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समाज एवं समाजशास्त्र Society and Sociology samaj evam samajashastr sociology Book-1 class 11 chapter 1 notes in hindi



समाज क्या है ?

  • समाज एक संगठन है जो लोगों को एकसाथ आने, बातचीत करने, और साझा नीतियों, अभिप्रायों, और मूल्यों को स्थापित करने की अवस्था है। 
  • समाज में लोग संगठित होते हैं और सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, और राजनीतिक कार्यों में भाग लेते हैं। 
  • इनमें समाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक, और इतिहासिक प्रभाव शामिल होते हैं।



समाज की विशेषताएं 

  • संगठित
  • संबंध
  • विविधता
  • अधिकार और कर्तव्य
  • समरसता
  • निरंतर परिनर्तन होते रहते है 



व्यक्ति और सामूहिकता 

  • व्यक्ति और सामूहिकता दोनों ही सामाजिक मानवता के महत्वपूर्ण पहलुओं का  प्रतिनिधित्व करते हैं इनके बीच गहरा संबंध होता है।

1. व्यक्ति

  • व्यक्ति  सामाजिक संरचना का अभिन्न अंग होते हैं। 
  • व्यक्ति का  कौशल, और सोचने की क्षमता सामाजिक प्रभावों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।
  • व्यक्ति की संवेदनशीलता, सोचने की क्षमता, और आदर्शों का पालन समाज के  विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता  हैं।

2. सामूहिकता

  • सामूहिकता समाज का एक महत्वपूर्ण गुण है जो समूह या समाज के सदस्यों के बीच संबंध और सहयोग को दर्शाता है।
  • सामूहिकता के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ साझा करते हैं, साथ काम करते हैं, और एक सामाजिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिलकर प्रयास करते हैं।



समाजशास्त्र क्या है ?

  • एक अध्ययन है जो मानव समाज के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करता है। 
  • यह समाज, सामाजिक संरचना, संगठन, और समाजिक परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन करता है।  



समाज (व्यक्तियों का समूह) शास्त्र (अध्ययन)

  • यह विभिन्न समाजों, समुदायों, और संगठनों के बीच संबंधों, सामाजिक प्रतिक्रियाओं, और सामाजिक परिवर्तनों के पीछे के कारणों को समझने का प्रयास करता है।
  • समाजशास्त्र का जनक अगस्त कॉम्ट  (फ्रांस के विचारक) को खा जाता है पहले इसे , सामाजिक भौतिकी कहा जाता था  1838 में बदलकर एक विषय माजशास्त्र बना 
  • यह विभिन्न समाजों, समुदायों, और संगठनों के बीच संबंधों, सामाजिक प्रतिक्रियाओं, और सामाजिक परिवर्तनों के पीछे के कारणों को समझने का प्रयास करता है।
  • समाजशास्त्र मानव आवास, सामाजिक संगठन, सामाजिक संरचना, संस्कृति, समाजिक विभाजन, समाजिक न्याय, और सामाजिक संबंधों के विभिन्न पहलुओं को अध्ययन करता है।
  • समाजशास्त्र हमें समाज में नियमित रूप से व्याप्त विभिन्न व्यक्तियों के बीच संबंधों की समझ प्रदान करता है और सामाजिक वास्तविकता के पीछे छिपे गहरे कारणों का पता लगाता है।




समाजशास्त्र के प्रकार 

1. समष्टि समाजशास्त्र (MACRO SOCIOLOGY)  

2. व्यष्टि समाजशास्त्र  (MICRO SOCIOLOGY)



1. समष्टि समाजशास्त्र 

  • बड़े पैमाने पर सामाजिक संरचनाओं, संस्थानों का विश्लेषण करती है। 
  • सामाजिक असमानता, सामाजिक परिवर्तन, संस्थान और वैश्विक प्रक्रियाओं को देखता है। 

2. व्यष्टि समाजशास्त्र 

  • समाज के भीतर छोटे पैमाने पर सामाजिक संबंधों और व्यक्तिगत व्यवहारों की जांच करती है।
  • व्यक्ति एक-दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं, ।  



भारत में का समाजशास्त्र अध्ययन 

  • मुंबई विश्वविद्यालय  1919 
  • औपचारिक अध्ययन  समाजशास्त्र विभाग में । 



भारत में इसकी आवश्यकता क्यों है ?

