Chapter 4
अंतरराष्ट्रीय संगठन
अंतरराष्ट्रीय संगठन
- वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय संगठन बहुत महत्वपूर्ण रहे है वैश्विक स्तर पर आर्थिक ,राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक विकास के लिए यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है इनके उद्देश्य व्यापक होते है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह एक ऐसा मंच तैयार करते हैं जिसमें विकसित और
अल्पविकसित देश मिलकर न्यायपूर्ण समाज की बात करते है
- अंतरराष्ट्रीय संगठन आपसी मेल मिलाप को बढ़ते है जिससे एक सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार हो सके।
- अंतरराष्ट्रीय संगठन वैश्विक स्तर पर समस्याओं का एक साथ मिलकर समाधान निकलने तथा एक दूसरे की मदद करने का विकल्प देते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ
- यह एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई।
- भारत इसका सदस्य 30 अक्टूबर 1945 को बना।
- संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्तमान सदस्य संख्या 193 देश हैं।
1. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना
- संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर पर 50 देशों के हस्ताक्षर हुए पोलैंड 51 वा देश था।
- इस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ में 51 मूल संस्थापक सदस्य हैं।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
- प्रथम विश्व युद्ध 1914-1918 ने दुनिया को इस बात के लिए जगा दिया की झगड़ों के निपटारे के लिए कोई
अंतरराष्ट्रीय संगठन जरूर होना चाहिए।
- इसके बाद लीग ऑफ नेशंस का जन्म हुआ शुरुवात में यह संगठन कामयाब रहा
लेकिन यह दूसरा विश्व युद्ध 1939-45 को नहीं रोक सका।
- ऐसे में एक बार फिर आवश्यकता पड़ी कि कोई एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय संगठन
होना चाहिए जो दुनिया के विभिन्न देशों के झगड़ों का निपटारा कर सके और
विभिन्न देशों को एक साथ एक मंच पर ला सकें।
- ऐसे में लीग ऑफ नेशंस के उत्तराधिकारी के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की
स्थापना हुई।
3. संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य
- अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों को रोकना।
- राष्ट्रों के बीच सहयोग की राह दिखाना।
- अगर विभिन्न देशों के बीच में युद्ध छिड़ गया हो तो दुश्मनी को कम करना।
- सामाजिक आर्थिक विकास।
- विभिन्न देशों की सहायता करना।
4. संयुक्त राष्ट्र संघ की संरचना / अंग
अंग के नाम |
सदस्य संख्या |
मुख्यालय |
सुरक्षा परिषद |
5 स्थायी 10 अस्थायी |
न्यूयार्क |
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय |
15 न्यायधीश |
हैग |
सचिवालय |
महासचिव और अन्य
कर्मचारी |
न्यूयार्क |
आम सभा |
193 |
न्यूयार्क |
आर्थिक और सामाजिक परिषद |
57 |
न्यूयार्क |
न्यासिता परिषद |
14 |
न्यूयार्क |
1. सुरक्षा परिषद
- कुल 15 सदस्य होते है 5 सदस्य स्थाई होते है 10 सदस्य अस्थाई होते है।
- 5 स्थाई सदस्य के पास वीटो पॉवर होती है, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, रूस।
- 10 सदस्य अस्थाई होते है ,यह अस्थाई 10 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष के बाद बदल दिए जाते हैं।
- इन सदस्यों का चुनाव आम सभा द्वारा होता है
उद्देश्य
1. शांति और सुरक्षा बनाए रखना।
2. अनिवार्य निर्णय को घोषित करने का अधिकार।
2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
- नीदरलैंड के हेग में स्थित।
- 1980 तक काफी कम प्रयोग किया गया इसके बाद से विकाशील देशों ने इसका प्रयोग शुरू किया।
- अंतर्राष्ट्रीय विवादों का समाधान किया जाता है।
- इसमें 15 न्यायाधीशों का चुनाव 9 वर्ष के लिए होता है।
- आम सभा और सुरक्षा परिषद दोनों में पूर्ण बहुमत द्वारा होता है।
3. सचिवालय
- प्रमुख संगठनों के कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय स्टाफ तैयार करना।
- सचिवालय का प्रमुख महासचिव होता है इस समय एंटोनियो गुटेरेश (पुर्तगाल से ) है
- महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सलाह पर आम सभा 5 सालों के लिए करती हैं।
4. आम सभा
- 193 देशो के प्रतिनिधि शामिल होते है।
- एकमात्र ऐसी संस्था जिसमें प्रत्येक सदस्य को 1 वोट हासिल है।
- सभी को समानता है।
- हर वर्ष सम्मेलन होता है।
- महासभा संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणा पत्र में आने वाले समस्त विषयों पर विचार करती है।
- विवाद का मंच।
5. आर्थिक और सामाजिक परिषद
- सदस्य - 54
- सदस्य देशों का चुनाव आम सभा 3 साल के लिए करती है।
- सभी भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होता है।
6. न्यासिता परिषद
- इसका उद्देश्य दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पराजित देशो की संपत्ति को लौटाना था।
- इन देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार का प्रयास करना।
- इसमें 11 देशों को रखा गया था।
- 1994 के बाद इसे समाप्त कर दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसिया
1. UNESCO
United Nations educational scientific and cultural org.
