प्रश्न - अपक्षय क्या है? अपक्षय गतिविधियां कैसे काम करती हैं?
उत्तर -
- अपक्षय वह प्रक्रिया है जिसमे चट्टानें बाहरी कारको के द्वारा विघटित और अपघटित होती रहती है
- जैसे : पवन वर्षा तापमान सूक्ष्म जीवाणु जीव जंतु आदि
- मौसम और जलवायु के विभिन्न तत्वों के कार्यों के माध्यम से अपक्षय विघटन और अपघटन के रूप में परिभाषित किया जाता है
प्रश्न - अपक्षय गतिविधियां कैसे काम करती हैं?
उत्तर -
1. रासायनिक
2. भौतिक या यांत्रिक
3. जैविक अपक्षय प्रक्रियाएँ
प्रश्न - भौतिक अपक्षय क्या है?
उत्तर -
- भौतिक अपक्षय के कारण चट्टाने छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं जिनके लिये
- गुरुत्वाकर्षण बल तापमान में परिवर्तन शुष्क एवं आद्र परिस्थितयों का अदल- बदल कर आना जैसे कारक जिम्मेदार हैं।
प्रश्न - रासायनिक अपक्षय क्या है? यह कितने प्रकार से होता है ?
उत्तर -
- रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा चट्टानों और खनिजों का रासायनिक रूप से टूटना या बदलना होता है।
रासायनिक अपक्षय के प्रकार
1. विलयन
- चट्टानों में मौजूद कई प्रकार के खनिज जल में घुल जाते हैं जैसे नाइट्रेट, सलफेट एवं पोटैशियम और इस तरह अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों तथा आद्र जलवायु में ऐसे खनिजों से युक्त शैलों का अपक्षय हो जाता है ।
2. कार्बोनेशन
- वर्षा के जल में घुली हुई कार्बनडाइऑक्साइड से कार्बनिक अम्ल का निर्माण होता है यह अम्ल चुना युक्त चट्टानों को घुला देता है जिससे उनका अपक्षय हो जाता है ।
3. जलयोजन
- कुछ चट्टानें जैसे कैल्शियम सल्फेट जल को सोख लेती हैं और फ़ैल कर कमज़ोर हो जाती हैं तथा बाद में टूट जाती हैं ।
4. आक्सीकरण
- लोहे पर जंग लगना ऑक्सीकरण का अच्छा उदाहरण है चट्टानों के ऑक्सीजन गैस के संपर्क में आने से यह प्रक्रिया होती है और यह प्रक्रिया वायुमंडल एवं ऑक्सीजन युक्त जल के मिलने से होती है |
प्रश्न - जैविक क्रियाएं किस प्रकार मृदा निर्माण में सहायक हैं?
उत्तर -
- जैविक क्रियाओं से उत्पन्न अपक्षय के द्वारा ही नयी सतहों का निर्माण होता है।
- चीटी, दीमक केंचुए कृतक इत्यादि कीटों का मृदा निर्माण में अत्याधिक महत्व है।
- ये मृदा को बार-बार ऊपर नीचे करते रहते हैं।
- केंचुए रसायन मिट्टी का गठन करने में सहायक होते हैं।
- इन जीवों द्वारा बिल खोदने के कारण मृदा की सतहों में भी परिवर्तन होता है मृत पौधों व जड़ें मृदा को जैव पदार्थ ह्यूनस प्रदान करते है।
- जिनमें बैक्टीरिया अपना कार्य आरंभ कर देते हैं।
प्रश्न - मृदा निर्माण में सहायक प्रमुख कारक कौन से है ?
उत्तर -
1. मूल पदार्थ (Parent Material)
- मृदा निर्माण का आधार शैल या निक्षेप।
- स्थानीय शैल: वहीं अपक्षयित शैल से बनी मृदा
- परिवहनकृत निक्षेप: बाहरी स्रोत से आई मिट्टी ।
2. स्थलाकृति (Topography)
- ढलान और स्थल का आकार मृदा की गहराई व विकास पर प्रभाव डालते हैं।
- तीव्र ढाल: पतली मृदा।
- सपाट क्षेत्र: गहरी व मोटी मृदा।
3. जलवायु (Climate)
- रासायनिक और जैविक प्रक्रियाएँ जलवायु के अनुसार भिन्न।
- ठंडी जलवायु: ह्यूमस अधिक, बैक्टीरिया की वृद्धि धीमी।
- उष्ण जलवायु: जैव पदार्थ शीघ्र ऑक्सीकृत, ह्यूमस कम।
4. जैविक क्रियाएँ (Biological Activity)
- पौधे व जीव: जैव पदार्थ, नाइट्रोजन व नमी जोड़ते हैं।
- ह्यूमस: पौधों के अवशेष से मृदा की उर्वरता बढ़ती है।
- कीट-पतंगे: मृदा की संरचना बदलते हैं।
5. समय (Time)
- समय के साथ मृदा परिपक्व होती है।
- नई मृदा युवा, जबकि पुरानी मृदा परिपक्व मानी जाती है।
प्रश्न - पटल विरूपण किन कारणों से हुआ है?
उत्तर -
- पटल विरूपण के अंतर्गत वे सभी प्रक्रियाएँ जो भू-पप्रटी को संचलित, उत्थापित तथा निर्मित करती है आती है।
- तीक्ष्ण वलयन के माध्यम से पर्वत निर्माण करने वाली पर्वतनी प्रक्रियाएँ
- धरातल के बड़े भाग के उत्थापन अथवा विकृति में सलग्न महाद्वीप रचना संबंधी प्रक्रियाएँ
1. भूकंप
2. प्लेट विवर्तनिकी ।
प्रश्न - बृहत संचलन की प्रक्रिया को कौन से कारक सक्रिय करते हैं?
उत्तर -
- पदार्थों के टिकने के आधार का हटाना।
- ढालों की प्रवणता
- अत्यधिक वर्षा
- भूकंप आना
- विस्फोट या मशीनों का कंपन
- अत्यधिक प्राकृतिक रिसाव
- झीलों, जलाशयों तथा नदियों से भारी मात्रा में जल निष्कासन
प्रश्न - अपक्षय का महत्व क्या है?
उत्तर -
- अपक्षय का महत्व चट्टानें छोटे टुकड़ों में बंटकर मृदा के निर्माण में सहायक होती हैं।
- अपक्षय, चट्टानों में मूल्यवान खनिजों जैसे लौहा, मैगनीज, तांबा आदि के संकेन्द्रण में सहायक है क्योंकि, अपक्षय के कारण अन्य पदार्थों का निक्षालन हो जाता है और वे स्थानान्तरित हो जाते हैं एवं खनिज एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं।
प्रश्न - ज्वालामुखीयता अतंर्जनित प्रक्रियाओं का हिस्सा है"। स्पष्ट करो।
उत्तर -