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सत्ता के समकालीन केंद्र Notes in hindi Chapter 2 Poltical Science class 12 Book 1 Alternative Centers of Power



Chapter -  2 


सत्ता के समकालीन केंद्र



सत्ता के नए केंद्र

  • सत्ता के नए केन्द्रों से तात्पर्य विश्व में ऐसे संगठनो तथा देशो से है जिनका प्रभाव अंतराष्ट्रीय स्तर पर राजनितिक रूप से बढ़ा है। 
  • यह एकध्रुवीय विश्व में अमेरिका के विकल्प के रूप में उभरे है।
  • विश्व राजनीति में  यह केंद्र राजनैतिक और आर्थिक रूप से अमेरिका के वर्चस्व को सिमित करेंगे।
  • इनमे महत्वपूर्ण है


   देश 

   संगठन

1. भारत

2. चीन

3. जापान 

4. दक्षिण कोरिया 

  1. यूरोपीय संघ

  2.आसियान


यूरोपीय संघ

1. यूरोपीय संघ की शुरुआत

  • दुसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप के देशो की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ,1945 के बाद शीतयुद्ध के करण यूरोप के देशों में आपसी मेल मिलाप बढ़ा।
  • अमेरिका ने यूरोप के देशो की अर्थव्यवस्था को फिर से सुधरने में जबरदस्त मदद की जिसे मार्शल योजना के नाम से जानते है।
  • मार्शल योजना के तहत 1948 में इसे यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना के साथ पश्चिमी यूरोप की आर्थिक मदद की शुरुआत हुई।
  • समय के साथ इसके स्वरुप में बदलाव आते रहे जैसे :-

1. 1949 राजनैतिक सहयोग के साथ यह यूरोपीय परिषद् बनी।

2. 1957 पूंजीवादी देशो के आर्थिक एकीकरण से यह यूरोपीय इकॉनामिक कम्युनिटी बना ।

3. 1992 में यूरोपीय पार्लियामेंट के गठन के साथ यह यूरोपीय संघ बन गया।


2. यूरोपीय संघ एक संगठन के रूप में 

  • फरवरी 1992 में मास्ट्रिस्ट संधि के साथ यूरोपीय संघ की स्थापना हुई।
  • प्रारंभ में यह एक आर्थिक संगठन के रूप में कार्य करता था लेकिन बाद में यह राजनैतिक संगठन की तरह कार्य करने लगा।
  • यह एक विशाल राष्ट्र की तरह अस्तित्व में आया।
  • इसके पास अपना झंडा, गान, स्थापना दिवस, मुद्रा है।
  • यूरोपीय संघ ने 2003 में अपना संविधान बनाने का प्रयास किया लेकिन उसमें असफल रहा।
  • यूरोपीय संघ के झंडे में सोने के रंग के 12 सितारे का घेरा बना है यूरोप के लोगों की एकता और मेल मिलाप का प्रतीक है।
  • वर्तमान में नए ,पुराने सदस्य मिलकर यूरोपीय संघ में 27 सदस्य देश है।


 यूरोपीय संघ के पुराने सदस्य

   यूरोपीय संघ के नए सदस्य

ऑस्ट्रिया
बेल्जियम
डेनमार्क
फिनलैंड
फ्रांस
जर्मनी
ग्रीस
आयरलैंड
इटली
लक्जमबर्ग
माल्टा
नीदरलैंड
पुर्तगाल
स्वीडन
स्पेन

एस्तोनिया
लातविया
लिथुआनिया
पोलैंड
चेक गणराज्य
रोमानिया
स्लोवाकिया
हंगरी
क्रोशिया
बुल्गारिया
साइप्रस
स्लोवेनिया


3. यूरोपीय संघ की विशेषताएं

  • यूरोपीय संघ अंतराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक,राजनैतिक, सैनीक और सामाजिक मामलो को प्रभावित कर सकता है।
  • यूरोपीय संघ का आर्थिक प्रभाव एशिया ,अफ्रीका ,यूरोप के देशो तक है।
  • 2016 में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरी ,सकल घरेलू उत्पादन 17000 अरब डॉलर से भी ज्यादा था।
  • इसकी मुद्रा यूरो अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए ख़तरा है।
  • विश्व व्यापार में अमेरिका से तीन गुनी ज्यादा हिस्सेदारी है जिससे अमेरिका और चीन के साथ व्यापारिक मामलो पर अपनी शर्तो पर बात करता है।
  • यूरोपीय संघ एक सदस्य देश फ्रांस जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में वीटो पॉवर मिली हुई है।
  • जिससे यह अमेरिका के साथ अन्य देशो की अंतराष्ट्रीय नीतियों को प्रभावित कर सकता है।
  • दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है और इसका सदस्य देश फ्रांस के पास 335 परमाणु हथियर है।
  • विश्व व्यापर संगठन के अंदर एक महत्वपूर्ण समूह की तरह कम करता है।


