, मूर्ति आदि मंदिर से जुड़ गए 
  • कुछ मंदिर पहाड़ी काटकर गुफाओं के रूप में बनाए गए कैलाश मंदिर, बराबर की पहाड़ियों में गुफा मंदिर।


हिंदू मूर्तिकला और कला -

1. शेषनाग के साथ पृथ्वी (पेहोल), वराह, आदि।

2. शैव मत लिंग रूप में शिव की मूर्तियाँ

3. मानव रूप में भी शिव की मूर्तियाँ

4. महाबलीपुरम में दुर्गा की छवि

5. मथुरा में वासुदेव कृष्ण की मूर्ति

6. एलोरा की मूर्तियाँ

7. कैलाशनाथ मंदिर 


30. 'विजयनगर के सन्दर्भ में विस्मित करने वाले तथ्य वहाँ की जल सम्पदा तथा बहुआयामी किलेबन्दी थी।' कथन की विवेचना कीजिए।

उत्तर -

विजयनगर की जल संपदा -

  • तुंगभद्रा नदी द्वारा निर्मित प्राकृतिक कुण्ड था साथ ही आस-पास रमणीय ग्रेनाइट की पहाड़ियाँ, जो शहर के चारों ओर करधनी का निर्माण करती हैं।
  • अलग-अलग आकारों के हौज , कमलपुरम् जलाशय जिससे न केवल आस-पास के खेतों की सिंचाई बल्कि एक नहर के माध्यम से 'राजकीय केन्द्र' तक भी पानी ले जाया जाता था। जैसे - हिरिया नहर

विजयनगर की किलेबंदी -

  • अब्दुर रज्जाक विजयनगर की किलेबंदी से बहुत प्रभावित होता है।
  • उसने दुर्ग की सात पंक्तियों का उल्लेख किया।
  • इसने न केवल शहर को बल्कि कृषि में प्रयुक्त आस-पास के क्षेत्र तथा जंगलों को भी घेरा गया था।
  • सबसे बाहरी दीवार शहर के चारों ओर बनी पहाड़ियों को आपस में जोड़ती है।
  • गारे का इस्तेमाल नहीं किया गया था। पत्थर के टुकड़े फनाकार थे जिसके कारण वे अपने स्थान पर टिके रहते थे।
  • इस किलेबंदी की खासियत थी कि इससे खेतों को भी घेरा गया है।
  • दूसरी किलेबंदी नगरीय केन्द्र के आंतरिक भाग के चारों ओर बनी हुई थी।
  • तीसरी से शासकीय केन्द्र को घेरा गया था।
  • दुर्ग में प्रवेश के लिए अच्छी तरह सुरक्षित प्रवेश द्वार हैं।
  • कृषि क्षेत्रों को किलेबंद भू-भाग में रखने का महत्व था ताकि लड़ाइयों के दौरान खाद्य सामग्री से राज्य को वंचित न होना पड़े।


         अथवा


'मैकेन्जी द्वारा किए गए आरम्भिक सर्वेक्षणों के बाद यात्रा वृत्तान्तों तथा अभिलेखों से मिली जानकारी को एक साथ जोड़कर मानचित्र पर महलों, मन्दिरों तथा बाजारों का अंकन संभव हो सका।' कथन को न्यायसंगत ठहराइए।

उत्तर -

  • मैकेन्जी द्वारा किए गए आरम्भिक सर्वेक्षणों के बाद यात्रा-वृत्तान्तों और अभिलेखों से मिली जानकारी को एक साथ जोड़ा गया।
  • बीसवीं शताब्दी में इस स्थान का संरक्षण भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण तथा कर्नाटक पुरातात्विक एवं संग्रहालय विभाग द्वारा किया गया।
  • 1976 में हम्पी को राष्ट्रीय महत्त्व के स्थल के रूप में मान्यता मिली।
  • 1980 के दशक में भौतिक अवशेषों की सूक्ष्मता से प्रलेखन की एक महत्त्वपूर्ण परियोजना का प्रारम्भ हुआ।
  • मानचित्र निर्माण का पहला चरण यह था कि संपूर्ण क्षेत्र को 25 वर्गाकार भागों में बाँटा गया और प्रत्येक वर्ग को वर्णमाला के एक अक्षर से इंगित किया गया।
  • फिर इन्हें पुनः छोटे वर्गों में बाँटा आगे फिर इनको और छोटे वर्गों में बाँटा।
  • हजारों संरचनाओं के अंशों छोटे देवस्थलों और आवासों से लेकर विशाल मंदिरों तक को पुनः उजागर किया उनका प्रलेख भी लिखा गया।
  • इस सबके कारण सड़कों, रास्तों तथा बाजारों आदि के अवशेषों को पुनः प्राप्त किया जा सका


 खंड-घ 

( स्रोत आधारित प्रश्न )


31. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

विवाह के आठ प्रकार

यहाँ मनुस्मृति से पहली, चौथी, पाँचवीं और छठी विवाह पद्धति का उद्धरण दिया जा रहा है:

पहली : कन्या का दान, बहुमूल्य वस्त्रों और अलंकारों से विभूषित कर उसे वेदज्ञ वर को दान दिया जाए जिसे पिता ने स्वयं आमंत्रित किया हो।

चौथी : पिता वर-वधू युगल को यह कहकर संबोधित करता है कि "तुम साथ मिलकर अपने दायित्वों का पालन करो।" तत्पश्चात यह वर का सम्मान कर उसे कन्या का दान करता है।

पाँचवीं : वर को वधू की प्राप्ति तब होती है जब वह अपनी क्षमता व इच्छानुसार उसके बांधवों को और स्वयं वधू को यथेष्ट धन प्रदान करता है।

छठीं : स्त्री और पुरुष के बीच अपनी इच्छा से संयोग... जिसकी उत्पत्ति काम से है...


31.1 'मनुस्मृति का संकलन कब हुआ?

उत्तर -

  • लगभग 200 ई.पू. से 200 ई. के बीच


31.2 धर्मशास्त्रों में कितने विवाहों को स्वीकृति है तथा कितने प्रकार के विवाह उत्तम माने गए हैं?

उत्तर -

  • आठ, प्रथम 4 प्रकार के


31.3 बहिर्विवाह पद्धति का क्या अर्थ है?

