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MID-TERM EXAMINATION (2025-26) CLASS: XI SUBJECT: HINDI (ELECTIVE) (002) MORNING AND EVENING SHIFT

MID-TERM EXAMINATION (2025-26) CLASS: XI SUBJECT: HINDI (ELECTIVE) (002) MORNING AND EVENING SHIFT



MORNING SHIFT


MID-TERM EXAMINATION (2025-26)

CLASS: XI

SUBJECT: HINDI (ELECTIVE) (002)


Time Allowed: 3 hours

Maximum Marks: 80

समय : 3 घंटे

अधिकतम अंक : 80


सामान्य निर्देशः

  • इस प्रश्न-पत्र में तीन खंड हैं, खंड-क, ख और ग।
  • दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  • तीन खंडों में कुल 14 प्रश्न हैं।
  • तीनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासंभव तीनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।



खंड-'क'

(अपठित बोध)


प्र.1 नीचे लिखे गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर लिखिए -

जहाँ भी दो नदियाँ आकर मिल जाती हैं, उस स्थान को अपने देश में तीर्थ कहने की परंपरा है। और यह केवल परंपरा की ही बात नहीं है; हम सचमुच मानते हैं कि अलग-अलग नदियों में स्नान करने से जितना पुण्य होता है, उससे अधिक पुण्य संगम स्नान में है। किंतु भारत आज जिस दौर से गुज़र रहा है, उसमें असली संगम वे स्थान, वे सभाएँ तथा वे मंच हैं, जिन पर एक से अधिक भाषाएँ एकत्र होती हैं।

नदियों की विशेषता यह है कि वे अपनी धाराओं में अनेक जनपदों का सौरभ, अनेक जनपदों के आँसू और उल्लास लिए चलती हैं और उनका पारस्परिक मिलन वास्तव में नाना प्रकार के आँसू और उमंग, भाव और विचार, आशाएँ और शंकाएँ समाहित होती हैं। अतः जहाँ भाषाओं का मिलन होता है, वहाँ वास्तव में विभिन्न जनपदों के हृदय ही मिलते हैं, उनके भावों और विचारों का ही मिलन होता है तथा भिन्नताओं में छिपी एकता वहाँ कुछ अधिक प्रत्यक्ष हो उठती है। इस दृष्टि से भाषाओं के संगम आज सबसे बड़े तीर्थ हैं और इन तीर्थों में जो भी भारतवासी श्रद्धा से स्नान करता है, वह भारतीय एकता का सबसे बड़ा सिपाही और संत है।

हमारी भाषाएँ जितनी ही तेज़ी से जगेंगी, हमारे विभिन्न प्रदेशों का पारस्परिक ज्ञान उतना ही बढ़ता जाएगा। रचनाकार एवं कृतियाँ केवल अपनी ही भाषा में प्रसिद्ध होकर न रह जाएँ, बल्कि भारत की अन्य भाषाओं में भी उनके नाम पहुँचे और उनकी कृतियों की चर्चा हो। भाषाओं के जागरण का आरंभ होते ही एक प्रकार का अखिल भारतीय मंच आप से आप प्रकट होने लगा है। आज प्रत्येक भाषा के भीतर यह जानने की इच्छा उत्पन्न हो गई है कि भारत की अन्य भाषाओं में क्या हो रहा है, उनमें कौन-कौन लेखक हैं तथा कौन-सी विचारधारा वहाँ प्रभुसत्ता प्राप्त कर रही है।


(I) लेखक ने सबसे बड़ा सिपाही और संत किसे कहा है?

(क) भाषाओं के संगम में गोता लगाने वाले श्रद्वालुओं को।

(ख) नदियों में स्नान करने वाले लोगों को।

(ग) सीमा पर पहरा देने वाले सिपाहियों को।

(घ) निरन्तर ध्यान में मग्न रहने वाले साधुओं को।


(II) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए -

कथन (A) : जहाँ भाषाओं का मिलन होता है, वहाँ वास्तव में विभिन्न जनपदों के हृदय ही मिलते हैं।

कारण (R) : भाषाएँ जितनी तेज़ी से बढ़ेगी विभिन्न प्रदेशों का पारस्परिक ज्ञान भी उतना ही बढ़ता जाएगा।

(क) कथन (A) गलत है किंतु कारण (R) सही है।

(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।

(ग) कथन (A) सही है किंतु कारण (R) गलत है।

(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।


(III) अलग-अलग प्रदेशों में आपसी ज्ञान किस प्रकार बढ़ सकता है?

(क) जब भाषायी महत्त्व कम होगा।

(ख) जब भारतीय भाषाएँ जगेंगी।

(ग) भाषा संगम को समाप्त करके।

(घ) एक प्रदेश की कृति दूसरे प्रदेश तक न पहुँचे।


(IV) दो नदियों का मिलन किसका प्रतीक है?

उत्तर-

विभिन्न जनपदों के मिलन का प्रतीक है।


(V) आजकल के विभिन्न लेखकों में क्या जिज्ञासा उत्पन्न हुई है?

उत्तर-

लेखकों की जिज्ञासा :

  • भारत की अन्य भाषाओं में क्या हो रहा है।
  • अन्य भाषा के कवियों एवं उनकी कृतियों के प्रति जिज्ञासु आदि।


(VI) भाषा संगमों में भारत की किन विशेषताओं का संगम होता है?

उत्तर-

किसी भी भाषा के भीतर उस भाषा को बोलने वाली जनता के आँसू और उमंग, भाव और विचार, आशएँ और शंकाएँ समाहित होती है अतः विभिन्न भाषा-भाषी लोगों के भावों और विचारों का संगम होता है।


(VII) लेखक ने आधुनिक संगम स्थल किसको माना है और क्यों?

उत्तर-

लेखक ने आधुनिक संगम स्थल उन सभाओं व मंचों को माना है, जहाँ एक से अधिक भाषाएँ एकत्रित होती हैं।ये भाषाएँ विभिन्न जनपदों में बसने वाली जनता की भावनाएँ लेकर आती हैं।


प्र.2 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर लिखिए -


हँस लो दो क्षण खुशी मिली गर

वरना जीवन-भर क्रंदन है।

किसका जीवन हँसी-खुशी में

इस दुनिया में रहकर बीता?

सदा-सर्वदा संघर्षों को

इस दुनिया में किसने जीता?

खिलता फूल म्लान हो जाता

हँसता-रोता चमन-चमन है।

कितने रोज चमकते तारे

दूर तलक धरती की गाथा

मौन मुखर कहता कण-कण है।

यदि तुमको सामर्थ्य मिला तो

मुसकाओ सबके संग जाकर

कितने रह-रह गिर जाते हैं,

हँसता शशि भी छिप जाता है,

जब सावन घन घिर आते हैं।

उगता-ढलता रहता सूरज

जिसका साक्षी नील गगन है।

आसमान को छूने वाली,

बे ऊँची-ऊँची मीनारें।

मिट्टी में मिल जाती हैं वे

छिन जाते हैं सभी सहारे।

यदि तुमको मुसकान मिली तो धामो सबको हाथ बढ़ाकर झाँको अपने मन-दर्पण में प्रतिबिंबित सबका आनन है।


(I) कबिता में कवि का क्या भाव मुखर हुआ है?

(क) जीवन में सब समान रहता है। "

(ख) जीवन में समय एक-सा नहीं रहता।

(ग) सभी हमेशा खुश रहते हैं।

(घ) मनुष्य सदा दुखी रहता है।


(II) कविता में संसार की किस वास्तविकता को प्रस्तुत किया गया है?

(क) संसार में सब कुछ नश्वर है।

(ख) संसार में सबके दुख समान हैं।

(ग) संसार में सब अनश्वर है।

(घ) संसार के सभी प्राणी समान रूप से सुखी हैं।


(III) 'मन-दर्पण' में कौन-सा अलंकार है?