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन
- स्थापना – 4 नवंबर 1946
- सदस्य - 193
- मुख्यालय-पेरिस ( फ्रांस )
उद्देश्य –
- शिक्षा, विज्ञान, समाज तथा मानव विज्ञान, संस्कृति, संचार को उन्नत बनाना।
- युनेसको द्वारा सदस्य देशों के मध्य साक्षरता का प्रसार।
- तकनीकी और शैक्षिक प्रशिक्षण तथा स्वतंत्र मीडिया के प्रचार के लिए कार्य किए गए हैं।
- युनेसको विश्व में कुछ स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित करता है।
- अद्भुत औरयूनिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व इत्यादि।
- भारत की लगभग 38 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है।
उदाहरण –
- आगरा किला, अजंता गुफा, सूर्य मंदिर
इत्यादि।
2. UNICEF
United Nations children fund.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष
- सदस्य -193
- स्थापना– 1946
- मुख्यालय ( न्यूयॉर्क ) USA
उद्देश्य या कार्य
- यह विश्व भर में बच्चों के कल्याण कार्य में लगा हुआ है।
- बच्चों के विकास के लिए कार्य करता है।
- बच्चों के स्वास्थ्य तथा उत्तम जीवन को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता
है।
3. I.L.O
International labour org.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
- सदस्य - 187
- स्थापना – 1919
- मुख्याला-जेनेवा ( स्विट्ज़रलैंड )
उद्देश्य या कार्य
- श्रमिकों की सहायता करना अंतर्राष्ट्रीय मानकों के द्वारा वैश्विक स्तर पर श्रमिको के लिए कार्य करना।
- कार्य स्तर पर सुरक्षा ,समता, स्वाभिमान की स्थिति बनाना।
- महिला तथा पुरुष श्रीमको को उत्पादन कार्य में संलग्न करने के लिए प्रोत्साहन देना।
- बलात श्रम तथा भेदभाव से मजदूरों को बचाना।
4. W.H.O
World health org.
विश्व स्वास्थ्य संगठन.