उत्तर -

1. गोत्र के बाहर विवाह करना

2. ऊँची प्रतिष्ठा वाले परिवारों की कन्याओं का उचित समय पर उचित व्यक्ति से विवाह होना।


32. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

मुगल शहज़ादी जहाँआरा की तीर्थयात्रा 1643

निम्नलिखित गद्यांश जहाँआरा द्वारा रचित शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की जीवनी मुनिस-अल-अखाह (यानी आत्मा का विश्वस्त) से लिया गया है।

अल्लाहताला की तारीफ़ के बाद.... यह फकीरा जहाँआरा... राजधानी आगरा से अपने पिता (बादशाह शाहजहाँ) के संग पाक और बेजोड़ अजमेर के लिए निकली... मैं इस बात के लिए वायदापरस्त थी कि हर रोज और (हर मुकाम पर मैं दो बार की अख्तियारी नमाज अदा करूंगी... बहुत दिन... मैं रात को बाघ के चमड़े पर नहीं सोई और अपने पैर मुकद्दस दरगाह की तरफ नहीं फैलाए, न ही मैंने अपनी पीठ उनकी तरफ की। मैं पेड़ के नीचे दिन गुजारती थी।)

वीरवार को रमजान के मुकद्दस महीने के चौथे रोज मुझे चिराग और इतर में डूबे दरगाह की जियारत की खुशी हासिल हुई... चूँकि दिन की रोशनी की एक छड़ी बाकी थी मैं दरगाह के भीतर गई और अपने जर्द चेहरे को उसकी चौखट की धूल से रगड़ा। (दरवाजे से मुकद्दस दरगाह तक मैं नंगे पाँव वहाँ की जमीन को चूमती हुई गई। गुम्बद के भीतर रोशनी से भरी दरगाह में मैंने मजार के चारों ओर सात फेरे लिए। आख़िर में अपने हाथों से मुकद्दस दरगाह पर मैंने सबसे उम्दा इतर छिड़का। चूंकि गुलाबी दुपट्टा जो मेरे सिर पर था, मैं उतार चुकी थी इसलिए उसे मैंने मुकद्दस मजार के ऊपर रखा।...


32.1 शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह कहाँ पर है?

उत्तर -

  • अजमेर में


32.3 जहाँआरा दरगाह कब पहुँची?

उत्तर -

  • वीरवार को रमजान के मुकद्दस महीने के चौथे रोज


32.3 दरगाह पहुँचने से पूर्व जहाँआरा में किन-किन नियमों का पालन किया?

उत्तर -

1. बाघ के चमड़े पर नहीं सोई

2. पैर दरगाह की ओर नहीं किए न ही पीठ की

3. पेड़ के नीचे दिन गुजारे।


33. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

गरीब किसान

यहाँ बर्नियर द्वारा ग्रामीण अंचल में कृषकों के विषय में दिए गए विवरण से एक उद्धरण दिया जा रहा है 

हिंदुस्तान के साम्राज्य के विशाल ग्रामीण अंचलों में से कई कैवल रेतीली भूमियाँ या बंजर पर्वत ही हैं। यहाँ की खेती अच्छी नहीं है और इन इलाकों की आबादी भी कम है।) यहाँ तक कि कृषियोग्य भूमि का एक बड़ा हिस्सा भी श्रमिकों के अभाव में कृषि विहीन रह जाता है; इनमें से कई श्रमिक गवर्नरों द्वारा किए गए बुरे व्यवहार के फलस्वरूप मर जाते हैं। गरीब लोग जब अपने लोभी स्वामियों की माँगों को पूरा करने में असमर्थ हो जाते हैं तो उन्हें न केवल जीवन-निर्वहन के साधनों से वंचित कर दिया जाता है, बल्कि उन्हें अपने बच्चों से भी हाथ धोना पड़ता है, जिन्हें दास बना कर ले जाया जाता है। इस प्रकार ऐसा होता है कि इस अत्यंत निरंकुशता से हताश हो किसान गाँव छोड़कर चले जाते हैं।

इस उद्धरण में बर्नियर राज्य और समाज से संबंधित यूरोप में प्रचलित तत्कालीन विवादों में भाग ले रहा था, और उसका प्रयास था कि (मुगल कालीन भारत से संबंधित उसका विवरण यूरोप में उन लोगों के लिए एक चेतावनी का कार्य करेगा जो निजी स्वामित्व की "अच्छाइयों" को स्वीकार नहीं करते थे।


33.1 बर्नियर द्वारा लिखे गए ग्रंथ का नाम लिखिए।

उत्तर -

  • "ट्रेवल्स इन दी मुगल एम्पायर'


33.2 बर्नियर के अनुसार भारत में बेहतर भूधारकों के वर्ग का उदय किस कारण से अवरूद्ध है?

उत्तर -

  • निजी स्वामित्व के आभाव के कारण


33.3 मुगलकालीन भारत से सम्बधित उसके विवरण यूरोप के लोगों को क्या चेतावनी देते हैं?

उत्तर -

  • बर्नियर यूरोप वासियों को चेतावनी देता है कि भारत गरीबों का देश है तथा यूरोपवासी यदि उनका अनुसरण करेंगे तो वे भी गरीब हो जाएंगे।


 खंड-ङ 

 ( मानचित्र आधारित प्रश्न ) 


34. 34.1 भारत के दिए गए रेखा मानचित्र पर हड़प्पा सभ्यता के केन्द्रों को उपयुक्त चिन्हों से दिखाइए तथा उनके नाम भी लिखिए।

क. नागेश्वर

ख. कोटदीजी

ग. धोलावीरा अथवा कालीबंगन


34.2 इसी रेखा मानचित्र में दो महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों को A तथा B से अंकित किया गया है। उन्हें पहचानिए तथा निकट खिंची रेखाओं पर सही नाम लिखिए।

उत्तर -

A.अमरावती

B.भरहुत



नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्नसंख्या 34 के स्थान पर हैं।


34.1 हड़प्पा सभ्यता में नागेश्वर में कौन सा शिल्प कार्य होता था?

उत्तर -

  • शंख तथा सीप की कटाई का कार्य


34.2 धौलावीरा से किसके साक्ष्य मिले हैं?

उत्तर -

  • जलाशय तथा छेद करने वाले यन्त्र के साक्ष्य


34.3 हड़प्पा सभ्यता में जुते हुए खेतों के साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं?

उत्तर -

  • कालीबंगन


34.4 संघ में आने वाली पहली महिला भिक्खुनी कौन थी?

उत्तर -

  • महाप्रजापति गौतमी


34.5 बुद्ध की शिक्षाओं को किस आधार पर पुनर्निमित किया गया है?

उत्तर -

  • सुत्तपिटक की कहानी के आधार पर





EVENING SHIFT

 


 खंड-क 

 ( वस्तुनिष्ठ प्रश्न ) 

1. 'माई आर्कियोलोजिकल मिशन टू इंडिया एंड पाकिस्तान' 1976 के लेखक निम्न में से कौन है?