(क) श्लेष

(ख) अनुप्रास

(ग) यमक

(घ) रूपक


(IV) 'उगता-ढलता रहता सूरज' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर-

  • समय एक-सा नहीं रहता
  • अच्छे बुरे समय के साथ-साथ सुख-दुख आते जाते रहते हैं।


(V) कवि दो क्षण के लिए मिली खुशी पर हँसने के लिए क्यों कह रहा है?

उत्तर-

जीवन में बहुत आपदाएँ हैं अतः जब भी हँसी के क्षण मिले तब हँस लेना चाहिए। कवि कहते हैं कि अवसर जब भी मिले खुशी मनानी चाहिए।


(VI) धरती का कण-कण कौन-सी गाथा सुनाता रहा है?

उत्तर-

  • धरती का कण-कण गाथा सुनाना आ रहा है कि आसमान को छूने वाली दीवारें एक दिन मिट्टी में मिल जाती हैं।
  • सभी सहारे दूर हो जाते हैं यदि समय है तो सबके साथ मुस्कुराओ और सामर्थ्य है तो तो सहारा बनो।


खंड-'ख'

('अभिव्यक्ति और माध्यम' पुस्तक के आधार पर)


प्र.3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए -


(I) ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई?

उत्तर-

ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना - 1936 में


(II) दूरदर्शन (टी.वी.) जनसंचार का कैसा माध्यम है? दूरदर्शन के उद्देश्य कौन-कौन से हैं?

उत्तर-

टेलीविजन जसंचार का दृश्य-श्रव्य एवं सबसे लोकप्रिय माध्यम है।

  • सामाजिक परिवर्तन
  • राष्ट्रीय एकता
  • परिवार कल्याण को प्रोत्साहन
  • वैज्ञानिक चेतना का विकास
  • कृषि विकास
  • सामाजिक विकास
  • पर्यावरण संरक्षण

खेल एवं संस्कृति का विकास आदि।


(III) जनसंचार किसे कहते हैं? जनसंचार के प्रमुख कार्य कौन-कौन से हैं?

उत्तर-

जनसंचार: जब तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जरिए समाज के एक विशाल वर्ग के साथ संवाद कायम करने कोशिश की जाती है, जनसंचार कहलाता है।

जनसंचार के प्रमुख कार्य :-

  • सूचना देना
  • शिक्षित करना
  • मनोरंजन करना
  • एजेंडा निर्धारित करना
  • निगरानी करना

विचार-विमर्ग के मंच उपलब्ध कराना।


प्र.4 निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में दृश्य लेखन कीजिए -


(I) बारिश के कारण यातायात जाम का दृश्य

उत्तर-

सुबह से लगातार हो रही तेज बारिश ने पूरे शहर का हाल बेहाल कर दिया था। सड़कों पर पानी भर गया था और गाड़ियाँ धीरे-धीरे रेंग रही थीं। जगह-जगह जाम लगा था, हॉर्न की आवाज़ों से वातावरण गूंज रहा था। कार्यालय जाने वाले लोग बसों और ऑटो में फँसे हुए थे, कुछ लोग छातों के सहारे पैदल निकलने की कोशिश कर रहे थे। ट्रैफिक पुलिसकर्मी बारिश में भीगकर व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे। हर किसी के चेहरे पर बेचैनी और थकान झलक रही थी। यह दृश्य शहर के एक व्यस्त चौराहे का था, जहाँ बारिश ने जीवन की रफ्तार थाम दी थी।


(II) पुस्तक मेले का दृश्य

उत्तर-

नगर के बड़े मैदान में पुस्तक मेला लगा था। भीड़ की चहल-पहल दूर से ही दिखाई दे रही थी। पुस्तक स्टॉलों पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों की भीड़ लगी थी। रंग-बिरंगे पोस्टर, किताबों की सुंदर सजावट और नए-पुराने लेखकों की कृतियाँ सभी को आकर्षित कर रही थीं। बच्चों के लिए कहानी की किताबें, विज्ञान की किताबें, प्रतियोगी परीक्षाओं की सामग्री, सब कुछ उपलब्ध था। लेखकगण पाठकों से बातचीत कर रहे थे और कुछ लोग किताबों पर ऑटोग्राफ ले रहे थे। पूरे वातावरण में ज्ञान और उत्साह की खुशबू फैली थी। मेला शिक्षा और संस्कृति का उत्सव दिखा रहा था।


(III) सड़क दुर्घटना का दृश्य

उत्तर-

शाम के समय मुख्य सड़क पर अचानक एक जोरदार आवाज़ हुई। दो बाइक की टक्कर हो गई थी। दोनों ओर लोग दौड़कर घटनास्थल पर पहुँच गए। एक व्यक्ति ज़मीन पर गिरा हुआ था और उसके सिर से खून बह रहा था। भीड़ में किसी ने पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। कुछ लोग घबराए हुए थे, तो कुछ सहायता के लिए आगे आए। ट्रैफिक अब पूरी तरह रुक गया था, गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई थी। पुलिसकर्मी ने यातायात नियंत्रित करते हुए हादसे की जानकारी ली। जल्दी ही एंबुलेंस आ गई और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। यह दुर्घटना सभी को सड़क पर सावधानी बरतने का संदेश दे रही थी।


प्र.5 निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए -


आपके क्षेत्र के आसपास कोई अस्पताल नहीं है। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अस्पताल खोलने का अनुरोध करते हुए स्वास्थ्य निदेशक, दिल्ली सरकार को पत्र लिखिए।

उत्तर-

सेवा में,

स्वास्थ्य निदेशक,

दिल्ली सरकार,

दिल्ली।


विषय: अस्पताल खोलने हेतु अनुरोध।


महोदय,

नम्र निवेदन है कि हमारे क्षेत्र में कोई भी सरकारी या निजी अस्पताल उपलब्ध नहीं है। बीमार लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज़ के क्षेत्रों में जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है। कई बार आपात स्थिति में सही इलाज न मिलने से लोगों की जान पर भी बन आती है। अतः आपसे निवेदन है कि हमारे क्षेत्र में शीघ्र ही एक अस्पताल खोलने की कृपा करें, ताकि आमजन को स्वास्थ्य सुविधाएँ समय पर मिल सकें।


सधन्यवाद,

[आपका नाम]

[आपका पता]


अथवा


हिंदी टंकन के पद हेतु राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, दिल्ली के सचिव को स्ववृत्त के साथ आवेदन पत्र लिखिए।

उत्तर-

सेवा में,

सचिव महोदय,

राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र,

दिल्ली।


विषय: हिंदी टंकन के पद हेतु आवेदन पत्र।


महोदय,

सविनय निवेदन है कि आपके संस्थान में हिंदी टंकन के पद हेतु विज्ञापन पढ़कर मैं आवेदन कर रहा हूँ। मेरा शैक्षिक योग्यता स्नातक है तथा मुझे हिंदी टंकन में दो वर्षों का अनुभव है। मैंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। मेरी टंकण गति पर्याप्त है और मैं कंप्यूटर के विभिन्न ऑफिस सॉफ्टवेयर का भी दक्षता से उपयोग कर सकता हूँ। कृपया मेरे संलग्न स्ववृत्त को देखें और मुझे अवसर प्रदान करें।


सधन्यवाद,

[आपका नाम]

[आपका पता]

दिनांक: _____


प्र.6 निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए-


आपकी कॉलोनी में वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसका एक प्रतिवेदन तैयार कीजिए।

उत्तर-

प्रतिवेदन:

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हमारी कॉलोनी में वृक्षारोपण कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय पार्षद श्रीमती कविता शर्मा ने किया। कॉलोनी के सभी निवासी, बच्चे तथा बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। लगभग 150 पौधे लगाए गए जिनमें नीम, अमलतास, अशोक और गुलमोहर के पौधे प्रमुख थे।