4. यूरोपीय संघ में कमियाँ 

  • यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की अपनी अलग विदेश नीति और रक्षा नीति है ,यह नीति कई बार एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं
  • उदाहरण - इराक पर अमेरिका का हमला जब हुआ उस समय ब्रिटेन ने इस हमले में साथ दिया जर्मनी और फ्रांस इसके खिलाफ थे
  • यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में से डेनमार्क और स्वीडन ने मास्ट्रिस्स संधि और साझी यूरोपीय मुद्रा यूरो का विरोध किया है
  • यूरोपीय संघ की स्थापना के समय से अब तक कई सदस्य देश अमरीकी गठबंधन का हिस्सा रहे है
  • यूरोपीय संघ की कुछ नीतियों के कारण ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से जून 2016 में एक जनमत संग्रह के द्वारा अलग होने का निर्णय किया, जिसे ब्रेक्जिट कहा जाता है।


आसियान 

( दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन )

  • आसियान की स्थापना 1967 में पांच देशों द्वारा बैंकॉक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके हुई।
  • प्रारंभ में इसमें 5 देश थे लेकिन बाद में 5 देश और जुड़ गए।


संस्थापक देश 

बाद में जुड़े नए  देश

इंडोनेशिया

ब्रूनेई म्यामार

मलेशिया

दारुस्सलाम

फिलीपींस

वियतनाम

सिंगापुर

लाओस

थाईलैंड

कंबोडिया

 

आसियान के उद्देश्य

1. आर्थिक विकास तेज करना।

2. सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना।

3. कानून और शासन को सुधारना।

4. संयुक्त राष्ट्र के कायदों पर आधारित क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना।


आसियान शैली क्या है ?

1. अनौपचारिक , टकराव रहित , सहयोगात्मक मेल मिलाप का नया उदाहरण पेश करके आसियान नें काफी यश कमाया।

2. इसे आसियान शैली कहा जाता है।

3. सबसे तेज रफ्तार से विकास करने वाला संगठन।


आसियान के तीन स्तम्भ :-

1. आसियान सुरक्षा समुदाय

  • सदस्य देशों के विवादों को सुलझाना
  • शांति, सहयोग, को बढ़ावा देना


2. आसियान आर्थिक समुदाय

  • साझा बाजार तथा मुक्त व्यापार बढ़ाना
  • आर्थिक विवाद सुलझाना


3. आसियान समाजिक सांस्कृतिक समुदाय.

  • आसियान देशों के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना


आसियान क्षेत्रीय मंच

  • स्थापना तथा उद्देश्य

1. स्थापना – 1994.

2. उद्देश्य – आसियान देशों की सुरक्षा करना।

3. आसियान देशों की विदेश नीति में तालमेल बनाए रखना।


5. आसियान विजन 2020 से क्या अभिप्राय है ?

1. आसियान के विजन दस्तावेज 2020 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की बहिर्मुखी भूमिका होगी।

2. टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति से यह बात निकली है।

3. आसियान ने कम्बोडिया के टकराव को समाप्त किया।

4. आसियान ने पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला है।


चीन

1. 1950 के दशक का चीन

  • चीन 1949 में माओ के नेतृत्व में साम्यवादी क्रांति के बाद जनवादी गणराज्य बना।
  • सोवियत प्रणाली से प्रभावित होकर साम्यवादी आधारित अर्थव्यवस्था को अपनया।
  • चीन आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ देश था, चीन पूंजीवादी दुनिया से रिश्ते तोड़ कर साम्यवादी बन गया था
  • ऐसे में चीन के पास अपने संसाधनों के अलावा गुजारा करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था
  • चीन खेती से पूंजी निकालकर उद्योग में लगाता था
  • चीन के पास विदेशी मुद्रा की कमी थी, इसलिए बाहर से आयात होने वाले सामान को धीरे-धीरे चीन ने घरेलू स्तर पर बनाना शुरू किया।
  • चीन में रोजगार की स्थिति अच्छी थी, अर्थव्यवस्था 5-6% की दर से विकास भी कर रही थी, लेकिन चीन की जनसंख्या दर तेजी से बढ़ रही थी, जिसके कारण चीन को नुकसान उठाना पड़ा
  • चीन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं और जनसंख्या की बढ़ती दर पर काबू पा लिया