(क) जॉन मार्शल

(ख) आर.ई.एम. व्हीलर 

(ग) कनिंघम

(घ) अर्नेस्ट मैके


2. बौद्ध मठों में रहने वाले लोगों के लिए नियमों का संग्रह किस ग्रंथ में है?

(क) अभिधम्म पिटक

(ख) सुत्त पिटक

(ग) अशोकावदान

(घ) विनय पिटक 


3. निम्नलिखित में से किस प्रसिद्ध यूरोपीय लेखक के द्वारा दक्षिण भारत के व्यापार तथा समाज का एक विस्तृत विवरण लिखा गया?

(क) दुआर्ते बारबोसा 

(ख) ज्यों वेपिटिस्ट टैवर्नियर

(ग) बर्नियर

(घ) मनूकी


4. चित्र को पहचानिए तथा दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-


विकल्पः

(क) महानवमी डिव्या पर उत्कीर्णण

(ख) हजार राम मन्दिर की दीवारों पर मूर्तिकला 

(ग) कमल महल

(घ) हाथियों का अस्तबल


नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 4 के स्थान पर है।


समकालीन लोगों, नाम द्वारा विजयनगर के लिए क्या शब्द प्रयोग में लाया जाता था?

(क) तमिल साम्राज्यमु

(ख) केरल साम्राज्यमु

(ग) कर्नाटक साम्राज्यमु 

(घ) आंध्र साम्राज्यमु


5. रिक्त स्थान भरिए -

.................नामक एक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार अशोक ने बुद्ध के अवशेषों के हिस्से हर महत्त्वपूर्ण शहर में बाँट कर उनके ऊपर स्तूप बनाने का आदेश दिया।

(क) अशोकावदान 

(ख) महापरिनिव्यात सुत्त

(ग) विनय पिटक

(घ) अभिधम्म पिटक


6. नाथ, जोगी तथा सिद्ध संतों के सन्दर्भ में दिए गए कथनों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए।

(i) ये रूढ़िवादी ब्राह्मणीय साँचे के बाहर थे।

(ii) इनमें बहुत सारे लोग शिल्पी समुदाय के थे।

(iii) इन्होने वेदों की सत्ता को चुनौती दी।

(iv) अपनी लोकप्रियता के कारण इन्होंने शासक वर्ग का प्रश्रय भी हासिल किया।

विकल्पः

(क) केवल (i) एवं (ii) सही है।

(ख) कंवल (ii) एवं (iii) सही है।

(ग) केवल (i), (ii) एवं (iii) सही है। 

(घ) (i), (ii), (iii) एवं (iv) सभी सही हैं।


7. यहाँ दो कथन दिए गए हैं जिन्हें अभिकथन (A) तथा कारण (R) के रूप में चिन्हित किया गया है। नीचे दिए गए कोड के अनुसार अपना उत्तर चिन्हित कीजिए।

अभिकथन (A) : अधिकांश हड़प्पा स्थल अर्थ शुष्क क्षेत्रों में स्थित है वहाँ सम्भवतः कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता पड़ती होगी।

कारण (R) : धौलायौरा (गुजरात में मिले जलाशयों का प्रयोग सम्भवतः कृषि के लिए जल संचयन हेतु किया जाता था।

विकल्पः

(क) (A) एवं (R) दांनी सत्य हैं तथा (R). (A) की सही व्याख्या है। 

(ख) (A) एवं (R) दोनों सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(ग) (A) सत्य है किन्तु (R) असत्य है।

(घ) (A) असत्य है किन्तु (R) सत्य है।


8. दी गई सूचना के आधार पर व्यक्ति विशेष की पहचान कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए

• इन्होंने एक अभियन्ता, सर्वेक्षक तथा मानचित्रकार के रूप में प्रसिद्धि हासिल की।

• इन्होनें हम्पी का पहला सर्वेक्षण मानचित्र तैयार किया।

विकल्पः

(क) थॉमस हिकी

(ख) वर्नियर

(ग) कर्नल कॉलिन मैकेन्जी 

(घ) डोमिंगो पेस


9. संस्कृत भाषा में वर्णित 'शाल भंजिका' की मूर्ति को किसका प्रतीक माना गया है?

(क) शान्ति का

(ख) प्रेम का

(ग) शुभ का 

(घ) सौन्दर्य का


10. विजयनगर साम्राज्य की प्रगति तथा विस्तार के सन्दर्भ में दिए गए तथ्यों में से कौन सा सत्य नहीं है?

(क) इस सम्राज्य की स्थापना कृष्णदेव राय ने की थी। 

(ख) कृष्णदेव राय तुलुव वंश से सम्बद्ध थे।

(ग) उन्होंनें रायचूर दोआब को जीता।

(घ) उन्होंने 'नगलपुरम्' नामक उपनगर की स्थापना भी की।


11. निम्मलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा दिए गए विकल्पों में से सही शासक का चयन कीजिए -

• यह दूसरी शताब्दी का एक शक शासक था।

• इन्होंने सुदर्शन झील की मरम्मत करवाई।

विकल्पः

(क) समुद्रगुप्त

(ख) चन्द्रगुप्त

(ग) कनिष्क

(घ) रुद्रदमन 


12. निम्नलिखित में से किस इतिहासकार ने भूमि राजस्व को 'राजत्व का पारिश्रमिक' कहा है?

(क) अबुल फजल 

(ख) वर्नियर

(ग) अब्दुर्रज्जाक

(घ) पीटर मुंडी


13. स्तम्भ-1 का स्तम्भ-II से मिलान करते हुए नीचे दिए विकल्पों में से सही का चयन कीजिए -


स्तम्भ-1                      स्तम्भ-II

i.वृक्ष                      a.महापरिनिव्वान

ii.रिक्त स्थान             b.बुद्ध की ध्यान की दशा

iii.चक्र                    c.सारनाथ में बुद्ध का प्रथम उपदेश

iv.स्तूप                    d. बुद्ध का ज्ञान प्राप्त करना

विकल्पः

        i   ii   iii   iv

(क)    a    b    c     d 

(ख)    d    a    b     c

(ग)    b    d    a     c

(घ)    d    b    c     a  


14. 'अनुक्तमल्यद' किस भाषा का ग्रंथ है?

(क) तमिल

(ख) तेलुगु 

(ग) कन्नड़

(घ) संस्कृत


15. क्षेत्रों में मिले साक्ष्यों को पुरातत्वविदों ने गणेश्वर जोधपुरा संस्कृति का नाम दिया है। 

(क) कर्नाटक

(ख) शोर्तुघई

(ग) खेतड़ी 

(घ) बालाकोट


16. महाभारत ग्रंथ में सबसे महत्वपूर्ण उपदेशात्मक अंश कौन सा है?