पर्यावरण विशेषज्ञों ने वृक्षों के महत्त्व पर प्रकाश डाला और सभी को पौधों की देखभाल का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम के अंत में चाय और नाश्ते की व्यवस्था की गई। यह कार्यक्रम न केवल आनंददायक रहा बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में भी सफल रहा।


प्रतिवेदक:

राहुल वर्मा

(सचिव, पर्यावरण क्लब)

अथवा


सर्वोदय विद्यालय, राजा गार्डन की कार्यकारिणी समिति की नए शैक्षिक सत्र आरम्भ होने से पूर्व की बैठक हेतु कार्यसूची बनाइए।

उत्तर-

सर्वोदय विद्यालय, राजा गार्डन की कार्यकारिणी समिति की नए शैक्षिक सत्र आरम्भ होने से पूर्व की बैठक हेतु कार्यसूची निम्नलिखित है:

  • कार्यकारिणी बैठक हेतु कार्यसूची
  • स्वागत एवं उपस्थिति की पुष्टि
  • गत बैठक कार्यवृत्त की स्वीकृति
  • नए शैक्षिक सत्र की योजना पर चर्चा
  • शिक्षकों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति/स्थानांतरण
  • विद्यालय नामांकन व प्रवेश प्रक्रिया की समीक्षा
  • विद्यार्थियों के लिए पाठ्य सहगामी गतिविधियों की रूपरेखा
  • विद्यालय भवन, कक्षाओं व अन्य सुविधाओं का निरीक्षण
  • सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा
  • अभिभावकों के सुझावों व समस्याओं पर विचार
  • विविध विषयों पर चर्चा व प्रस्तावित कार्यक्रम


प्र. 7 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए -


(I) डायरी लेखन के कोई दो लाभ लिखिए।

उत्तर-

डायरी लेखन के दो प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

आत्ममंथन एवं समस्या समाधान

  • डायरी लेखन से व्यक्ति अपने विचारों और कार्यों का विश्लेषण कर सकता है, जिससे आत्ममंथन होता है और स्वयं की कमियों एवं अच्छाइयों को समझ पाता है।​
  • जब भी कोई समस्या आती है, तो उसे डायरी में लिखने से उसका समाधान ढूँढने में मदद मिलती है क्योंकि व्यक्ति पूरे विषय को स्पष्ट रूप से देख सकता है।​

भावनाओं की अभिव्यक्ति एवं स्पष्टता

  • डायरी लेखन के माध्यम से मन की भावनाओं, परेशानियों या खुशियों को खुलकर अभिव्यक्त किया जा सकता है, जिससे मानसिक बोझ हल्का होता है।​
  • नियमित रूप से लिखने से विचारों में स्पष्टता आती है और जीवन के उद्देश्यों की भी स्पष्ट पहचान हो जाती है।​


(II) डायरी लेखन में गोपनीयता का क्या महत्त्व है?

उत्तर-

डायरी एक विश्वसनीय मित्र की भाँति है, जहाँ हम अपने सुख-दुख, विचारों और अन्य काम की बातों को गोपनीयता को बिना झिझक के प्रकट करते हैं।

  • डायरी हमारी मानसिकता एवं सृजनात्मकता को बढ़ावा देती है।
  • यह हमारे जीवन के खास क्षणों का एक दस्तावेज है, आदि।


खंड-'ग'

(अंतरा भाग-1, अंतराल भाग-1 पाठ्यपुस्तकों के आधार पर)


प्र.8 निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए -

साहिब अंध, मुसाहिब मूक, सभा बहिरी, रंग रीझ को माच्यो।

भूल्यों तहाँ भटक्यो घट औघट बूढ़िबे को काहू कर्म न बाच्यो।

भेष न सूझ्यो, कह्यो समझ्यो न, बतायो सुन्यो न, कहा रूचि राच्यो।

'देव' तहाँ निबरे नट की बिगरी मति को सगरी निसि नाच्यो।


(I) पद में सामंतवादी समाज का कैसा चित्र उकेरा गया है?

(क) कर्मण्यता का

(ख) उदारतापूर्ण वातावरण का

(ग) भोग विलासिता का

(घ) विवेकशीलता का


(II) राज-समाज की स्थिति कैसी है?

(क) दयनीय

(ख) प्रशंसनीय

(ग) विवेकपूर्ण

(घ) सराहनीय


(III) दरबार में कैसे लोगों की बहुलता है?

(क) बुद्धिमान और परोपकारी

(ख) चाटुकार एवं मूर्ख

(ग) विवेकी और समझदार

(घ) कला के पारखी


(IV) सब कुछ जानकर भी अनजान कौन बना हुआ है?

(क) राजा

(ख) प्रजा

(ग) दरबारी

(घ) कलाकार


(V) प्रस्तुत सवैये में किस भाषा की भावपूर्ण अभिव्यक्ति हुई है?

(क) सधुक्कड़ी भाषा

(ख) अवधी भाषा

(ग) ब्रज भाषा

(घ) खड़ी बोली


प्र.9 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए -


(I) 'बालम आवो हमारे गेह रे' में वर्णित प्रियतम के विरह में विरहिणी की दारुण दशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर-

  • विरहिणी का सारा शरीर प्रियतम के बिना दुख रहा है।
  • उसे अन्न नहीं भाता एवं नींद नहीं आती।
  • उसे कभी भी धीरज नहीं मिलता।
  • प्रियतम को देखे बिना उसका जीवन व्यर्थ है।


(II) संध्या के समय किस-किस के घर लौटने का वर्णन कविता में किया गया है? 'संध्या के बाद' कविता के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

संध्या के समय पक्षी, गाएँ, किसानों, व्यापारियों (ऊँट, घोड़ों के साथ) आदि के घर लौटने का वर्णन कविता में मिलता है।


(III) 'सोए गए भाग मेरे जानि व जगन में' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं? देव के 'सपना' कविता के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

कवि कहता है कि जब नायिका की नींद खुली तो उसका भाग्य सो गया। सपने में वह कृष्ण से मिलने का आनंद उठा रही थी, जो जागने पर समाप्त हो गया। उसे इस वियोगावस्था में भी सपने की संयोगावस्था की अनुभूति हो रही है।


प्र.10 निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -


अति आधीन सुजान कनौड़े, गिरिधर नार नवावति ।

आपुन पौढ़ि अधर सज्जा पर, कर पल्लव पलुटावति।

भुकुटि कुटिल, नैन नासा-पुट, हम पर कोप करावति।

सूर प्रसन्न जानि एकौ छिन, धर तैं सीस डुलावति ।।

उत्तर-

संदर्भ

यह काव्यांश सूरदासजी द्वारा रचित कृष्ण-लीला संबंधी पद से लिया गया है। इसमें बाल-कृष्ण की बाल-सुलभ चेष्टाओं और स्वभाव का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है।

प्रसंग

इस पद में सूरदासजी ने श्रीकृष्ण की चालाकी, बाल-हठ, रूठना-मनाना एवं उनके भाव-भावनाओं का हृदयस्पर्शी चित्रण किया है। कृष्ण की बालसुलभ कठौतियों से उनके साथी प्रभावित होते हैं।

व्याख्या

कवि कहते हैं कि श्रीकृष्ण चतुर और प्रेम में छुटी हुई सखियों के सामने गर्दन झुकाकर खड़े हैं। अपनी कोमल हथेलियों से सखियों के पैर दबाते हैं। कभी तिरछी भौहें बनाकर, कभी बड़ी-बड़ी आँखें और फूले हुए नथुने दिखाकर क्रोध करने का अभिनय करते हैं। लेकिन जब सखियाँ देखती हैं कि कृष्ण प्रसन्न हैं, तो वह खुशी में सिर हिलाते हैं। कविता में कृष्ण के बालस्वभाव, उनकी नटखट लीलाओं और भाव-भंगिमाओं का सुंदर चित्र है।

विशेष

इस पद में सूरदासजी ने कृष्ण के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पक्ष को सहज, सरल भाषा में प्रस्तुत किया है। ब्रजभाषा की सुंदरता, माधुर्य और स्वाभाविकता पूरे पद में झलकती है। अनुप्रास, पुनरुक्ति, पदमैत्री जैसे काव्य-गुणों का प्रयोग किया गया है, जिससे कविता अत्यंत सरस बन गई है।


अथवा


खिसक गई कंधों से कथड़ी

ठिठुर रहा अब सर्दी से तन,

सोच रहा बस्ती का बनिया

घोर विवशता का निज कारण!

