प्रश्न - कृषक समाज सरंचना से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
- कृषक समाज जाति व्यवस्था द्वारा निर्मित है
- कृषक समाज संरचना से तात्पर्य उस समाज से है जहाँ कृषि और उससे संबंधित गतिविधियाँ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन की मुख्य धुरी होती हैं।
- इस प्रकार के समाज में अधिकांश जनसंख्या कृषि, पशुपालन, और प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित होती है।
प्रश्न - भारतीय कृषक समाज में भूमि का महत्व समझाए
उत्तर -
- उत्पादन का एक साधन
- संपति का एक प्रकार
- जीविका का एक प्रकार है
- जीने का एक तरीका भी है
प्रश्न - 'बेगार' से क्या मतलब है?
उत्तर -
- 'बेगार' से तात्पर्य ऐसी मजबूरी में बिना किसी भुगतान के किए जाने वाले श्रम या काम से है, जिसे व्यक्ति अपनी इच्छा के विपरीत करने के लिए बाध्य होता है।
- यह एक प्रकार का शोषण होता है, जहाँ व्यक्ति को किसी प्रकार का मेहनताना या मजदूरी नहीं दी जाती, फिर भी उसे कार्य करने के लिए विवश किया जाता है।
प्रश्न - मैट्रिक्स घटनाएँ किसे कहा जाता है ?
उत्तर -
- जहाँ कारकों की एक श्रृंखला मिलकर एक घटना बनाती हैं।
- अलग अलग कारणों से किसान आत्महत्या कर लेते थे इसी को मैट्रिक्स घटनाएँ कहा गया
- भारत में किसान सदियों से सूखे, फसल न होने अथवा ऋण के कारण परेशानी का सामना करते रहे हैं।
प्रश्न - रैय्यतबाड़ी प्रथा क्या होती है?
उत्तर -
- रैय्यतबाड़ी प्रथा एक कृषि व्यवस्था थी जिसे विशेष रूप से ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में अपनाया गया।
- इसका उद्देश्य भूमि कर का संग्रहण सरल और सीधे किसानों से करना था।
- इसे 1820 के दशक में ब्रिटिश अधिकारी थॉमस मुनरो द्वारा लागू किया गया था।
प्रश्न -आजादी के बाद भारत की कृषि स्थिति क्या थी?
उत्तर -
- परंपरागत विधियाँ
- भूमि की असमान वितरण
- कृषि उत्पादन की कमी
- सांस्कृतिक और सामाजिक समस्याएँ
- अवसंरचना की कमी
प्रश्न - कृषि मजदूरों के संचार (सरकुलेशन) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
- हरित क्रांति के बाद मजदूरों तथा भूस्वामियों के बीच पारंपरिक संबंध टूटने लगे
- हरित क्रांति के संपन्न क्षेत्रों में कृषि मजदूरों की माँग बढ़ने लगी
- मौसमी पलायन का एक रूप उभरा जिसमें हजारों मजदूर अपने गाँवों से अधिक संपन्न क्षेत्रों की तरफ़ संचार करते हैं।
- जहाँ मजदूरों की अधिक माँग तथा उच्च मजदूरी थी
- पुरुष समय-समय पर काम तथा अच्छी मजदूरी की खोज में अप्रवास कर जाते हैं
प्रश्न - कृषि मजदूरों का महिलाकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
- निर्धन क्षेत्रों में, जहाँ परिवार के पुरुष सर्वस्य वर्ष का अधिकतर हिस्सा गाँवों के बाहर काम करने में बिताते हैं, कृषि मूलरूप से एक महिलाओं का कार्य बन गया है।
- महिलाएँ भी कृषि मजदूरों के मुख्य स्रोत के रूप में उभर रही हैं जिससे 'कृषि मजदूरों का महिलाकरण' हो रहा है।
प्रश्न - हमारी बहुत सी सांस्कृतिक प्रथाएँ एवं प्रतिमान किस प्रकार हमारी कृषिक पृष्ठभूमि से संबद्ध होती है
उत्तर -
- ग्रामीण भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना दोनों कृषि और कृषिक जीवन पद्धति से बहुत निकटता से जुड़ी हुई है।
- हमारी बहुत सी सांस्कृतिक रस्मों में कृषि का महत्व होता है।
- भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नव वर्ष के त्योहार कृषि से सम्बन्धित होते है
1. तमिलनाडु में पोंगल,
2. आसाम में बीहू,
3. पंजाब में बैसाखी,
4. कर्नाटक में उगाड़ी
- ये सब फसल काटने के समय मनाए जाते हैं, और नए कृषि मौसम के आने की घोषणा करते हैं।
प्रश्न - भारत में किसानों में आत्महत्या की प्रवृति बढ़ रही है। इसके कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
भारत में किसान सदियों से सूखे, फसल न होने अथवा ऋण के कारण परेशानी का सामना करते रहे हैं।
किसानों द्वारा आत्महत्या के कारण :
- उत्पादन लागत में तेजी से बढ़ोतरी
- बाजार स्थिर नहीं है
- अत्यधिक उधार लेते हैं
- खेती का न होना
प्रश्न - ग्रामीण समाज में कृषि सरंचना का वर्णन करो।
उत्तर -
- ग्रामीण क्षेत्रों में, जाति और वर्ग के संबंध बड़े जटिल होते हैं।
- यह सोचते है कि ऊँची जातिवाले के पास अधिक भूमि होती है
- कई जगहों पर सबसे ऊँची जाति ब्राह्मण बड़े भूस्वामी नहीं हैं
- भारत के अधिकांश क्षेत्रों में भूस्वामित्व वाले समूह के लोग अन्य वर्ण के हैं।
- एक या दो जातियों के लोग ही भूस्वामी होते हैं, वे संख्या के आधार पर भी बहुत महत्वपूर्ण है।
- प्रबल जाति समूह काफी शक्तिशाली होता है आर्थिक और राजनीतिक रूप से वह स्थानीय लोगों पर प्रभुत्व बनाए रखता है।
- उच्च जाति के लोग निम्न जाति के लोगों से काम करवाते थे और अपने लाभ कमाते थे
- प्रबल जाति समूहों के पास ये लोग कृषि मजदूर की तरह काम करते थे
- समाज में अच्छी जमीन उच्च और मध्यम जाति के पास रहती थी
प्रश्न - ग्रामीण समाज में जाति व वर्ग में क्या संबंध है?