2. चीन की अर्थव्यवस्था का उत्थान

  • वर्तमान समय में चीन जितना विकसित है यह सब इसके आर्थिक नीतियों के कारण हुआ है
  • चीन प्रारम्भ में विश्व व्यापार में शामिल नहीं था साम्यवादी आधारित अर्थव्यवस्था के कारण अपने संसाधनों पर निर्भर रहा।
  • चीन ने विशाल औद्योगिक अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा और सारे संसाधनों को उद्योग में लगा दिया
  • 1978 में चीन ने मुक्त द्वार की नीति अपनाई और विश्व व्यापार में शामिल हुआ
  • मुक्त द्वार की नीति देंग श्याऑपेंग के द्वारा अपनाई गई इसके बाद चीन का आर्थिक विकास तेजी से होने लगा
  • चीन अपने नागरिको को रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा और सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ देने में  विकसित देशों से भी आगे है
  • ऐसा माना जाता है चीन 2040 तक अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा
  • इस कारण चीन का प्रभाव विश्व भर में बढ़ता जा रहा है


3. चीन में सुधार

  • चीन ने 1972 में अमरीका से रिश्ते बेहतर कर राजनैतिक और आर्थिक संबंध बनाये
  • 1973 में चाऊ एन लाई ने 4 क्षेत्रो में आधुनीकरण का प्रस्ताव दिया

1. कृषि

2. उद्योग

3. सेना

4. विज्ञानं और प्रोद्योगिकी

  • 1978 में देंग श्योपेंग ने मुक्त द्वार की नीति अपनाई,उसके बाद से चीन तेजी से विकास करने लगा
  • चीन ने शॉक थेरेपी को नहीं अपनाया बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोला


1. 1982 में – खेती का निजीकरण।

2. 1998 में – उद्योगों का निजीकरण विशेष आर्थिक क्षेत्र (स्पेशल इकॉनामिक जोन SEZ) स्थापित किए गए।

3. चीन 2001 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल होकर दुसरे देशो के लिए अपनी अर्थव्यवस्था खोल दी।

  • इन महत्चीवपूर्नण बदलावों से आज चीन के पास विदेशी मुद्रा का विशाल भंडार है जिसे वो दुसरे देशो में निवेश करता है।


4. चीनी सुधारों का नकारात्मक पहलू

  • चीन आर्थिक विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों को नहीं हुआ
  • चीन में आज भी 10 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में हैं ,बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ी है
  • गाँव व शहर के और तटीय व मुख्य भूमि पर रहने वाले लोगों के बीच आय में अंतर बढ़ा है।
  • चीन ने आर्थिक विकास की चाह में पर्यावरण बहुत नुकशान किया है
  • चीन में एक पार्टी के चलते प्रशासनिक और सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार बढ़ा है।


5. चौन सत्ता का नया केंद्र के रूप में

  • विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश ,एक विशाल भूभाग , प्राकृत संसाधन, विज्ञानं और प्रोद्योगिकी के मामले में उन्नत।
  • 2001 में विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बनाने के साथ विश्व की एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना।
  • चीन की बढती आर्थिक विकास के चलते जापान, अमरीका, आसियान और रूस सभी ने व्यापार के आगे चीन से बाकी विवादों को भुला दिया हैं।
  • 1997 के वित्तीय संकट के बाद आसियान देशों की अर्थव्यवस्था को टिकाए रखने में चीन के आर्थिक उभार ने काफी मदद की है।
  • चीन एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है।
  • चीन सुरक्षा परिषद का एक स्थाई सदस्य भी हैं।
  • चीन का लातिनी अमेरिका और अफ्रीका में निवेश की नीतियां दर्शाती है कि चीन विश्व में एक नई शक्ति के रूप में उभर रहा है।


भारत और चीन के संबंधो पर चर्चा

  • हिंदी चीनी भाई भाई का नारा बहुत प्रसिद्ध था
  • चीन भारत का 1962 युद्ध हुआ जिसमे भारत हार गया
  • सीमा विवाद (जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में )
  • चीन ने तिब्बत को हड़प लिया
  • दलाई लामा ने भारत में शरण मांगी
  • पंचशील का समझोता


पंचशील समझोता

  • एक दुस्र्रे की क्षेत्रीय अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना
  • एक दुसरे पर आक्रमण न करना
  • एक दुसरे के आंतरिक मामलो में दखल न देना
  • समानता
  • शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व