शहरी बनियों-सा वह भी उठ

क्यों बन जाता नहीं महाजन ?

रोक दिए हैं किसने उसकी

जीवन उन्नति के सब साधन ?

उत्तर-

संदर्भ

यह काव्यांश ग्रामीण बनिए की गरीबी, संघर्ष और उसकी सामाजिक विवशता को दर्शाता है। इसमें आम किसान या छोटे व्यापारी की अवस्था और उसके मन की वेदना का चित्रण है।

प्रसंग

इस कविता में कवि एक गरीब बनिए के संघर्षपूर्ण जीवन का चित्रण करते हैं, जो ठंड से काँप रहा है और अपने जीवन में व्याप्त मजबूरी का कारण सोच रहा है।

व्याख्या

कवि कहते हैं कि बनिए की कथड़ी (पुराना कपड़ा) उसके कंधों से खिसक गई है, और वह सर्दी से ठिठुर रहा है। वह सोचता है कि उसकी ऐसी दयनीय हालत क्यों है, वह शहरी बनियों जैसा संपन्न महाजन क्यों नहीं बन पाता? उसके जीवन की उन्नति के सभी साधन किसने और क्यों रोक दिए?

यह काव्यांश सामाजिक विषमता, ग्रामीण-शहरी अंतर और व्यवस्था के कारण उत्पन्न आर्थिक और मानसिक विवशता को अत्यंत मार्मिकता के साथ उजागर करता है।

विशेष

कवि ने शब्दों के माध्यम से ग्रामीण समाज की कड़वी सच्चाई दिखाते हुए उस वर्ग की असहायता, निर्धनता और असंतोष को बहुत संवेदना के साथ प्रस्तुत किया है। भाषा सरल, मार्मिक और भावपूर्ण है, जिससे पाठक को स्थितियों की गहराई का अनुभव होता है।


प्र.11 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उचित विकल्प का चयन कीजिए -

सिद्धेश्वरी पर जैसे नशा चढ़ गया था। उन्माद की रोगिणी की भाँति बड़बड़ाने लगी, 'पागल नहीं है, बड़ा होशियार है। उस जमाने का कोई महात्मा है। मोहन तो उसकी बड़ी इज्जत करता है। आज वह कह रहा था कि भैया की शहर में बड़ी इज्जत होती है, पढ़ने-लिखनें वालों में बड़ा आदर होता है और बड़का जो छोटे भाइयों पर जान देता है। दुनिया में वह सब कुछ सह सकता है, पर यह नहीं देख सकता कि उसके प्रमोद को कुछ हो जाए।'


(I) गद्यांश में 'उन्माद की रोगिणी' किसे कहा गया है?

(क) रामचंद्र को

(ख) मोहन को

(ग) प्रमोद को

(घ) सिद्धेश्वरी को


(II) प्रमोद कौन है?

(क) सबसे छोटा भाई

(ख) सबसे बड़ा भाई

(ग) मँझला भाई

(घ) सौतेला भाई


(III) सिद्धेश्वरी की बड़बड़ाहट किसके बारे में है?

(क) मोहन के बारे में।

(ख) प्रमोद के बारे में।

(ग) रामचंद्र के बारे में।

(घ) अपने पति के बारे में।


(IV) संपूर्ण कथन में सिद्धेश्वरी क्या करने का प्रयास कर रही है?

(क) पिता पुत्र के रिश्ते में प्रेम उत्पन्न करने का।

(ख) रामचंद्र की बेरोजगारी मिटाने का।

(ग) अपना अधिकार जमाने का।

(घ) रामचंद्र के प्रति अत्यधिक प्रेम प्रदर्शन का।


(V) सिद्धेश्वरी के कथन अनुसार मोहन किसकी इज़्ज़त करता है?

(क) रामचंद्र की

(ख) अपने पिता की

(ग) प्रमोद की

(घ) सिद्धेश्वरी की


प्र.12 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए -


(I) 'सूरज छाप' टार्च बेचनेवाले व्यक्ति ने अपना रूप क्यों बदला? 'टार्च बेचनेवाला' पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

'सूरज छाप' टार्च बेचने वाला व्यक्ति साधु बने मित्र का ठाठ और ऐश्वर्य देखकर दंग रह गया। वह उसके अमीर होने का रहस्य समझ गया। उसने अधिकाधिक धन कमाने के लिए अपना रूप बदल लिया।


(II) हामिद ने दादी के लिए 'चिमटा' क्यों ख़रीदा? 'ईदगाह' कहानी के आधार पर, उत्तर लिखिए।

उत्तर-

चिमटा न होने के कारण कारण हामिद की दादी की अँगुलियाँ रोटी सेंकते समय जल जाती थी। चिमटा होगा तो दादी की अँगुलियों भी नहीं जलेंगी और दादी प्रसन्न भी हो जाएँगी।


(III) 'उसने पहला ग्रास मुँह में रखा और तब न मालूम कहाँ से उसकी आँखों से टप-टप आँसू चूने लगे' - 'दोपहर का भोजन' पाठ के आधार पर इस कथन में सिद्धेश्वरी की व्यथा समझाइए।

उत्तर-

सिद्धेश्वरी को इस बात की पीड़ा है कि घर का हर सदस्य आधे पेट भोजन करके पेट भरा होने का नाटक करता है। वह स्वयं भी भूखी रहती है। इस व्यथा को वह किसी और के सामने प्रकट नहीं कर सकती इसलिए आँसुओं के माध्यम से निकालती है।


प्र.13 निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -


कई बार यही क्रिया होती है, जैसे बिजली की लाखों बत्तियाँ एक साथ प्रदीप्त हों और एक साथ बुझ जाएँ और यही क्रम चलता रहे। कितना अपूर्व दृश्य था, जिसकी सामूहिक क्रियाएँ, विस्तार और अनंतता हृदय को श्रद्धा गर्व और आत्मानंद से भर देती थी, मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।

उत्तर-

संदर्भ

यह कथन उस दृश्य का है जहाँ हजारों, लाखों व्यक्ति सामूहिक रूप से एक ही प्रक्रिया — जैसे एक साथ दीये जलाना और बुझाना — में भाग लेते हैं। यह किसी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन, उत्सव या राष्ट्रधर्म से जुड़े सामाजिक आयोजन से संबंधित हो सकता है।​

प्रसंग

गद्यांश में सामूहिक एकता, अनुशासन और साझा भावना का अत्यंत सुंदर चित्रण है। इसमें सभी लोगों की एक साथ की गई क्रियाओं को बिजली की रोशनी के समूह की तरह दिखाया गया है, जो एक साथ प्रकाशित और एक साथ बुझती हैं।​

व्याख्या

लेखक कहते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की एक साथ की गई क्रिया — जैसे बत्तियाँ जलाना और बुझाना — देखने में अत्यंत अद्भुत है। यह दृश्य ऐसा होता है मानो मानवता का एक बड़ा परिवार एक ही सूत्र में बंधा हुआ है। सामूहिकता का यह विस्तार और अनुशासन व्यक्ति के मन में श्रद्धा, गर्व और आत्मानंद की भावना जाग्रत करता है। ऐसा लगता है कि इन सभी आत्माओं को भ्रातृत्व (भाईचारे) की एक माला में पिरो दिया गया है।​