(क) आदिपर्व

(ख) द्रोण पर्व

(ग) भीष्मपर्व (भगवद्गीता) 

(घ) बिराट पर्व


17. निम्न में से किस हड़प्पाई स्थल से फाँन्स के बने हुए लघु पान्न बिल्कुल भी नहीं मिले हैं?

(क) मोहनजोदड़ो

(ख) हड़प्पा

(ग) कालीबंगन 

(घ) नागेश्वर


18. दिए गए विकल्पों में से सही का चयन करते हुए रिक्त स्थान भरिए :

अलवार सन्तों के एक मुख्य काव्य संकलन................  का वर्णन तमिल वेद के रूप में किया जाता है।

(क) नलयिरादिव्यप्रबन्धम् 

(ख) तवरम्

(ग) प‌द्मावत

(घ) नेदुनालबदाई


19. वर्नियर ने मुगलकालीन कृषि व्यवस्था में निजी भू-स्वामित्व के आभाव को अनुचित ठहराया है। क्यों? सही विकल्प वर्ष चयन कीजिए :

(क) उसने निजी स्वामित्व को राज्य तथा निवासियों के लिए हानिकारक माना है।

(ख) मुगल सम्राट का सारी भूमि पर नियन्त्रण नहीं है।

(ग) बर्नियर निजी स्वामित्व के आभाव को उचित मानता है।

(घ) राजकीय स्वामित्व के कारण भूधारक उत्पादन के स्तर को बनाए रखने तथा दूरगामी निवेश के प्रति उदासीन थे। 


20. दी गई सूचना के आधार पर नगर को पहचानिए तथा दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए

• चौथी शताब्दी ई.पू. में यह मगध की राजधानी थी।

• सातवीं शताब्दी में चीनी यात्री श्वैन त्यांग को यह नगर खण्डहर में बदला मिला।

विकल्पः

(क) उज्जयिनी

(ख) पाटलीपुत्र 

(ग) मथुरा

(घ) पुहार


21. हम्पी को राष्ट्रीय महत्त्व के स्थल के रूप में मान्यता किस वर्ष में मिली ?

(क) 1976 ई. 

(ख) 1977 ई.

(ग) 1978 ई.

(घ) 1980 ई.


 खंड-ख 

 ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) 


22. पुरातत्वविद् यह जानने के लिए कि क्या हड़प्पा सभ्यता में रहने वाले लोगों के बीच सामाजिक आर्थिक भिन्नताएँ थीं, सामान्यतः किन विधियों का प्रयोग करते हैं?

उत्तर -

हड़प्पा के लोगों के सामाजिक-आर्थिक भिन्नताओं के अवलोकन की विधियाँ -

1. शवाधान 

  • हड़प्पा शवाधानों में कुछ में मृदुभाण्ड तथा आभूषण मिले हैं जबकि अन्यों में कुछ नहीं।
  • कुछ शवाधानों में पुरुषों तथा महिलाओं दोनों के आभूषण मिले हैं।


2. विलासिता की तथा उपयोगिता की वस्तुएँ -

  • रोजमर्रा की उपयोग की वस्तुएँ
  • विलासिता की वस्तुओं में दुर्लभ और महँगी स्थानीय स्तर पर अनुपलब्ध पदार्थों से अथवा जटिल तकनीकों से बनी वस्तुएँ मिली हैं जैसे फयॉन्स के पात्र
  • दुर्ग तथा निचला शहर
  • छोटे तथा दूसरे तल के घर


अथवा


'हड़प्पा सभ्यता में दुर्ग पर हमें ऐसी संरचनाओं के साक्ष्य मिलते हैं जिनका प्रयोग सम्भवतः विशिष्ट सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए किया जाता था।' कथन की समीक्षा कीजिए।

उत्तर -

दुर्ग में मिली विशिष्ट संरचनाएँ

1. मालगोदाम 

  • ईंटों से बनी विशाल सरंचना, नीचे का हिस्सा शेष है जबकि ऊपर का सम्भवतः लकड़ी का होगा इसलिए नष्ट हो गया था।

2. विशाल स्नानागार

  • आँगन में बना आयाताकार जलाशय, चारों ओर गलियारा, तल तक जाने के लिए सीढ़ियाँ,
  • जलाशय के किनारों को जिप्सम के गारे से ईंटों को जमाकर जलबद्ध किया गया था।
  • तीन ओर कक्ष, एक कक्ष में बड़ा कुआँ।
  • चारों ओर आठ छोटे स्नानागार, नालियाँ गलियारे के साथ बने नाले में मिलती थी।
  • अनुष्ठानिक स्नान के लिए प्रयोग होता होगा।


23. 'साँची का स्तूप समूह यदि आज एक उत्तम अवस्था में है तो इसके पीछे कुछ विवेकपूर्ण निर्णयों की बड़ी भूमिका है।' साँची स्तूप के संरक्षण के सन्दर्भ में कथन की न्यायसंगत विवेचना कीजिए।

उत्तर -

साँची स्तूप का संरक्षण 

  • भोपाल की बेगमों, शाहजहाँ बेगम तथा सुल्तान जहाँ बेगम ने संरक्षण के लिए धन प्रदान किया।
  • उन्होंने संग्राहलय बनवाया तथा वित्त पोषित किया।
  • स्तूप के रख-रखाव के लिए अनुदान दिया।
  • अतिथिशाला के लिए अनुदान दिया।
  • जॉन मार्शल ने पुस्तकें लिखी तथा बेगम को समर्पित की।
  • पुस्तक के खण्डों के प्रकाशन के लिए अनुदान।
  • फ्रांसीसियों को तोरणद्धार की प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी प्रतिकृति दी ताकि वे इसे नुकसान न करें।


24. 'अमरनायक प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की एक प्रमुख राजनीतिक खोज थी।' उक्त कथन के आधार पर विजयनगर साम्राज्य में अमरनायक प्रणाली की सार्थकता की परख कीजिए। 

उत्तर -

अमरनायक प्रणाली

  • सैनिक कमाण्डर थे।
  • ये किलों का नियन्त्रण करते थे तथा सेना के प्रमुख होते थे।
  • आमतौर पर किसानों के साथ उपजाऊ भूमि की तलाश में भ्रमणशील।
  • राय द्वारा प्रशासन के लिए राज्य क्षेत्र दिए जाते थे।
  • किसानों, शिल्पकर्मियों तथा व्यापारियों से भूराजस्व तथा अन्य कर वसूलते थे।
  • राजस्व का कुछ भाग व्यक्तिगत उपयोग, घोड़ों तथा हाथियों के निर्धारित दल के रखरखाव के लिए अपने पास रख लेते थे।
  • राजस्व का कुछ भाग मन्दिरों के तथा सिंचाई के साधनों के रखरखाव के लिए।
  • वर्ष में एक बर राजा को भेंट देते थे तथा उपहारों के साथ स्वामिभक्ति दिखाने के लिए स्वयं भी उपस्थित होते थे।
  • राजा स्थानान्तरण भी कर देता था।
  • कई नायकों ने स्वतन्त्र राज्य भी स्थापित किए।