1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ. जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा.भारत और चीन के संबंध कई बार तनावपूर्ण रहे हैं. भारत और चीन के बीच व्यापार बड़े स्तर पर होता है


सार्क

( दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन )

  • सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को हुई
  • सार्क की स्थापना के समय इस में 7 देश शामिल थे
  • इसका मुख्यालय काठमांडू ( नेपाल ) में है


       सार्क में 7 देश

1. भारत
2. पाकिस्तान
3. बांग्लादेश
4. नेपाल
5. भूटान
6. मालदीव
7. श्रीलंका
8. अफगानिस्तान इसमें बाद में शामिल हुआ


1. उद्देश्य

  • दक्षिण एशिया के देशों में जनता के विकास एवं जीवन स्तर में सुधार लाना।
  • आत्मनिर्भरता का विकास।
  • आर्थिक विकास करना।
  • सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास, आपसी सहयोग।
  • आपसी विवादों का निपटारा।
  • आपसी विश्वास बढ़ाकर व्यापार को बढ़ावा देना।


2. सार्क क्यों असफल हो गया ?

  • इसके सदस्य देशों के आपसी विवाद।
  • आपसी व्यापार काफी कम रूचि है ।
  • भारत - पाकिस्तान संघर्ष भी एक मुख्य कारण है आतंकवाद, अलगाववाद।
  • यह देश आपस में लड़ते रहते है इनमे एकता नहीं है।
  • आपसी विवादों को बातचीत से सुलझाया नही जा सका



3. साफ्टा

  • 2006 में सार्क देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए साफ्टा बनाया गया।
  • दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता.South Asian free trade area।
  • लक्ष्य - आपसी व्यापार में लगने वाला सीमा शुल्क 2007 तक कम कर दिया जाएगा।

साफ्टा क्यों असफल रहा ?

  • सार्क के कुछ छोटे देश ऐसा मानते हैं कि भारत साफ्टा की ओट लेकर उनके बाजारों में सेंध मारना चाहता है।
  • भारत सोचता है कि साफ्ता से इस क्षेत्र में हर देश को फायदा होगा इन देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा।
  • भारत का पहले से ही भूटान, श्रीलंका, नेपाल से 2 पक्षीय व्यापारिक समझौता हो रखा है।

भारत

  • भारत दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल आबादी वाला देश है।
  • 21 वी शताब्दी में भारत को एक उभरती वैश्विक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।
  • पूरा विश्व भारत की शक्ति और उसके उदय को अनुभव कर रहा है।
  • भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड है।
  • जनसंख्या के आधार पर भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है।
  • भारत 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
  • सामरिक दृष्टि से देखा जाए तो भारत की सेना एक विशाल सेना है।
  • भारत के पास परमाणु हथियार भी हैं।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत उभर कर सामने आया है।
  • मेक इन इंडिया योजना के तहत घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
  • इससे भारत आत्मनिर्भर बनेगा।


रूस

  • 15 गणराज्य को मिलाकर सोवियत संघ बनाया गया था.रूस उनमें से एक था.
  • रूस एक बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है.
  • सोवियत संघ में रूस की महत्वपूर्ण भूमिका थी.
  • जब सोवियत संघ का विघटन हो गया,रूस को सोवियत संघ का उत्तराधिकारी बनाया गया.
  • सोवियत संघ की सुरक्षा परिषद में वीटो पावर उसको दे दी गई.
  • रूस की जीडीपी वर्तमान समय में 11वीं स्थान पर है.
  • रूस के पास खनिज संसाधन, प्राकृतिक संसाधन तथा गैस का भंडार है.
  • इन संसाधनों के कारण रूस दुनिया में एक शक्तिशाली देश है.
  • रूस के पास परमाणु हथियार भी है.
  • रूस सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है.


भारत और रूस के संबंध

  • भारत तथा रूस के संबंध हमेशा से मधुर रहे हैं.
  • भारत सोवियत संघ तथा रूस से हथियार खरीदता है.
  • भारत और रूस दोनों काई सपना बहुत ध्रुवीय विश्व का है.
  • रूस ने सदैव भारत की सहायता की है.
  • दोनों देश चाहते हैं की अंतरराष्ट्रीय संघर्षों का समाधान बातचीत द्वारा निकाला जाए.
  • 2001 के भारत रूप समझौते में दोनों देशों के बीच 80 द्विपक्षीय समझौते हुए.
  • भारत तेल का आयतक देश है और संकट की घड़ी में रूस ने भारत को तेल देकर भारत की सहायता की है.
  • रूस ने भारत के प्रमाणिक योजना में तथा अंतरिक्ष उद्योग में सहायता की है.


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