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वैश्वीकरण Notes in hindi Chapter 7 Political Science class 12 Book 1 Globalization




Chapter 7  


वैश्वीकरण



इस अध्याय में वैश्वीकरण के बारे में अध्ययन करेंगे साथ ही इसकी बहु आयामी अवधारणा के साथ भारत में वैश्वीकरण का क्या प्रभाव पड़ा है यह जानेंगे ,वैश्वीकरण के विरोध विश्व में और  समाज पर इसके प्रभावों को भी जानेंगे


 वैश्वीकरण 

1. वैश्वीकरण का अर्थ

वैश्वीकरण का अर्थ है प्रवाह ये कई तरह का हो सकता है।

  • विचारो का एक हिस्से से दुसरे हिस्से में पहुच जाना।
  • वस्तुओ का एक से अधिक देशो में पहुचना।
  • पूँजी का एक से ज्यादा जगह पर पहुचना।
  • बेहतर आजीविका की तलाश में लोगो की एक देश से दुसरे देश में आवाजाही।


2. वैश्वीकरण के कारण

1. उच्च प्रोद्योगीकी के स्तर ने पुरे विश्व को एक साथ ला दिया है जिसे आज विश्व म्राम कहा जाता है।

2. टेलेफोन, टेलीग्राफ, इन्टरनेट और अन्य संचार के साधनों के आविष्कार ने पुरे विश्व को जोड़ने का कार्य किया है। 

3. मुद्रण तकनीक ( छपाई तकनीक ) ने प्रमुख  विचारो को पुरे विश्व में फैलाया है। 

4. पर्यावरण सम्बन्धी सभी समस्याओ से निपटे के लिए विश्व में सभी देशो का सहयोग बढ़ा है।


वैश्वीकरण के आयाम 

  • वैश्वीकरण एक बहु आयामी अवधारणा है, इसके राजनीतिक, आर्थिक, सामजिक परिणाम होते है।

1. वैश्वीकरण के राजनैतिक प्रभाव 

  • सरकार की नीतियों, कार्यो, भूमिका में बदलाव आया है।
  • उद्योगों में सरकार कम हस्तक्षेप करती है।
  • अब सरकार कल्याणकारी राज्य की धारणा से हटकर न्यूनतम हस्तक्षेप वाली नीति अपना रही है।
  • सरकार के पास उच्च तकनीक आ रही है जिसके द्वारा सरकारे नागरिको पर नियंत्रण बना रही है।
  • राज्य अब कुछ कामो तक अपने को सीमित रखता है जैसेकानून औए व्यवस्था बनाना, नागरिको को सुरक्षा देना।
  • राज्य अब पहले से और भी ताकतवर हुआ है।


2. वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव

  • सांस्कृतिक समरूपता को बढ़ावा मिला है पश्चिम संस्कृति पभाव बढ़ा है।
  • खानपान में बदलाव, रहन सहन में बदलाव।
  • संस्कृतियों का हास हो रहा है।
  • अमेरिकी संस्कृतियों की तरफ झुकाव बढ़ रहा है।
  • महिलाओं की स्थिति में कमी तथा सुधार।
  • विदेशी फिल्मों, त्योहारों, संगीत का रुझान बढ़ रहा है।
  • रूढ़िवादिता खत्म हो रही है।
  • विदेशी संस्कृति का प्रसार हुआ है।
  • लोगों के विचारों में बदलाव आ रहा है।


3. वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव

  • अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्वबैंक और  विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का आर्थिक नीतियों के प्रभाव बाधा बढ़ा है।
  • मुक्त व्यापार बढ़ रहे है, आयात से प्रतिबन्ध हटाये जा रहे है।
  • पूंजीवादी देशो को लाभ हो रहा है विकसित देश अपनी वीजा नीति कठोर बना रहे है।
  • निजीकरण और पूँजीवाद को बढ़ावा मिल रहा है।
  • लाखो लोगो को रोजगार मिल रहा है, बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
  • बाजार में विभिन्न देशों के उत्पाद आसानी से उपलब्ध है।


भारत और वैश्वीकरण 

  • विश्व में तथा भारत में वैश्वीकरण का इतिहास बहुत पुराना रहा है।
  • भारत बनी बनाई वस्तुओं का आयातक और कच्चे माल का निर्यातक था।
  • भारत ने आजादी के बाद से यह फैसला लिया की हम दुसरे देशों पर निर्भरता ख़त्म करेंगे।
  • भारत ने संरक्षणवाद की नीति अपनाई और अपने देश के उत्पादकों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया।
  • इससे कुछ क्षेत्रों में तरक्की हुई तो कुछ क्षेत्र डूब गए।
  • भारत बाकी देशों की तुलना में पिछड़ गया।
  • 1991 में वित्तीय संकट से उबरने के लिए नई आर्थिक नीति अपनाई गई।
  • व्यापार की बाधाएं खत्म कर दी गई, जिससे भारत को लाभ हुआ।
  • वैश्वीकरण के कारण भारत की आर्थिक दर में वृद्धि हुई है जो दर 1990 में 5.5% वार्षिक थी वह बढकर 7.5% वार्षिक हो गयी।


वैश्वीकरण का विरोध 

  • पूरी दुनिया में वैश्वीकरण की आलोचना हो रही है।
  • वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों तरह के लोगो ने इसका विरोध किया है।

1. वामपंथी

  • वामपंथी कहते हैमौजूदा वैश्वीकरण पूँजीवाद की एक ख़ास व्यवस्था है।
  • यह धनी को धनी और गरीब को और गरीब बना रही है।
  • राज्य कमजोर हो रहा है, राज्य अब गरीबों के हितों की रक्षा नहीं कर पाता है।


2. दक्षिणपंथी

वैश्वीकरण के दक्षिणपंथी आलोचक कहते हैं।

  • इससे राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक प्रभाव पर बुरे पड़ रहे हैं।
  • वैश्वीकरण से बुरे सांस्कृतिक प्रभाव पड़े है।
  • लोग अपनी सदियों पुरानी संस्कृति को खो रहे है।


3. वर्ल्ड सोशल फोरम  (WSF)

  • वैश्वीकरण विरोधी आन्दोलन सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में हो रहे है।
  • वैश्वीकरण के विरोध के लिए एक मंच WSF बनाया गया है।
  • इस मंच के तहत मानवाधिकार कार्यकर्ता, पर्यवारंवादी, मजदूर, युवा, महिला कार्यकर्त्ता एकजुट हुए है।

( WSF – World Social Forum )

1. WSF पहली बैठक – 2001 में ब्राजील

2. WSF चौथी बैठक - 2004 में मुंबई

3. WSF सोलहवी बैठक -2018 ब्राजील



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