25. इब्नबतूता को चकित करने वाली भारत की अनूठी संचार प्रणाली का वर्णन कीजिए। 

उत्तर -

इब्नबतूता के अनुसार भारत की अनूठी डाक व्यवस्था थी जो दो प्रकार से काम करती थी 

1. अश्व डाक व्यवस्था उलूक

  • चार मील पर स्थापित राजकीय घोड़ों द्वारा संचालित

2. पैदल डाक व्यवस्था दावा

  • प्रति मील तीन अवस्थान, मंडप में संदेशवाहक बैठते थे। पीछे से आने वाले (घटियों वाली छड़ी लेकर) संदेश वाहक से संदेश लेकर आगे दौड़ना जब तक गन्तव्य तक नहीं पहुँच जाते।
  • पैदल डाक व्यवस्था अश्व डाक व्यवस्था से तीव्र थी।


26. 'अलवार तथा नयनार परम्पराओं की सबसे बड़ी विशिष्टता इसमें स्त्रियों की उपस्थिति थी।' सोदाहरण कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर -

1. अलवार स्त्री भक्त -

  • अंडाल, इनके भक्ति गीत व्यापक स्तर पर जाए जाते थे।
  • विष्णु भक्त थी तथा स्वयं को विष्णु की प्रेयसी कह कर अपनी भावनाओं को छंदों में व्यक्त करती थी जो आज भी गाए जाते हैं।

2. नयनार स्त्री भक्त -

  • करइकाल अम्मइयार, शिव भक्त थी उद्देश्य प्राप्ति के लिए घोर तपस्या का मार्ग, नयनार परंपरा में उनकी रचनाओं को सुरक्षित किया गया।
  • इन स्त्री भक्तों ने सामाजिक कर्त्तव्यों का परित्याग किया तथा पितृसत्तात्मक आदर्शों को चुनौती दी।


27. धर्मसूत्रों तथा धर्मशास्त्रों में चारों वर्गों के लिए आदर्श जीविका से जुड़े कौन से नियम मिलते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

धर्मशास्त्रों तथा धर्मसूत्रों में आदर्श जीविका से जुड़े नियम - 

ब्राह्मणों का कार्य - अध्ययन, वेदों की शिक्षा, यज्ञ करना तथा यज्ञ करवाना, दान देना तथा दान लेना।

क्षत्रियों का कार्य - युद्ध करना, लोगों को सुरक्षा प्रदान करना, न्याय करना, वेद पढ़ना, यज्ञ करवाना और दान दक्षिणा देना।

वैश्यों का कार्य - वेद पढ़ना, दान देना तथा यज्ञ करवाना, कृषि गौ पालन तथा व्यापार

शूद्रों का कार्य - तीनों उच्च वर्णों की सेवा


अथवा


मनुस्मृति में वर्णित चाण्डालों के कर्तव्यों को सूचीबद्ध कीजिए।

उत्तर -

मनुस्मृति में वर्णित चाण्डालों के कर्तव्य -

1. गाँव के बाहर रहना।

2. फेंके हुए बर्तनों को इस्तेमाल करना।

3. मरे हुए लोगों के वस्त्र तथा आभूषण पहनना।

4. रात्री में गाँव तथा नगरों में चल फिर नहीं सकते थे।

5. संबंधी विहीन मृतकों की अन्त्येष्टि करना।

6. वधिक के रूप में भी कार्य करना।

7. चीन यात्री फा-शिएन के अनुसार करताल बजाकर अपने आने की सूचना देना।

8. जिससे अन्य लोग उन्हें देखने के दोष से बच जाएँ।

खंड-ग

(दीर्घ उत्तरीय-प्रश्न)


28. इतिहासकारों द्वारा 'मौर्य साम्राज्य' के इतिहास की रचना करने के लिए किन स्रोतों का सहारा लंना पड़ता है? इन स्रोतों के आधार पर वर्णित मौर्य कालीन प्रशासनिक व्यवस्था का उल्लेख कॉजिए।

उत्तर -

मौर्य प्रशासन तथा साम्राज्य के इतिहास की सूचना के स्रोत -

1. पुरातात्विक प्रमाण - मूर्तिकला

2. समकालीन रचनाएँ 

  • मैगस्थनीज द्वारा लिखित विवरण 'इंडिका' 
  • कौटिल्य अथवा चाणक्य द्वारा रचित 'अर्थशास्त्र' 
  • जैन बौद्ध तथा पौराणिक ग्रंथ
  • संस्कृत वाङ्मय पत्थरों 
  • स्तम्भों पर मिले अशोक के अभिलेख
  • विशाखदत्त की 'मुद्राराक्षस'
  • शुद्रक्त की 'मृच्छकटिकम्'


3. साम्राज्य का प्रशासन

पाँच प्रमुख राजनीतिक केन्द्र 

1. राजधानी पाटलीपुत्र 

2. चार प्रान्तीय केन्द्र 

  • तक्षशिला
  • उज्जयिनी
  • तोसालि
  • स्वर्णगिरी

इन केन्द्रों का चुनाव बड़े ध्यान से किया गया था।

  • तक्षशिला तथा उज्जयिनी लम्बी दूरी वाले महत्त्वपूर्ण व्यापार मार्ग तथा कर्नाटक में सोने की खादान स्वर्णगिरी।
  • भूमि तथा नदियों दोनों मार्गों से आवागमन।


4. मैगस्थनीज के अनुसार सैन्य गतिविधियों के संचालन हेतु छः उपसमितियाँ -

1. पहली नौसेना का संचालन

2. दूसरी यातायात तथा खान-पान का संचालन

3. तीसरी पैदल सैनिकों का संचालन

4.चौथी अश्वारोहियों का संचालन

5.पाँचवी रथारोहियों का संचालन

6. छठीं हाथियों का संचालन


5. धर्म के आधार पर प्रशासन 

  • धर्म के प्रचार लिए धम्म महामात की नियुक्ति की जो देश और विदेश में धर्म का परचार करत्व थे 


अथवा


'यद्यपि खेती की नयी तकनीकों से उपज तो बढ़ी लेकिन इसके लाभ समान नहीं थे।' छठीं शताब्दी ईसा पूर्व से छठीं शताब्दी ई. के मध्य उपज बढ़ाने के तरीके तथा ग्रामीण समाज में पाए जाने वाली विभिन्नताओं की विवेचना कीजिए।