  • सामाजिक मुद्दों को समझना
  • नीति निर्माण
  • सामाजिक विकास
  • सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना
  • सांस्कृतिक विविधता



बौद्धिक विचार जिनकी समाजशास्त्र की रचना में भूमिका है 

1. मैक्स वेबर (Max Weber):

  • वेबर ने समाजशास्त्र के भौतिकवादी, गुणात्मक और नियामक दृष्टिकोण का विकास किया। उनका कार्य "समाजिक अध्ययन" और "बौर्गियासी आदर्शों का प्राधान्य" समाजशास्त्र में महत्वपूर्ण हैं।

2. कार्ल मार्क्स (Karl Marx):

  • मार्क्सवादी समाजशास्त्र का विकास किया, जो सामाजिक असमानता, श्रमिक मुद्दे, और उत्पादन नियंत्रण के अध्ययन पर केंद्रित था। 
  • उनका कार्य "कपिटल" और "कम्यूनिस्ट पार्टी का मनिफेस्टो" समाजशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं।

3. हर्बर्ट स्पेंसर (Herbert Spencer): 

  • स्पेंसर ने "समाजशास्त्र के सिद्धांत" और "समाजशास्त्र का पहला प्रिंसिपल" जैसे कार्यों के माध्यम से विकासवादी समाजशास्त्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई



भौतिक मुद्दे जिनकी समाजशास्त्र की रचना में भूमिका है 

  • आर्थिक संरचना
  • शहरीकरण
  • स्वास्थ्य और आवास
  • प्रौद्योगिकी और यातायात



समाजशास्त्र का सामाजिक विज्ञान के साथ संबंध 

  • समाजशास्त्र और राजनीतिशास्त्र 
  • समाजशास्त्र और इतिहास 
  • समाजशास्त्र और मनोविज्ञान 
  • समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र 



समाजशास्त्र

  • संरचना, संगठन, असमानता, बदलाव का अध्ययन करता है।
  • मुख्य ध्यान सामाजिक संरचना, सामाजिक बदलाव, सामाजिक समानता, और सामाजिक न्याय पर होता है।



राजनीतिशास्त्र 

  • राजनीतिक संगठन, शासन,अधिकारों, चुनाव का अध्ययन करता है। 
  • मुख्य ध्यान राजनीतिक प्रक्रियाओं, शासन और राजनीतिक संघर्ष पर होता है। 



समाजशास्त्र और इतिहास  

  • समाजशास्त्र समाज की संरचना, संगठन, असमानता, और न्याय की बात करता है, इतिहास विभिन्न समयावधियों में समाज के परिवर्तन का अध्ययन करता है।
  • इतिहास समाज के प्रारंभिक रूपों, संस्कृति, और समाजिक व्यवस्थाओं का अध्ययन करता है, जबकि समाजशास्त्र उनकी संरचना और कारणों का विश्लेषण करता है।



समाजशास्त्र और मनोविज्ञान 

  • मनोविज्ञान मानव मन के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि विचार, भावनाएं, व्यवहार, और मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन करता है, जबकि समाजशास्त्र समाज में लोगों के संवेदनात्मक प्रभाव का अध्ययन करता है।
  • समाजशास्त्र समाज के संबंधों, संरचना, और संगठन का अध्ययन करता है, जबकि मनोविज्ञान मानव व्यवहार का विश्लेषण करता है।
  • समाजशास्त्र समाज में सामाजिक संघर्ष, समाजिक समानता, और सामाजिक संबंधों का अध्ययन करता है, जबकि मनोविज्ञान मानसिक प्रक्रियाओं, जैसे कि ध्यान, स्मृति, और निर्णय का अध्ययन करता है



समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र 

  • समाज की संरचना, संगठन, सामाजिक असमानता, सामाजिक प्रक्रियाएँ, सांस्कृतिक प्रवृत्तियाँ, और समाजिक न्याय का अध्ययन करता है।
  • अर्थशास्त्र विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं, उत्पादन, वित्त, वित्तीय नीतियों, और अर्थशास्त्रीय प्रणालियों का अध्ययन करता है।
  • समाजशास्त्र नेतृत्व, संघर्ष, और सामाजिक समन्वय का अध्ययन करता है।
  • अर्थशास्त्र में आर्थिक प्रणालियों का प्रबंधन करने के लिए आर्थिक सूत्र और नीतियों का अध्ययन होता है।
  • समाजशास्त्र में सामाजिक समस्याओं, संगठन, और संघर्षों का अध्ययन होता है।
  • अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था, वित्त, व्यापार, और नीतियों का अध्ययन होता है।










 



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