विशेष

गद्यांश की शक्ति सामूहिकता, अनुशासन, समाज एवं संस्कृति की एकसूत्रता तथा मानव समाज में भाईचारे की भावना के अद्भुत प्रदर्शन में है। लेखक ने भावनाओं को गहराई से पकड़ते हुए, एक सामान्य दृश्य को अद्वितीय बना दिया है। इसी में समाज की एकता और हम-भावना की सच्ची झलक मिलती है।


अथवा


और चमेली चुपचाप देखती रही, देखती रही कि इस मूक अवसाद में युगों का हाहाकार भरकर गूँज रहा है। और ये ........ अनेक-अनेक हो संसार में भिन्न-भिन्न रूपों में छा गए हैं- जो कहना चाहते हैं, पर कह नहीं पाते। जिनके हृदय की प्रतिहिंसा न्याय और अन्याय को परखकर भी अत्याचार को चुनौती नहीं दे सकती, क्योंकि बोलने के लिए स्वर होकर भी स्वर में अर्थ नहीं....... क्योंकि वे असमर्थ हैं।

उत्तर-

संदर्भ

यह अंश मानवीय वेदना, मौन प्रतिरोध और सामाजिक असमर्थता को उजागर करता है। इसमें पात्र 'चमेली' के माध्यम से उस वर्ग का प्रतिनिधित्व है, जो पीड़ा को झेलता तो है, लेकिन अपनी बात खुलकर कह पाने में असमर्थ रहता है।​

प्रसंग

इस गद्यांश में 'चमेली' चुपचाप देख रही है। उसकी चुप्पी में युगों की वेदना, समाज का हाहाकार और अव्यक्त प्रतिरोध छिपा है। यहाँ मनुष्य के मौन, उसकी विवशता, समाज में व्याप्त अन्याय और अत्याचार के प्रति आंतरिक बेचैनी का चित्रण है।​

व्याख्या

लेखक कहते हैं कि चमेली अपने चारों ओर के घटनाक्रम को मौन रहकर देखती रहती है। उसकी चुप्पी साधारण नहीं, बल्कि उसमें पीढ़ियों की वेदना और दुख की गूंजें छिपी हुई हैं। ऐसे लोग संसार में असंख्य हैं, जो अत्याचार का विरोध तो करना चाहते हैं, लेकिन कभी अपने भावों को शब्द नहीं दे पाते। उनके हृदय में न्याय-अन्याय की पहचान और प्रतिहिंसा की ज्वाला तो है, फिर भी वे आवाज़ उठाने में असमर्थ रहते हैं। उनके पास स्वर (आवाज़) तो है, लेकिन अर्थहीन—क्योंकि साहस, अवसर और परिस्थितियां साथ नहीं देतीं।​

विशेष

गद्यांश में समाज के उस बड़े वर्ग का चित्रण है, जिनकी भावनाएँ तिरस्कृत और दबी हुई हैं। यह पीड़ा उनकी अभिव्यक्ति की असमर्थता, सामाजिक व्यवस्था की विडंबना और मौन प्रतिरोध की परिणति को दर्शाती है। लेखक ने बेहद मार्मिक शब्दों में आम जनमानस की पीड़ा और मौन विरोध को उजागर किया है, जो पाठक के हृदय को गहराई तक छू लेता है।


प्र.14 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए -


(I) सिनेमा का इश्तिहार देखकर मकबूल पर इसकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर-

एक दिन मकबूल के सामने से साइलेंट फिल्म 'सिंहगढ़' के इश्तिहार वाला ताँगा गुजरा जिसमें एक मराठी योद्धा हाथ में तलवार और ढाल लिए दर्शाया गया था।

इस पोस्टर की पेंटिंग बनाने की तीव्र प्रतिक्रिया हुसैन में हुई। इसके लिए ऑयल कलर चाहिए थे। उसने अपनी इतिहास और भूगोल की किताबें बेचकर ऑयल कलर की ट्यूबें खरीदी।

अपनी पहली पेंटिंग चाचा की दुकान पर बैठकर बनाई जिसे देखकर उसके नाराज अब्बा ने उसको गले से लगा लिया।


(II) लेखक मकबूल के मन में अपने दादा के प्रति विशेष लगाव था। सिद्ध कीजिए। छोटे बच्चों का अपने दादा-दादी के साथ विशेष लगाव क्यों होता है? अपने अनुभव के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

मकबूल अपने दादा की मृत्यु से अत्यंत दुखी हो गया था। पूरा दिन वह दादा के कमरे में ही रहता था। वह गुमसुम रहने लगा था और दादा के बिस्तर पर उनकी अचकन ओढ़कर सोता था।

छोटे बच्चों को अपने बड़ों से प्यार, अपनत्व और उनका समय चाहिए होता है। दादा-दादी के पास समय की कोई कमी नहीं होती। वे बच्चों के साथ खेलते और कहानियाँ सुनाते हैं।


(III) मकबूल फ़िदा हुसैन की आत्मकथा 'हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी' में संकलित अधिकांश अंश उनके विद्यालयी जीवन से जुड़े हैं। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

  • संकलित अंश मकबूल फिदा हुसैन के बड़ौदा स्कूल के विद्यालयी जीवन से जुड़ा है।
  • वहीं रहकर उनकी रचनात्मकता के अंकुर प्रस्फुटित हुए।
  • वहीं उनकी चित्रकला परवान चढ़ी और वे विश्वभर में प्रसिद्ध हुए।
  • चित्रकारी का जादू हमेशा अपनी राह तलाशता रहा, जिसने उन्हें महान चित्रकार बना दिया।
  • उनके ये घटनाक्रम विद्यार्थी जीवन से जुड़े हैं। प्रतिभा को यदि सही दिशा मिल जाए तो जीवन सफल हो जाता है आदि।








EVENING SHIFT


MID-TERM EXAMINATION (2025-26)

CLASS: XI

SUBJECT: HINDI (ELECTIVE) (002)


Time Allowed: 3 hours

Maximum Marks: 80

समय: 3 घंटे

अधिकतम अंक 80


सामान्य निर्देशः

  • इस प्रश्न-पत्र में तीन खंड हैं, खंड-क, ख और ग।
  • दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  • तीन खंडों में कुल 14 प्रश्न हैं।
  • तीनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • यथासंभव तीनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।



खंड-'क' (अपठित बोध)


प्र.। नीचे लिखे गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर लिखिए -

भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृतियों में से एक है। कई संस्कृतियाँ तो समय की धारा के साथ नष्ट हो जाती हैं किंतु भारतीय संस्कृति आदिकाल से ही अपने परंपरागत अस्तित्व के साथ आज भी जीवंत और प्रासंगिक बनी हुई है। भारतीय संस्कृति की कई विशेषताएँ हैं। भारत में पुरापाषण काल से भीमबेटका में बने हुए चित्र, हड़प्पा और वैदिक कालीन सभ्यता इस संस्कृति की प्राचीनता दर्शाते हैं। इसी तरह (विश्व के प्राचीनतम साहित्य की रचना वेदों के रूप में भारत से जुड़ी हुई है। भारतीय संस्कृति हजारों वर्षों के बाद भी अपने मूल स्वरूप में जीवित है, वहीं मिस्त्र, मेसोपोटामिया, सीरिया और रोम की संस्कृतियाँ अपने मूल स्वरूप को विस्मृत कर चुकी हैं। भारत में नदियों, बरगद के पेड़ जैसे वृक्षों, सूर्य तथा अन्य देवी-देवताओं की पूजा का क्रम शताब्दियों से चला आ रहा है और आज भी जारी है।

विविधता में एकता भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है। भारत की भौगोलिक स्थिति, जलवायु एवं उसकी अर्थव्यवस्था क्षेत्रीय विशेषताओं और विविधताओं को उत्पन्न करती है, इसी कारण भारत में खानपान से लेकर रहन-सहन, वेशभूषा व रीति-रिवाजों में विभिन्नता दिखाई देती है।