उत्तर -

उपज बढ़ाने के तरीके -

1. लोहे के फाल वाले हलों का प्रयोग जिससे भूमि का उचित उपयोग संभव उत्पादन बढ़ा

2. गंगा घाटी और उसकी सहायक नदियों ने में धान की रोपाई को आसन किया 

3. पंजाब तथा राजस्थान में लोहे के फाल वाले हल 20वीं सदी में प्रारम्भ हुए।

4. कुओं, तालाबों तथा नहरों से सिंचाई ने कृषि को प्रोत्सहित किया 


ग्रामीण समाज में विभिन्नताएँ -

1. खेती से जुड़े लोगों में उत्तरोत्तर भेद था।

2. बौद्ध कथाओं में भूमिहीन खेतीहर श्रमिकों, छोटे किसानें तथा बड़े जमींदारों का उल्लेख मिलता है।

3. पाली भाषा में गहपति छोटे किसान तथा जमींदारों को कहा जाता था।

4. ग्राम प्रधान का पद प्रायः वशानुगत

5. तमिल संगम साहित्य में वेल्लालर या बड़े जमींदार हलवाहा या उल्वर और दास अनिमई का उल्लेख


29. '600 ई.पूर्व से 600 ई. तक ब्राह्मणीय विचारों तथा मानदण्डों का सर्वत्र अनुसरण नहीं होता था। कथन की पुष्टि सोदाहरण कीजिए।

उत्तर -

600 ई.पूर्व से 600 ई. के बीच सामाजिक मानदण्डों का सर्वथा अनुसरण नहीं हुआ -

1. संस्कृत साहित्य में वर्णित कुछ आबादी थी जिन पर सामाजिक गतिविधियों तथा ब्राह्मणीय विचारों का कोई प्रभाव नहीं था 

2. वनवासी समुदाय जिसमे निषाद और अन्य शिकारी समुदाय थे जो वन क्षेत्रों में रहते थे तथा  शिकार तथा संग्रहण से जीवन यापन करते थे। ये समुदाय वर्ण व्यवस्था के दायरे में नहीं आते थे जैसे एकलव्य 

3. यायावर पशुपालक समुदाय जो ब्राह्मणीय संस्कारों को नहीं मानते थे, असंस्कृतभाषी, मलेच्छ कहे जाते थे।

4. वैदिक परंपरा के अनुसार राजाओं का क्षत्रिय होना अनिवार्य था परन्तु  वाकाटक, सातवाहन, मौर्य, गुप्त, शक, हुण, कुषाण जैसे राजा गैर-क्षत्रिय थे या विदेशी मूल के थे

5. हिडिम्बा का भीम से विवाह दर्शाता है की वैवाहिक संबंध सिर्फ वर्ण व्यवस्था के भीतर ही सीमित नहीं थे।

6. सातवाहनों द्वारा मातृ-सत्तात्मकता स्वीकार करना यह ब्राह्मणीय पितृसत्तात्मक परंपरा से अलग था

7. मातंग नामक चाण्डाल इसके अस्तित्व का उल्लेख संस्कृत साहित्य में मिलता है, जो समाज की बहुआयामी संरचना को दर्शाता है।

8. महिलाओं की भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिलता है जो  मुख्यधारा की पितृसत्तात्मक सोच से अलग है।

9. बौद्ध तथा जैन धर्म ने वेदों की अनिवार्यता को नकारते हुए उन्होंने नैतिक आचरण, तपस्या और आत्मज्ञान को महत्व दिया।


अथवा


महाभारत का विश्लेषण करते समय इतिहासकार किन-किन पहलुओं पर विचार करते हैं? व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

महाभारत का विश्लेषण करने के लिए इतिहासकारों द्वारा विचार किए गए पहलू -

1. महाभारत की भाषा संस्कृत वेदों की तुलना में सरल है जिससे यह आम जनमानस के लिए भी सुलभ बन पाई।

2. उपदेशात्मक तथा आख्यानात्मक में विभाजन एकांकी नहीं है उपदेश कथा के साथ मिश्रित हैं

3. उपदेशात्मक अंशों को बाद में जोड़ा गया जिनमें सामाजिक आचार-विचार के मानदण्ड हैं।

4. आख्यान में कहानी तथा सामाजिक संदेश के साथ इनमें गहरे सामाजिक और नैतिक संदेश निहित हैं।

5. यह ग्रंथ आम जन और राजा दोनों के लिए सामाजिक और धार्मिक शिक्षाएँ प्रदान करता है।

6.यह मनुष्य के जीवन के हर पहलू को उजागर करता है धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष 

8. यह ग्रंथ राजाओं, योद्धाओं और आम जन के लिए समान रूप से उपयोगी था।

9. पाठ सामग्री का ऐतिहासिक महत्त्व इसमें वर्णित घटनाएँ भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को दर्शाती है 

10. 1919 में वी.एस. सुकथांकर के नेतृत्व में महत्त्वाकांक्षी परियोजना चली। 47 वर्षों के अथक प्रयासों के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत की

11. मूल प्रति तथा अन्य महाभारतों का कथानक एक ही है परन्तु क्षेत्रीय संस्करणों में स्थानीय परंपराओं के अनुसार कुछ हिस्से बदले गए हैं।



30. 'ग्यारहवी शताब्दी तक आते-आते सूफीवाद एक पूर्ण विकसित आन्दोलन के रूप में उभरा तथा खानकाह सामाजिक जीवन का केन्द्र बिंदु वन गई।' उक्त कथन को सोदाहरण न्याय संगत ठहराइए।

उत्तर -

ग्यारहवीं शताब्दी तक सूफीवाद एक पूर्ण आन्दोलन के रूप में -

1. सूफियों का साहित्य कुरान से से जुड़ा है पर इसमें प्रेम,आत्मज्ञान,और भक्ति का विशेष महत्व था उन्होंने आध्यात्मिक संदेशों को सरल भाषा में व्यक्त किया।

2. सूफी स्वयं को खानकाह के इर्द-गिर्द स्थापित करते थे जो धार्मिक और सामाजिक गतिविधियो का केंद्र थे 

3. खानकाह का नियन्त्रण शेख, पीर तथा मुर्शीद के हाथ में था

4. अनुयायियों (मुरीदों) को भर्ती करते थे तथा अपने वारिस की नियुक्ति करते थे।

5. 12वीं शताब्दी में सूफी सिलसिले गठित हुए।

6. सिलसिला का शाब्दिक अर्थ जंजीर (शेख तथा मुरीद के बीच रिश्ते का द्योतक)

7. दीक्षा के अनुष्ठान जैसे वचन देना, सिर मुंडवाना तथा थेगडी वाले वस्त्र पहनकर रहना।