उत्तर -
ग्रामीण क्षेत्रो में वर्ग और जाति संरचना :
- ग्रामीण क्षेत्रो में वर्ग और जाति संरचना परस्पर सम्बंधित है
- उच्च जाति को उच्च वर्ग माना जाता था ।
- निम्न जाति को निम्न वर्ग माना जाता था
- उच्च जाति के लोगों ने गावो के संसाधनों और श्रम बल को नियंत्रित कर रखा था ।
प्रश्न - 'हरित क्रांति' के बारे में लिखें।
उत्तर -
- हरित क्रांति 1960 और 1970 के दशक में हुए कृषि परिवर्तन के दौर को कहा जाता है जिसमे आधुनिक कृषि तकनीकों और प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया था।
- हरित क्रांति कृषि आधुनिकीकरण का एक सरकारी कार्यक्रम था।
- इसका मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और देश में खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल करना था
- इसने भूख और गरीबी को कम करने, ग्रामीण आजीविका में सुधार और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इसमें अनुसंधान के माध्यम से विकसित गेहूं और चावल के लिए उच्च उपज देने वाली बीजों की किस्मों की शुरूआत शामिल है
- यह कीटनाशकों, खादों तथा किसानों के लिए अन्य निवेश देने पर केंद्रित थी।
प्रश्न - हरित क्रांति के कारण क्षेत्रीय असमानताओं में किस प्रकार वृद्धि हुई?
उत्तर -
- हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया, लेकिन इससे क्षेत्रीय असमानताएँ भी बढ़ीं।
- नई तकनीकें और संसाधन केवल उन इलाकों में पहुँचे जहाँ पहले से अच्छी सिंचाई और भूमि थी, जैसे कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में।
- छोटे किसानों और उन क्षेत्रों में जहां संसाधनों की कमी थी, वहाँ ये नई तकनीकें नहीं पहुँच पाईं, जिससे उनका उत्पादन नहीं बढ़ सका।
- जो बड़े किसान इन नई तकनीकों का फायदा उठाने में सक्षम थे, वे आर्थिक रूप से और अधिक समृद्ध हो गए, जबकि छोटे किसान पीछे रह गए।
- इस तरह, हरित क्रांति ने धनी और गरीब किसानों के बीच की खाई को और गहरा कर दिया
प्रश्न - जॉन ब्रेमन का घुमक्कड़ मजदूर (फुटलूज लेबर) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर -
- हरित क्रांति के संपन्न क्षेत्रों में कृषि मजदूरों की माँग बढ़ने लगी
- पुरुष समय-समय पर काम तथा अच्छी मजदूरी की खोज में अप्रवास कर जाते हैं
- प्रवसन करने वाले मजदूर मुख्यतः सूखाग्रस्त तथा कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों से आते हैं
- प्रवसन करने वाले इन मजदूरों को जान ब्रेमन ने 'घुमक्कड़ मजदूर' कहा है
प्रश्न - संविदा कृषि के बारें में बताईए।
उत्तर -
- कृषि का भूमंडलीकरण का अर्थ भारतीय कृषि उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की प्रतिस्पर्धा में शामिल करना है
- भूमंडलीकरण की प्रक्रिया का किसानों पर असर पड़ा
- पंजाब कर्नाटक जैसे इलाकों में किसानों द्वारा कंपनियों ने कुछ निश्चित फसलें बेचने का कॉन्ट्रैक्ट किया है
- बहराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा संविदा खेती पद्धति के तहत उगाई जाने वाली फसलों की पहचान की जाती है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसानों से फसलें खरीद लेती हैं
प्रश्न - ग्रामीण समाज में नए क्षेत्रीय अभिजात वर्ग के उद्भव पर चर्चा करें।
उत्तर -
- प्रबल जातियों के किसानों ने कृषि के लाभ को अन्य प्रकार के व्यापारों में निवेश करना प्रारंभ कर दिया।
- इससे नए उद्यमी समूहों का उदय हुआ जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से कस्बों की ओर पलायन किया
- जिससे नए क्षेत्रीय अभिजात वर्गों का उदय हुआ जो आर्थिक तथा राजनीतिक रूप से प्रबल हो गए।
प्रश्न - आजादी के बाद भारत में विभिन्न भूमि सुधार लागू किए गए, इनके विषय में लिखिए।
उत्तर -