किंतु फिर भी भारत की सांस्कृतिक विशिष्टताएँ इस प्रकार मिल गई हैं कि हम उनके मूलस्वरूप में उन्हें साफ़-साफ़ पहचान नहीं सकते। इसलिए कहा गया है. '(हमारी एकता के कारण हम शक्तिशाली हैं परन्तु हम अपनी विविधता के कारण और भी शक्तिशाली हैं।" भारतीय संस्कृति का दृष्टिकोण वैश्विक रहा है तथा वह "वसुधैव कुटुम्बकम" अर्थात् सारा विश्व ही एक परिवार है की अवधारणा में विश्वास करती है। "सर्वे भवंतु सुखिनः" की है। यह सह-अस्तित्व की अवधारणा केवल अवधारणा हमारे जीवन मूल्य को परिभाषित करता है। यह भौगोलिक राजनीतिक सीमाओं में ही नहीं वरन् हमारे व्यवहार में भी है। संस्कृति का प्रधान गुण भौतिक और आध्यात्मिक तत्त्वों को साथ-साथ लेकर चलना है। वस्तुतः प्राचीन काल में मनुष्य के चार पुरुषार्थ-धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष तथा चार आश्रम-ब्रह्मचर्य, गार्हस्थ्य, वानप्रस्थ एवं संन्यास इसी भौतिक एवं आध्यात्मिक पक्ष को प्रमाणित करते हैं। निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि भारतीय संस्कृति स्वयं में अनेकों विशेषताओं को समेटे हुए है, जो संपूर्ण भारतीय समाज को आज भी उत्कृष्ट मूल्यों और आदर्शों की चेतना प्रदान कर रही है।


(I) भीमबेटका में बने हुए चिह्न क्या प्रमाणित करते हैं?

उत्तर देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए -

(क) भारतीय संस्कृति की नवीनता

(ख) भारतीय संस्कृति की प्राचीनता

(ग) भारतीय संस्कृति की गोपनीयता 

(घ) भारतीय संस्कृति की आधुनिकता


(II) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए -

कथन (A) : भारत में खानपान से लेकर रहन-सहन, वेशभूषा व रीति रिवाजों में विभिन्नता दिखाई देती है।

कारण (R) : भारत की भौगोलिक स्थिति, जलवायु एवं उसकी अर्थव्यवस्था विविधताओं को उत्पन्न करती है।

(क) कथन (A) गलत है किंतु कारण (R) सही है।

(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।

(ग) कथन (A) सही है और कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।

(घ) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।


(III) गद्यांश में प्राचीनतम साहित्य के रूप में किस ग्रंथ का उल्लेख किया गया है?

(क) रामायण

(ख) महाभारत

(ग) वेद

(घ) उपनिषद


(IV) गद्यांश में भारतीय संस्कृति के मूल मंत्र के रूप में किसका उल्लेख है?

उत्तर-

विविधता में एकता


(V) गद्यांश में से भारतीय संस्कृति की किन्हीं दो विशेषताओं को छाँट कर लिखिए।

उत्तर-

  • प्राचीनता,
  • निरंतरता,
  • विविधता में
  • एकता,
  • सहअस्तित्व,
  • वैश्विक
  • दृष्टिकोण


(VI) "वसुधैव कुटुम्बकम" क्या संदेश देता है?

उत्तर-

सारा संसार एक परिवार है।

संसार के सभी मानव चाहे वे किसी भी देश के हों, उनके साथ अपने परिवार के सदस्य की भाँति व्यवहार रखना।


(VII) कौन-सी अवधारणा हमारे जीवन मूल्य को परिभाषित करती है? इसका क्या अभिप्राय है?

उत्तर-

  • सर्वे भवंतु सुखिनः सभी सुखी हों।
  • इस जीवन मूल्य में पूरे विश्व की शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना और भावना है।


प्र.2 निम्नलिखित कविता के अंश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

अचल खड़े रहते जो ऊँचा शीश उठाए तूफानों में, 

सहनशीलता, दृढ़ता हँसती जिनके यौवन के प्राणों में।

वही पंथ बाधा को तोड़े बहते हैं जैसे हों निर्झर,

प्रगति नाम को सार्थक करता यौवन दुर्गमता पर चलकर। 

आज देश की भावी आशा बनी तुम्हारी ही तरुणाई,

नए जन्म की श्वास तुम्हारे अंदर जगकर है लहराई।

आज विगत युग के पतझर पर तुमको नव मधुमास खिलाना, 

नवयुग के पृष्ठों पर तुमको है नूतन इतिहास लिखाना।

उठो राष्ट्र के नवयौवन तुम दिशा-दिशा का सुन आमंत्रण,

जागो, देश के प्राण जगा दो नए प्रात का नया जागरण।

आज विश्व को यह दिखला दो हममें भी जागी तरुणाई, 

नई किरण की नई चेतना में हुमने भी ली अँगड़ाई।


(I) काव्यांश में कवि किससे आह्वान करता है?

(क) पहाड़ों से

(ख) नवयुवकों से

(ग) रास्तों से

(घ) तूफानों से


(II) जीवन में प्रगति को कैसे सार्थक बनाया जा सकता है?

(क) सरल मार्ग पर चलकर

(ख) सुगम मार्ग पर चलकर

(ग) संकीर्ण मार्ग पर चलकर

(घ) दुर्गम मार्ग पर चलकर


(III) इस कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है? दिए गए कथनों को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए-

कथन -

(I) युवाओं को जागरूक करने का।

(II) जीवन पथ पर जो भी बाधा आए उससे संघर्ष करने का।

(III) सुगमता से लक्ष्य प्राप्ति के लिए अग्रसर होना चाहिए।

विकल्प

(क) कथन (I) और (II) सही हैं।

(ख) कथन (II) और (III) सही हैं।

(ग) कथन (I) और (III) सही हैं।

(घ) कथन (I), (II) और (III) सही हैं।


(IV) 'विगत युग के पतझर' से कवि का क्या आशय है?

उत्तर-

पिछले कुछ समय से देश में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हो पाना


(V) काव्यांश के अनुसार मार्ग की रुकावटों को कौन तोड़ता है और कैसे?

उत्तर-

  • मार्ग की रूकावटों को चीर तोड़ता है।
  • वे अपने उत्साह, संघर्ष, सहनशीलता व वीरता से पथ की बाधाओं को दूर करते हैं।


(VI) इस काव्यांश का उद्देश्य अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

नवयुवकों को अपनी सहनशीलता, चीरता, संघर्षशीलता से देश में विकास करना है और प्रगति के पथ पर अग्रसर होना है।


खंड-'ख'

( अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक के आधार पर)


प्र.3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए -


(I) संचार में प्राप्तकर्ता की प्रतिक्रिया को क्या कहा जाता है?

उत्तर-

फीडबैक


(II) 'अंतर्वैयक्तिक संचार' से क्या आशय है?