8. पीर की मृत्यु के बाद दरगाह मुरीदों के लिए भक्ति का स्थल बन गई।

9. पीर की बरसी पर दरगाह पर जियारत की प्रथा जिसे उर्स (विवाह अर्थात् पीर की आत्मा का ईश्वर से मिलन) कहा गया।

10. शेख की बली (ईश्वर का मित्र) के रूप में आदर करने की परिपाटी।

खानकाह में जीवन

1. सामाजिक जीवन का केन्द्र विन्दु

2. अतिथि आते थे रहते थे और उपासना करते थे

3. सहवासियों में शेख का अपना परिवार, सेवक तथा अनुयायी थे

4. सामुदायिक रसोई (लंगर) फुतूह (बिन माँगी खैर) चलती थी

5. सुबह से रात तक सभी तबके के लोग इबादत करने, तावीज लेने तथा शेख की मध्यस्थता के लिए आते थे।


अथवा


'कबीर लगभग चौदहवीं-प्रदहवीं शताब्दी में उभरने वाले सन्त कवियों में अप्रतिम थे।' कबीर के जीवन परिचय तथा उनकी शिक्षाओं की प्रासंगिकता के जिन्दर्भ में उक्त कथन को न्याय संगत ठहराइए।

उत्तर -

कबीर का जन्म - काशी मे हुआ था , अरबी भाषा में 'कबीर' का अर्थ है 'महान'

कबीर की बानी का संकलन - 

1. कबीर बीजक वाराणसी तथा उत्तर प्रदेश में कबीर के अनुयायियों द्वारा उनके उपदेशों और विचारों का मूल संकलन

2. कबीर ग्रंथावली राजस्थान के दादूपंथी द्वारा काव्य रचनाएँ और भक्ति के संदेश

3. आदि ग्रंथ साहिब सिखों के आदि ग्रंथ साहिब में भी कबीर की कुछ रचनाएँ शामिल हैं,

रचनाओं की विशेषताएँ - 

1. कबीर की रचनाये कई भाषाओं और बोलियों में प्रयोग किया जो आम लोगो के समझ में आसानी से आ जाती है 

2. काव्य शैली  सरल, सहज, और संत भाषा का प्रयोग हुआ, जो गहरी बातें भी आसानी से समझा देती है।

3.कबीर की शैली उलटबांसी थी गूढ़ सत्यों को विरोधाभासी रूप में प्रस्तुत किया

4. परम सत्य को वर्णित करने के लिए उन्होंने विभिन्न परिपाटियों का सहारा लिया जैसे इस्लाम, वेदान्त तथा योगी

5. कबीर ने निर्गुण भक्ति का समर्थन और मूर्ति पूजा का विरोध

6. कबीर ने एकेश्वरवाद का समर्थन किया 

7. जिक्र, इश्क तथा सिमरन जैसे सूफी सिद्धान्तों का प्रयोग अपने आध्यात्मिक विचारों में किया।

8. गुरु की महिमा का गुणगान किया और ईश्वर तक पहुँचाने वाला माध्यम बताया।


आधुनिक समाज में कबीर की प्रासंगिकता -

1. धर्म के प्रति उनका धर्म निरपेक्ष दृष्टिकोण सभी धर्मों के एक ही सार का समर्थन  

2. सामाजिक समानता सभी जातियों और वर्गों को बराबरी का दर्जा मिले

3. जातिविहीन समाज  विरोध किया और सभी को समान मानव माना 

4. अंधविश्वास तथा आडंबरों का खण्डन ईश्वर की सच्ची भक्ति पर जोर

5. कबीर ने खुले मन से नए विचारों को अपनाने की सलाह दी

6. समाज में लचीलापन  होना चहिये जहाँ परिवर्तन और सुधार के लिए स्थान हो।

7. व्यक्ति विशेष को महत्त्व  दिया व्यक्ति की आंतरिक साधना और आत्मज्ञान के आधार पर पहचान और सामाजिक प्रतिष्ठा हो 


खंड-प 

(स्रोत आधारित प्रश्न)


31. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

पुरावस्तुओं की पहचान कैसे की जाती है

भोजन तैयार करने की प्रक्रिया में अनाज पीसने के यंत्र तथा उन्हें आपस में मिलाने, मिश्रण करने तथा पकाने के लिए बरतनों की आवश्यकता थी। इन सभी को पत्थर, धातु तथा मि‌ट्टी से बनाया जाता था। यहाँ एक महत्वपूर्ण हड़प्पा स्थल मोहनजोदड़ों में हुए उत्खननों पर सबसे आरंभिक रिपोटों में से एक से कुछ उद्धरण दिए जा रहे हैं:

अवतल चक्कियों ... वबड़ी संख्या में मिली हैं... और ऐसा प्रतीत होता है कि अनाज पीसने के लिए प्रयुक्त ये एकमात्र साधन थीं। साधारणतः ये चक्कियाँ स्थूलतः कठोर, कंकरीले, अग्निज अथवा वलुआ पत्थर से निर्मित थीं और आमतौर पर इनसे अत्यधिक प्रयोग के संकेत मिलते हैं। चूँकि इन चक्कियों के तल सामान्यतया उत्तल हैं, निश्चित रूप से इन्हें जमीन में अथवा मिट्टी में जमा कर रखा जाता होगा जिससे इन्हें हिलने से रोका जा सके। दो मुख्य प्रकार की चक्कियाँ मिली हैं। एक वे हैं जिन पर एक दूसरा छोटा पत्थर आगे-पीछे चलाया जाता था, जिससे निचला पत्थर खोखला हो गया था, तथा दूसरी वे हैं जिनका प्रयोग संभवतः केवल सालन या तरी बनाने के लिए जड़ी-बूटियों तथा मसालों को कूटने के लिए किया जाता था। इन दूसरे प्रकार के पत्थरों को हमारे श्रमिकों द्वारा 'सालन पत्थर' का नाम दिया गया है तथा हमारे वावर्ची ने एक यही पत्थर रसोई में प्रयोग के लिए संग्रहालय से उधार माँगा है।

अर्नेस्ट मैके, फर्दर एक्सकैवेशन्स एट मोहनजोदड़ो, 1937 से उद्धृत 


31.1 हड़प्पा सभ्यता की सबसे विशिष्ट पुरावस्तु क्या है?

उत्तर -

सेलखड़ी की बनी मोहर


31.2 किन पत्थरों को श्रमिकों द्वारा 'सालन पत्थर' कहा गया?

उत्तर -

जिनका प्रयोग सालन या तरी बनाने के लिए तथा जड़ी-बूटियाँ तथा मसाले कूटने के लिए किया जाता था।


31.3 अवतल चक्कियों की क्या विशेषताएँ थी?