- स्थापना – 7 अप्रैल 1948
- सदस्य - 194
- मुख्याला-जेनेवा ( स्विट्ज़रलैंड )
- भारत इसमें 1948 से ही शामिल गई।
उद्देश्य या कार्य
- यह संगठन विश्व भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करता है।
- विश्व भर में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना।
- विश्व भर के देश इसमें अपना योगदान करते है।
- विश्व के लोगों के स्वास्थ्य स्तर को ऊंचा करना।
- इसके 6 क्षेत्रीय कार्यालय है।
- इसमें से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का चित्र कार्यालय नई दिल्ली में है।
- डब्ल्यूएचओ ने भारत में चेचक, पोलियो, संक्रामक रोग तथा विभिन्न प्रकार के टीके और दवाइयां उपलब्ध कराने में योगदान दिया है।
सुरक्षा परिषद और इसमें विस्तार की आवश्यकता
1. सुरक्षा परिषद में बदलाव
- संयुक्त राष्ट्रसंघ तथा सुरक्षा परिषद द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बने हैं।
- सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या में आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- लेकिन वर्तमान समय में विश्व में बहुत से बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
- ऐसे में कई बार सुरक्षा परिषद के स्थाई तथा अस्थाई सदस्यों को बढ़ाने की मांग उठी है।
- एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के ज्यादा देशों को सुरक्षा परिषद में सदस्यता देने की बात उठी है।
- सुधार होने चाहिए इस सवाल पर सभी सहमत हैं।
- लेकिन सुधार कैसे किया जाए इसका समाधान नहीं मिला।
2. सुरक्षा परिषद की कामिया
1992 में संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें तीन मुख्य शिकायतों का जिक्र हुआ।
1. सुरक्षा परिषद अब राजनीतिक वास्तविकता की नुमाइंदगी नहीं करती।
2. सुरक्षा परिषद के फैसलों पर पश्चिमी मूल्यों और हितों की छाप होती है इनके फैसलों पर चंद देशों का दबदबा होता है।
3. सुरक्षा परिषद में बराबर का प्रतिनिधित्व नहीं है।
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार प्रस्ताव
- 1997 में संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव कोफी अन्नान ने जांच शुरू करवाई कि सुधार किस प्रकार किया जाए।
- नए सदस्य सुरक्षा परिषद में चुने जाएं तो किस प्रकार चुने जाएं।
इसके बाद कुछ सालों में सुरक्षा परिषद के स्थाई और अस्थाई सदस्यता के लिए नए मानदंड सुझाए गए जो इस प्रकार हैं
- बड़ी आर्थिक ताकत।
- बड़ी सैन्य ताकत।
- संयुक्त राष्ट्रसंघ के बजट में योगदान।
- आबादी के लिहाज से बड़ा राष्ट्र।
- ऐसा देश जो लोकतंत्र और मानव अधिकारों का सम्मान करता हो।
- ऐसा देश जो अपने भूगोल अर्थव्यवस्था और संस्कृति के लिहाज से विश्व की विविधता की नुमाइंदगी करता हो।
संयुक्त राष्ट्र संघ और भारत
1. संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुधार में भारत का पक्ष
- भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के ढाँचे में परिवर्तन पर सहमत है और सुरक्षा परिषद् में अस्थायी और स्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोत्तरी के पक्ष में है।
- भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महवपूर्ण मानता है।
- भारत का मानना है की संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में सदस्यों की संख्या समय के साथ बढ़ी एसे में सुरक्षा परिषद् में भी संख्या बढ़ना समय की मांग है।
- सुरक्षा परिषद् में विस्तार से यह ज्यादा प्रतिनिधिमूलक होगा और विश्व-बिरादरी का समर्थन बढेगा।
- भारत का मानना है संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में ज्यादातर विकासशील सदस्य देश प्रमुख फ़ैसलों में उनकी भी सुनी जानी चाहिये।
2. भारत और सुरक्षा परिषद्
- भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ की पुनर्गठित सुरक्षा परिषद् में
स्थायी सदस्य बनना चाहता है।
- संयुक्त राष्ट्रसंघ के
अंतर्राष्ट्रीय मामलों में स्थायी सदस्य के रुप में विशेष महत्त्व है।
- भारत की स्थाई सदस्य के रूप में
योगिता :-
1. भारत विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश है।
2. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ की सभी कार्यकर्मो और नीति निर्माण में भाग लेता है।
4. संयुक्त राष्ट्रसंघ के शांतिपूर्ण प्रयासों में भागीदार रहा है।
5. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढती आर्थिक शक्ति।
6. संयुक्त राष्ट्रसंघ बजट में नियमित रूप से योगदान।
एक-ध्रुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्रसंघ
1. अमरीका और संयुक्त राष्ट्रसंघ
- शीतयुद्ध के बाद अमरीका सबसे ताकतवर देश है और उसका कोई प्रतिद्वन्द्वी नहीं है पुरे विश्व में अमेरिका का वर्चस्व है
- अमरीक का प्रभुत्व है और अमरीका की ताकत पर आसानी से अंकुश नहीं लगाया जा सकता
- अपनी सैन्य और आर्थिक ताकत के कारण संयुक्त राष्ट्रसंघ या किसी भी अंतर्राष्ट्रीय संगठन की अनदेखी कर सकता है।
- संयुक्त राष्ट्रसंघ अमरीकी भू-क्षेत्र में स्थित है और कई नौकरशाह इसके नागरिक हैं।
- अमरीका अपने और साथी राष्ट्रों के हितों के लिए किसी भी प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद् में अपने 'वीटो' अधिकार से रोक सकता है।
- संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव के चयन में भी अमरीका की चलती है।
2. अमरीका के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की भूमिका
- संयुक्त राष्ट्रसंघ अमरीका की ताकत पर अंकुश नहीं लगा सकता लेकिन अमरीका और शेष विश्व के बीच विभिन्न मसलों पर वार्ता करा सकता है।
- अमरीकी नेता संयुक्त राष्ट्रसंघ से कई बार असहमत दीखते इसके वावजूद वह समझते है की सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए और झगड़ों को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ जरुरी है।
- संयुक्त राष्ट्रसंघ 190 राष्ट्रों को एक मंच देता है जहाँ अमरीकी रवैये और नीतियों की आलोचना की सुनवाई हो और उन पर कुछ अंकुश लगाया जा सके या कोई बीच का रास्ता निकालने तथा रियायत देने की बात की जा सके।
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ की प्रासंगिता
- संयुक्त राष्ट्रसंघ में थोड़ी कमियाँ हैं लेकिन इसके बिना दुनिया और समस्याओ से घिर जाएगी
- विभिन्न समाजों और मसलों पारस्परिक निर्भरता को बढाया है
- विश्व विरादरी के हितों व्यापक स्तर कम किया है इसका महत्त्व भी निरंतर बढता रहा है
कुछ और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और गैर सरकारी संगठन
1. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
- स्थापना :- 1 जनवरी 1995, वॉशिंगटन डी॰
सी॰, संयुक्त राज्य में
- सदस्य :- 189
कार्य
- वैश्विक स्तर
पर वित्त व्यवस्था की देख-रेख
- वित्तीय तथा
तकनीकी सहायता मुहैया कराना।
2. विश्व बैंक ( World Bank )
- स्थापना :-
जुलाई 1944, हैम्पशायर, संयुक्त
राज्य अमेरिका में
- सदस्य :- 189
कार्य
- मानवीय विकास (शिक्षा, स्वास्थ्य) कृषि और ग्रामीण विकास
- पर्यावरण सुरक्षा
- आधारभूत ढाँचा तथा सुशासन के लिए काम
3. अंतर्राष्ट्रीय आण्विक उर्जा एजेन्सी (IAEA)
- स्थापना :- 29 जुलाई 1957, विएना, ऑस्ट्रिया
में
- सदस्य :- 177
कार्य
- परमाण्विक उर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने
- परमाण्विक उर्जा को सैन्य उद्देश्यों में इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करना
4. एमनेस्टी इंटरनेशनल
- स्थापना :- 28 मई 1961, लंदन, यूनाइटेड
किंगडम में
- सदस्य :- 7 मिलियन से
अधिक सदस्य और समर्थक
कार्य
- यह एक स्वयंसेवी संगठन है।
- पूरे विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाना
5. हयूमन राइट्स वॉच
- स्थापना :- 1978, न्यू यॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में
कार्य
- यह एक स्वयंसेवी संगठन है।
- मानवाधिकारों की वकालत और उनसे संबंधित अनुसंधान करना
- पूरे विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाना
6. अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास सोसायटी
- स्थापना :- 1863, जिनेवा, स्विट्ज़रलैण्ड
में
- सदस्य :- 97 मिलियन
स्वयंसेवकों, सदस्यों और कर्मचारी का
आन्दोलन
कार्य
- युद्ध और आंतरिक हिंसा के सभी पीड़ितों की सहायता
- सशस्त्र हिंसा पर रोक लगाने वाले नियमों को लागू करने का प्रयास
7. ग्रीनपीस
- स्थापना :- 1971, कनाडा में
- सदस्य :- 26 देशों में
कार्य
- विश्व समुदाय को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना
- पर्यावरण संरक्षण हेतु कानून बनाने के लिए दबाव डालना
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