उत्तर-

जब दो व्यक्ति आमने-सामने संचार करते हैं उसे 'अंतर्वैयक्तिक संचार' कहते हैं।


(III) जनसंचार हमारे जीवनशैली का अभिन्न अंग है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

  • संचार मानव समाज का अभिन्न अंग है।
  • मनुष्य अपने दिनचर्या में विभिन्न प्रकार की संचार प्रक्रिया में सम्मिलित रहता है।
  • संचार के माध्यम से हमें न केवल सूचना प्राप्त होती है बल्कि यह हमें जागरूक करने के साथ ही साथ मनोरंजन भी करती है।


प्र.4 निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में दृश्य लेखन लिखिए -


(I) किसी बाज़ार का दृश्य

उत्तर-

बाजार का दृश्य बहुत ही रंगीन और जीवंत होता है। सड़क के दोनों किनारों पर दुकानों की लंबी कतारें लगी होती हैं, जिनमें तरह-तरह की वस्तुएँ बिकती हैं। सब्जी विक्रेता, कपड़े की दुकानें, मिठाई वाले और खिलौने बेचने वाले अपने सामान की ओर ग्राहकों को आकर्षित करते रहते हैं। हर ओर चहल-पहल, ग्राहकों की आवाजाही और दुकानदारों की आवाज गूंजती रहती है। खरीदारी करने आए लोग चीजों का मोलभाव करते हैं। बाजार में बच्चों की खिलखिलाहट, गाड़ियों का शोर और तरह-तरह के रंग-बिरंगे सामान से अलग ही माहौल बन जाता है। बाजार, नगर का एक महत्वपूर्ण और व्यस्त स्थान होता है, जहाँ हर वर्ग के लोग अपनी जरूरतों की चीजें खरीदने आते हैं।


(II) सायंकाल का दृश्य

उत्तर-

सायंकाल का समय बहुत शांत और सुंदर होता है। सूर्य धीरे-धीरे पश्चिम में ढलने लगता है और पूरे आसमान में लालिमा फैल जाती है। पक्षी अपने घोंसलों की ओर लौटते हैं, और उनकी चहचहाहट वातावरण को मधुर बना देती है। पेड़ों की छाया लंबी होने लगती है, और हवा हल्की ठंडक लिए बहती है। लोग अपने दिनभर के कामों के बाद घर लौटने लगते हैं। बच्चे पार्क या मैदान में खेलते हुए नजर आते हैं। मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से घंटियों की मधुर ध्वनि सुनाई देती है। सायंकाल का दृश्य मन को शांति और ताजगी से भर देता है, जिसमें प्रकृति की सुंदरता और जीवन की सरलता दिखती है।


(III) अपने विद्यालय के पुस्तकालय का दृश्य

उत्तर-

विद्यालय का पुस्तकालय ज्ञान का भंडार होता है। यहाँ हजारों किताबें सुव्यवस्थित अलमारियों में रखी होती हैं। पुस्तकालय में एक शांत वातावरण रहता है जहाँ विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। बड़ी-बड़ी खिड़कियों से रोशनी आती है जो अध्ययन के लिए उपयुक्त होती है। किताबों के साथ-साथ यहाँ कंप्यूटर की भी सुविधा है ताकि विद्यार्थी डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर सकें। पुस्तकालय में एक अनुभवी लाइब्रेरियन होता है जो विद्यार्थियों की मदद करता है। विद्यार्थी अपनी पसंदीदा किताबें लेकर अध्ययन करते हैं या गणना, विज्ञान, इतिहास जैसे विषयों की जानकारी प्राप्त करते हैं। यह जगह विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार और प्रेरणादायक होती है, जहाँ ज्ञान प्राप्ति की चाह से सभी यहाँ आते हैं।


प्र.5 निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए-


अपने मोहल्ले में जल जमाव की समस्या के समाधान के लिए सुझाव देते हुए नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखिए।

उत्तर-

सेवा में,

स्वास्थ्य अधिकारी,

नगर निगम, [अपने नगर का नाम]।


विषय: मोहल्ले में जल जमाव की समस्या के समाधान हेतु निवेदन।


महोदय,

सविनय निवेदन है कि हमारे मोहल्ले में वर्षा के बाद सड़कों पर जल जमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। इससे न केवल आवागमन में कठिनाई होती है, बल्कि मच्छरों के प्रकोप से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। नालियों की सफाई नियमित रूप से नहीं होने के कारण स्थिति और भी खराब हो रही है।

अतः आपसे निवेदन है कि नालियों की शीघ्र सफाई कराई जाए और उचित जल निकासी की व्यवस्था की जाए ताकि नागरिकों को राहत मिल सके।


सधन्यवाद,

भवदीय,

[आपका नाम]

[पता]

[तारीख]


अथवा


एक मासिक हिंदी पत्रिका को अनुवादक की आवश्यकता है। अपनी योग्यताओं का उल्लेख करते हुए स्ववृत्त के साथ इस पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र लिखें।

उत्तर-

सेवा में,

संपादक,

[पत्रिका का नाम],

[पता]।


विषय: अनुवादक के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन।


महोदय/महोदया,

सविनय निवेदन है कि आपकी पत्रिका में अनुवादक के पद हेतु विज्ञापन देखा। इस पद के लिए मैं अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा/रही हूँ।

मैंने हिंदी तथा अंग्रेजी विषय से स्नातक (या परास्नातक) की उपाधि प्राप्त की है। मुझे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छा अधिकार है तथा अनुवाद कार्य में दो वर्षों का अनुभव भी है। मुझे साहित्यिक, तकनीकी और समाचार संबंधी सामग्री के अनुवाद का अभ्यास है। मैं समय पर और सटीक कार्य करने में विश्वास रखता/रखती हूँ।

अतः आपसे निवेदन है कि मुझे अनुवादक के पद के लिए अवसर प्रदान करने की कृपा करें। मुझे विश्वास है कि मैं आपकी पत्रिका के लिए उपयोगी सिद्ध होऊँगा/होऊँगी।


सधन्यवाद,

भवदीय,

[आपका नाम]

[पता]

[मोबाइल नंबर]

[तारीख]


प्र.6 निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए -


आपके विद्यालय में एक रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस रोजगार मेले पर एक प्रतिवेदन तैयार कीजिए।

उत्तर-

रिपोर्ट (प्रतिवेदन)


विषय: विद्यालय में आयोजित रोजगार मेला

दिनांक: [तारीख लिखें]


हमारे विद्यालय में दिनांक [तारीख] को एक दिवसीय रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस मेले का उद्देश्य विद्यार्थियों को विभिन्न करियर अवसरों और रोजगार से संबंधित जानकारी प्रदान करना था। मेले का उद्घाटन हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय ने किया। इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित कंपनियों, बैंकों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

विद्यार्थियों ने विभिन्न स्टॉलों पर जाकर कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत की और अपनी रुचि के अनुसार रोजगार संबंधी जानकारियाँ प्राप्त कीं। कुछ विद्यार्थियों का चयन प्रारंभिक साक्षात्कार के माध्यम से भी हुआ।

यह मेला विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ क्योंकि इससे उन्हें भविष्य की दिशा तय करने में सहायता मिली। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।


– रिपोर्टर

[आपका नाम]

[कक्षा]

[विद्यालय का नाम]


अथवा


आप अपने विद्यालय के 'सांस्कृतिक सचिव' हैं। आगामी अंतर्विद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता की तैयारी के लिए विद्यालय में एक बैठक संपन्न हुई, उसका कार्य-वृत्त लिखिए।

उत्तर-

विषय: अंतर्विद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता की तैयारी संबंधी बैठक का कार्य-वृत्त


दिनांक: [तारीख लिखें]

स्थान: विद्यालय का सभा कक्ष

अध्यक्षता: प्रधानाचार्य महोदय/महोदया द्वारा


विद्यालय में आगामी अंतर्विद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता की तैयारी हेतु आज एक बैठक संपन्न हुई। बैठक का संचालन सांस्कृतिक सचिव [आपका नाम] ने किया।

प्रधानाचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए प्रेरित किया। विभिन्न कार्यक्रमों जैसे नृत्य, गायन, वाद-विवाद, नाटक, चित्रकला, कविता पाठ आदि के लिए प्रभारी शिक्षकों का चयन किया गया। प्रतिभागियों की सूची तैयार करने और अभ्यास की समय-सारणी निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।

यह भी तय किया गया कि विद्यालय की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों को चयनित कर प्रतियोगिता में भेजा जाएगा। बैठक का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।


कार्यवृत्त तैयारकर्ता:

[आपका नाम]

सांस्कृतिक सचिव

[विद्यालय का नाम]


प्र. 7 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए -


(I) "डायरी निजी अनुभवों का दस्तावेज है।" स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

  • डायरी व्यक्तिगत अनुभवों, सोच, और भावनाओं का लिखित रूप है।
  • डायरी में हम अपने निजी जीवन का हिसाब रखते है और इसे हमेशा अपने लिए ही लिखते हैं।
  • डायरी को गुप्त जगह पर रखा जाता है और इसे सिर्फ लिखने वाला ही पढ़ता है।


(II) डायरी लेखन की भाषा शैली कैसी होनी चाहिए?

