प्रश्न - जनसंख्या वृद्धि दर क्या है ?
उत्तर -
- किसी क्षेत्र में निश्चित समयावधि में जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं।
- जब जनसंख्या परिवर्तन को प्रतिशत में व्यक्त किया है उसे जनसंख्या वृद्धि दर कहते हैं।
जनसंख्या वृद्धि दर 2 प्रकार की होती है-
1. जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि दर - किन्ही दो समय अंतरालों के बीच जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक हो जाती है, तब वह जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि दर कहलाती है।
2. जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि दर - किन्हीं दो समय अंतरालों के बीच जब जन्मदर मृत्यु दर से कम हो जाती है, तब वह जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि दर कहलाती है।
प्रश्न - जनसंख्या परिवर्तन के तीन महत्वपूर्ण घटक कौन से है ?
उत्तर -
1. जन्म
2. मृत्यु
3. प्रवास
प्रश्न - प्रवास से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर -
- जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं उद्गम स्थान कहलाता है और जिस स्थान में आगमन करते हैं वह गंतव्य स्थान कहलाता है।
- उद्गम स्थान जनसंख्या में कमी को दर्शाता है जबकि गंतव्य स्थान पर जनसंख्या बढ़ जाती है।
प्रश्न - संसार में जनसंख्या प्रवास के प्रमुख अपकर्ष कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
1) काम के बेहतर अवसर
2) रहन-सहन की अच्छी दशाएँ
3) शान्ति व स्थायित्व
4) अनुकूल जलवायु
5) जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा
प्रश्न - प्रवास के प्रमुख प्रतिकर्ष कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
1) रहन सहन की निम्न दशाएँ
2) राजनैतिक परिस्थितियाँ
3) प्रतिकूल जलवायु
4) प्राकृतिक विपदाएँ
5) महामारियों
6) आर्थिक पिछडापन
प्रश्न - किसी क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि (बढ़ना ) व हास ( घटना ) के प्रमुख परिणामों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
किसी देश की जनसंख्या वृद्धि वहाँ के आर्थिक विकास पर धनात्मक व ऋणात्मक दोनों प्रकार का प्रभाव डाल सकती है।
जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याएँ :-
1) संसाधनों पर अत्याधिक भार।
2) संसाधनों का तीव्र गति से हास।
3) जनसंख्या के भरण पोषण में कठिनाई।
4) विकास की गति का अवरूद्ध होना।
जनसंख्या हास के परिणाम :-
1) संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता।
2) समाज की आधारभूत संरचना स्वयं ही अस्थिर हो जाती है।
3) देश का भविष्य चिता व निराशा में डूब जाता है।
प्रश्न - जनांकिकीय संक्रमण की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिये ?
उत्तर -
- जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है।
- इस सिद्धान्त के अनुसार जैसे-जैसे कोई देश या समाज ग्रामीण खेतीहर और अशिक्षित से उन्नति करके नगरीय औद्योगिक और साक्षर बनता है
- इससे उस समाज में उच्च जन्म व उच्च मृत्युदर से निम्न जन्म व निम्न मृत्युदर की स्थिति आने लगती है ये परिवर्तन विभिन्न अवस्थाओं में होते हैं।
- इन्हे सामूहिक रूप से जनांकिकीय चक्र कहते हैं।
प्रथम अवस्था
- प्रथम अवस्था में उच्च जन्मदर और उच्च मृत्युदर होती है।
- जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकतम लोग प्राथमिक व्यवसाय में लोग होते हैं।
- बड़े परिवार संपत्ति माने जाते हैं
- जीवन प्रत्याशा निम्न होती है।
द्वितीय अवस्था
- इस अवस्था में आरंभ में उच्च जन्मदर बनी रहती है
- किन्तु समय के साथ घटती है।
- इस अवस्था में मृत्युदर घट जाती है।
- जन्मदर व मृत्युदर में अंतर के कारण जनसंख्या तेजी से बढ़ती है। बाद में घटने लगती है।
तृतीय अवस्था
- इस अवस्था में जन्म दर तथा मृत्युदर बहुत कम हो जाती है।
- लगभग संतुलन की स्थिति होती है।
- जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है अथवा बहुत कम वृद्धि होती है।
- इस अवस्था में जनसंख्या शिक्षित हो जाती है
- तथा तकनीकी ज्ञान के द्वारा विचार पूर्वक परिवार के आकार को नियंत्रित करती है
प्रश्न - जनसँख्या नियंत्रण के उपाय बताइए ?
उत्तर -
1. परिवार नियोजन कार्यक्रम
2. गर्भ निरोधक
3. शिक्षा का प्रसार
प्रश्न - जनसँख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक बताइए ?
अथवा
प्रश्न – संसार में जनसँख्या का वितरण और घनत्व असमान है ? वर्णन कीजिये ?
उत्तर -
जनसँख्या वितरण को प्रभावित करने वाला कारक
- भौगोलिक कारक
- आर्थिक कारक
- सामजिक सांस्कृतिक कारक
I. भौगोलिक कारक
1. जल
- लोग ऐसी जगह पर बसना पसंद करते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध हो
- इसीलिए दुनिया में नदी घाटी सघन जनसँख्या वाला क्षेत्र होता है
2. भू-आकृति
- लोग समतल स्थान पर बसना पसंद करते हैं
- सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं।
- क्योंकि पहाडी , पथरीले क्षेत्र में लोग कम रहना पसंद करते हैं
3. जलवायु
- अधिक ऊष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों की विषम जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती है।
- लोग सुविधाजनक जलवायु वाले क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं
4. मृदा
- उपजाऊ मृदाएँ कृषि के लिए महत्त्वपूर्ण हैं
- इसलिए उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग निवास करते हैं
- क्योंकि ये मृदाएँ गहन कृषि का आधार बन सकती हैं।
II. आर्थिक कारक
1. खनिज
- खनिज से युक्त क्षेत्र उद्योगों को आकृष्ट करते हैं।
- खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करते हैं।
- कुशल एवं अर्ध-कुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं।
- अफ्रीका - कटंगा, जांबिया ताँबा पेटी
2. नगरीकरण
- रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा संबंधी सुविधाएँ
- परिवहन और संचार के बेहतर साधन
- अच्छी नागरिक सुविधाएँ तथा नगरीय जीवन के आकर्षण लोगों को नगरों की ओर खींचते हैं।
- इससे ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में प्रवास होता है और नगर आकार में बढ़ जाते हैं।
3. औद्योगीकरण
- औद्योगिक पेटियाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती हैं और बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती हैं।
- इनमें केवल कारखानों के श्रमिक ही नहीं होते बल्कि परिवहन परिचालक, दुकानदार, बैंककर्मी, डॉक्टर, अध्यापक तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वाले भी होते हैं।
- जापान का कोबे-ओसाका प्रदेश अनेक उद्योगों की उपस्थिति के कारण सघन बसा हुआ है।
III.सामजिक सांस्कृतिक कारक
- कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्त्व के कारण अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं।
- ठीक इसी प्रकार लोग उन क्षेत्रों को छोड़ कर चले जाते हैं जहाँ सामाजिक और राजनीतिक अशांति होती है।
- कई बार सरकारें लोगों को विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बसने अथवा भीड़-भाड़ वाले स्थानों से चले जाने के लिए प्रोत्साहन देती हैं।
प्रश्न - विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं ? ऐसा क्यों ?
उत्तर -