उत्तर -

(i) ये चक्कियाँ स्थूल, कठोर, कंकरीली, अग्निज तथा बलुआ पत्थर से निर्मित थी। 

(ii) चक्कियों का तल सामान्यता उत्तल है।

(iii) निश्चित रूप से इन्हें जमीन में जमा कर रखा जाता होगा ताकि ये हिले न।


32. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

महल के बाहर की दुनिया

जैसे बुद्ध के उपदेशों को उनके शिष्यों ने संकलित किया वैसे ही महावीर के शिष्यों ने किया। अक्सर वे उपदेश काहानियों के रूप में प्रस्तुत किए जाते थे जो आम लोगों को आकर्षित करते थे। यह उदाहरण उत्तराध्ययन सूत्र नाकक एक ग्रंथ में लिया गया है। इसमें कमलावती नामक एक महारानी अपने पति को संन्यास लेने के लिए समझा रही है:

अगर संपूर्ण विश्व और यहाँ के सभी खजाने तुम्हारे हो जाएँ तब भी तुम्हें संतोष नहीं होगा, न ही यह सारा कुछ तुम्हें बचा पाएगा। हे राजन्। जब तुम्हारी मृत्यु होगी और जब सारा धन पोछे छूट जाएगा तब सिर्फ धर्म ही, और कुछ भी नहीं, तुम्हारी रक्षा करेगा। जैसे एक चिड़िया पिंजरे से नफरत करती है वैसे ही में इस संसार से नफरत करती हूँ। मैं चाल-यच्चे को जन्म न देकर निष्काम भाव से. बिना लाभ की कामना से और बिना ढेप के एक साध्वी की तरह जीवन बिताऊँगी.... जिन लोगों ने सुख का उपभोग करके उसे त्याग दिया है, वायु की तरह भ्रमण करते हैं, जहाँ मन करे स्वतंत्र उड़ते हुए पक्षियों की तरह जाते हैं...

इस विशाल राज्य का परित्याग करो... इंद्रिय सुखों से नाता तोड़ो, निष्काम अपरिग्रही बनो, तत्पश्चात तेजमय हो चोर तपस्या करो..


32.1 महावीर के उपदेशों को उनके शिष्यों में जिस संग्रह में संकलित किया उन्हें क्या कहा जाता है?

उत्तर -

  • उत्तराध्ययन सूत्र


32.2 इस स्रोत में कौन-किसे और क्यों समझा रहा है?

उत्तर -

  • कमलावती नामक एक महारानी अपने पति को सन्यास के लिए समझा रही है।


32.3 महरानी कमलावती के अनुसार जीवन में त्याग तथा तपस्या की क्या महत्व है?

उत्तर -

  • त्याग तपस्या से आत्मीय सुख की प्राप्ति होगी, निष्कामी होंगे तथा मन स्वतन्त्र उड़ते पक्षी की तरह होगा जिस पर किसी भी सांसारिक दबाव का भार नहीं होगा।


33. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

शिक्षा तथा मनोरंजन

इब्न जुज्ताई जिसे इब्न बतूता के श्रुतलेखों को लिखने के लिए नियुक्त किया गया था, अपनी प्रस्तावना में लिखता है:

(राजा के द्वारा) एक शालीन निर्देश दिया गया कि वे (इब्न बतूता) अपनी यात्रा में देखे गए शहरों का, तथा अपनी स्मृति में बैठ गई रोचक घटनाओं का एक वृत्तांत लिखवाएँ, और साथ ही विभिन्न देशों के शासकों में से जिनसे वे मिले, उनके महान साहित्यकारों के तथा उनके धर्मनिष्ठ संतों के विषय में बताएँ। तद्नुसार उन्होंने इन सभी विषयों पर एक कथानक लिखवाया जिसने मस्तिष्क को मनोरंजन तथा कान और आँख को प्रसन्नता दी। साथ ही उन्होंने कई प्रकार के असाधारण विवरण जिनके प्रतिपादन से लाभप्रद उपदेश मिलते हैं, दिए तथा असाधारण चीजों के बारे में बताया जिनके संदर्भ से अभिरूचि जगी।


33.1 इब्न बतूता द्वारा प्रस्तुत किए गए मौखिक विवरण किसके द्वारा लिखे गए?

उत्तर -

  • इब्न जुजाई द्वारा


33.2 एक स्थानीय शासक द्वारा क्या आदेश दिया गया था?

उत्तर -

  • शासक द्वारा यह आदेश दिया गया कि इब्न बतूता अपनी यात्रा में देखे गए शहरों का तथा अपनी स्मृति में बैठी रोचक घटनाओं का वृत्तान्त लिखवाएँ। 
  • महान साहित्यकारों तथा धर्मनिष्ठ संतो के बारे में भी बताएँ।


33.3 इब्न बतूता के विवरण किस प्रकार लाभप्रद थे?

उत्तर -

  • इब्न बतूता द्वारा दिए गए विवरणों ने मस्तिष्क, मनोरंजन तथा कान एवं आँख को प्रसन्नता दी, लाभप्रद उपदेश तथा असाधारण चीजों के बारे में जानने की रूचि जागृत हुई।


 खंड-ङ 

 ( मानचित्र आधारित प्रश्न ) 


34. 34.1 भारत के दिए गए रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को उपयुक्त चिन्हों से दिखाइए तथा उनकं नाम भी लिखिए।

क. मैसूर

ख. विजयनगर

ग. तंजावुर अथवा कांचीपुरम

34.2 इसी रेखा मानचित्र में आरम्भिक राज्यों के सन्दर्भ में दो महाजनपदों को A तथा B से अंकित किया गया है। उन्हें पहचानिए तथा निकट खिंची रेखाओं पर सही नाम लिखिए।

उत्तर -

A. काशी

B. अवन्ति




नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्नसंख्या 34 के स्थान पर हैं।


34.1 विजयनगर में घोड़ों के व्यापारियों के स्थानीय समूह को क्या कहा जाता था?

उत्तर -

कुदिराई चेट्टी


34.2 तालीकोटा का युद्ध कब हुआ?

उत्तर -

1565 ई. में


34.3 विजयनगर साम्राज्य के अन्तर्गत 'यवन' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता था?

उत्तर -

यूनानियों तथा उत्तर पश्चिम से आने वाले अन्य लोगों के लिए


34.4 राजगाह का शाब्दिक अर्थ क्या है?

उत्तर -

'राजा का घर'


34.5 जहाँ सत्ता पुरुपों के एक समूह के हाथ में होती है उसे किस प्रकार का शासन कहते हैं?

उत्तर -

ऑलीगार्की

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!