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ईदगाह idgah गद्य Chapter 1 Class 11 Hindi Summary

 

ईदगाह




ईदगाह एक प्रसिद्ध हिंदी कहानी है जिसे मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है। 

यह कहानी एक गरीब अनाथ बच्चे हामिद की है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। "


मुख्य पात्र 

हामिद : पाँच साल का गरीब लेकिन संवेदनशील और समझदार बच्चा जो अपनी दादी से बहुत प्यार करता है।

अमीना: हामिद की दादी, जो उसे बहुत प्यार करती है और उसकी देखभाल करती है। वह हामिद की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है।



कहानी का प्रारंभ 

  • कहानी की शुरुआत एक छोटे गाँव से होती है जहाँ पाँच साल का हामिद अपनी दादी अमीना के साथ रहता है।
  • हामिद के माता-पिता का निधन हो चुका है और उसकी दादी उसे पाल रही है।
  • ईद का त्योहार आने वाला है और गाँव में सभी लोग उत्साहित हैं।
  • हामिद की दादी अमीना ईद की तैयारी करती है, लेकिन गरीबी के कारण उनके पास नए कपड़े और मिठाइयाँ नहीं हैं।
  • अमीना हामिद को समझाती है कि उसके माता-पिता जल्द ही स्वर्ग से लौट आएंगे और तब सब कुछ अच्छा हो जाएगा।



ईदगाह का दृश्य

  • ईदगाह में सभी लोग नमाज पढ़ते हैं। 
  • इसके बाद मेला लगता है जहां पर कई दुकानें, खिलौने, मिठाइयाँ और झूले होते हैं।
  • हामिद के पास बहुत कम पैसे होते हैं (तीन पैसे), लेकिन वह सोचता है कि वह भी कुछ खरीद सके।



हामिद की खरीदारी

  • ईद के दिन, हामिद अपने दोस्तों के साथ ईदगाह जाता है। 
  • रास्ते में वे मिठाइयों और खिलौनों की दुकानों को देखते हैं।
  • हामिद के दोस्तों के पास पैसे होते हैं और वे मिठाइयाँ और खिलौने खरीदते हैं, लेकिन हामिद के पास केवल तीन पैसे होते हैं।
  • मेले में पहुँचने पर हामिद देखता है कि उसकी दादी रोज़ रोटियाँ बनाते समय अपने हाथ जलाती है।
  • हामिद अपनी दादी के लिए एक चिमटा खरीदता है ताकि उसके हाथ न जलें।
  • उसके दोस्त उसकी चिमटे की खरीदारी का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन हामिद को इस बात की परवाह नहीं है।



घर वापसी 

  • जब हामिद घर लौटता है और अपनी दादी को चिमटा देता है, तो पहले तो उसकी दादी नाराज होती है।
  • लेकिन जब हामिद उसे बताता है कि उसने चिमटा क्यों खरीदा, तो उसकी दादी की आँखों में आँसू आ जाते हैं और वह हामिद के प्यार और समझदारी से बहुत प्रभावित होती है।



कहानी से संदेश 

  • प्यार और बलिदान: हामिद का अपनी दादी के प्रति प्यार और उसके लिए चिमटा खरीदने का बलिदान इस कहानी का मुख्य विषय है।यह दिखाता है कि सच्चा प्यार और बलिदान किसी भी वस्त्र या मिठाई से बढ़कर होता है।
  • गरीबी और संघर्ष: कहानी गरीबों के जीवन के संघर्ष और उनकी परिस्थितियों का जीवंत चित्रण करती है।हामिद और उसकी दादी की गरीबी के बावजूद, वे अपनी छोटी-छोटी खुशियों में संतुष्ट हैं।
  • मानवीय संवेदनाएँ:हामिद का अपनी दादी के प्रति संवेदनशीलता और उसकी दादी का हामिद के प्रति प्यार इस कहानी को और भी अधिक मानवीय बनाता है।
  • मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'ईदगाह' मानवीय संवेदनाओं, प्रेम और बलिदान की कहानी है।
  • यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची खुशी महंगी चीजों में नहीं, बल्कि दूसरों की खुशी में होती है।
  • हामिद का अपनी दादी के प्रति प्यार और उसकी संवेदनशीलता हमें अपने रिश्तों को और भी अधिक समझदारी और संवेदनशीलता से निभाने की प्रेरणा देती है।





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