उत्तर-

  • डायरी लेखन की भाषा शैली व्यक्तिगत, सरल और सहज होनी चाहिए।
  • इसे किसी करीबी दोस्त से बात करने की तरह लिखना चाहिए, औपचारिक भाषा से बचना चाहिए।
  • अपनी भावनाओं और विचारों को खुलकर व्यक्त करना महत्वपूर्ण है, और भाषा में स्वाभाविकता होनी चाहिए।


खंड-'ग'

(अंतरा भाग 1, अंतराल भाग-1 पाठ्यपुस्तकों के आधार पर)


प्र.8 निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उचित विकल्प का चयन कीजिए - 

मुरली तऊ गुपालहिं भावति।

सुनि री सखी जदपि नंदलालहिं, नाना भाँति नचावति।

राखति एक पाई ठाढ़ौ करि, अति अधिकार जनावति।

कोमल तन आज्ञा करवावति, कटि टेढ़ौ है आवति।

अति आधीन सुजान कनौड़े, गिरिधर नार नवावति।

आपुन पौंढ़ि अधर सज्जा पर, कर पल्लव पलुटावति।

भुकुटी कुटिल, नैन नासा-पुट, हम पर कोप करावति।

सूर प्रसन्न जानि एकौ छिन, धर तैं सीस डुलावति ।।


(I) श्रीकृष्ण के लिए प्रयुक्त निम्नलिखित नामों में एक नाम असत्य है -

(क) गोपाल

(ख) नंदलाल

(ग) पल्लव

(घ) गिरिधर


(II) कृष्ण को कौन नचा रहा है?

(क) गोपियाँ

(ख) मुरली

(ग) ग्वाल

(घ) सूरदास


(III) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए -

कथन (A) : गोपियाँ मुरली के प्रति ईर्ष्या भाव रखती हैं।

कारण (R) : कृष्ण गोपियों से अधिक मुरली से प्रेम करते हैं।

(क) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।

(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।

(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

(घ) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।


(IV) 'आधीन' शब्द का अर्थ है -

(क) गुस्सा करना

(ख) वश में करना

(ग) क्रोधित होना

(घ) मित्रता करना


(V) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए -

(i) काव्यांश में गोपियों की ईर्ष्या भावना का सहज और सजीव चित्रण है।

(ii) कृष्ण मुरली की अपेक्षा गोपियों को अधिक महत्त्व देते हैं।

(iii) मुरली कृष्ण को विभिन्न प्रकार से नचाती है और अपनी आज्ञा मनवाती है

इन कथनों में कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?

(क) केवल (i)

(ख) (i) और (ii) दोनों

(ग) (i) और (iii) दोनों

(घ) (i), (ii) तथा (iii) ये सभी


प्र.9 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए-


(I) 'अरे इन दोहुन राह न पाई' से कबीर का क्या आशय है?

उत्तर-

  • हिंदू और मुसलमान ये दोनों धर्म आंडबरों में उलझे हुए हैं।
  • इन्हें सच्ची भक्ति का अर्थ नहीं मालूम है।
  • धार्मिक आंडबरों को धर्म मानकर चलते हैं।
  • कबीर के अनुसार ये दोनों ही भटके हुए हैं।


(II) नायिका सपने में क्यों प्रसन्न थी और वह सपना कैसे टूट गया? देव के 'सपना' सवैया के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

नायिका कृष्ण के साथ सपने में मिलन का अनुभव करती है। वह कृष्ण को अपने पास आते हुए देखती है और कृष्ण उसे झूला झूलने के लिए आमंत्रित करते हैं। नायिका कृष्ण के साथ झूला झूलने की खुशी में मग्न हो जाती है और अत्यधिक प्रसन्न होती है।

हालांकि, यह खुशी क्षणिक होती है क्योंकि नायिका की आँख खुल जाती है और उसे अहसास होता है कि यह सब एक सपना था। यह अहसास उसे बहुत दुख पहुँचाता है क्योंकि उसका कृष्ण से मिलन का सपना टूट जाता है।


(III) संध्या के दृश्य में किस-किसने अपने स्वर भर दिए है? 'संध्या के बाद' कविता के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

  • संध्या के समय मंदिरों से शंख और घंटे की ध्वनि आने लगती है।
  • अपने-अपने घोंसलों को लौटते हुए पक्षियों की ध्वनि से वातावरण गूंज उठता है।
  • पंक्तियों में जाते हुए सोन-पक्षियों की द्रवित कर देने वाली ध्वनियाँ सुनाई दे रही है।
  • नदी तट पर वृद्धाओं और विधवाओं के भक्ति गीतों का स्वर सुनाई देता है।


प्र.10 निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

खेलन में को काको गुसैयाँ

हरि हारे जीते श्रीदामा, बरबस ही कत करत रिसैयाँ।

जाति पाँति हमतें बड़ नाहीं, नाहीं बसत तुम्हारी छैयाँ।

अति अधिकार जनावत यातै जातें अधिक तुम्हारे गैयाँ।

रूठहि करै तासौं को खेलै, रहे बैठि जहँ-तहँ ग्वैयाँ।

सूरदास प्रभु खेल्यौइ चाहत, दाऊँ दियौ करि नंद-दुहैयाँ।।

उत्तर-

यह पद्यांश सूरदास द्वारा रचित सूरसागर से लिया गया है। इसमें बालरूप श्रीकृष्ण और उनके सखा श्रीदामा के बीच हुए खेल का मनोहर वर्णन किया गया है।

जब श्रीकृष्ण खेल में हार जाते हैं और श्रीदामा जीत जाते हैं, तब श्रीकृष्ण नाराज़ होकर खेलने से इनकार कर देते हैं। सूरदास जी ने इस प्रसंग के माध्यम से बाल-कृष्ण की स्नेहपूर्ण बाल-लीलाओं का चित्रण किया है।

कवि कहता है कि हे गुसाईं! खेल में कौन किसका है? आज श्रीकृष्ण हार गए और श्रीदामा जीत गए, तो श्रीकृष्ण व्यर्थ ही रुष्ट हो रहे हैं। श्रीदामा कहते हैं कि न तो हम जाति-पाँति में तुमसे बड़े हैं, न ही तुम्हारी छाया में रहते हैं, फिर भी तुम्हारी गायों पर हमारा अधिक अधिकार है। जो रूठ जाए, उससे कोई खेलना नहीं चाहता, इसलिए ग्वाले यहाँ-वहाँ बैठ गए। सूरदास कहते हैं कि जब श्रीकृष्ण ने फिर खेलने की इच्छा की, तब नंदबाबा के कहने पर बलराम जी ने श्रीदामा को बुलाया।

इस पद में सूरदास जी ने बाल-कृष्ण की लीलाओं के माध्यम से उनके मानवीय और स्नेहमय रूप का अत्यंत सुंदर चित्रण किया है। भाषा सरल, भावपूर्ण और सहज है।


अथवा


दोषी जन के दुःख क्लेश की,

जन का श्रम जन में बँट जाए,

प्रजा सुखी हो देश देश की!

टूट गया वह स्वप्न वणिक का.

आई जब बुढ़िया बेचारी, आध-पाव आटा लेने

लो, लाला ने फिर डंडी मारी!

चीख उठा घुघ्यू डालों में

लोगों ने पट दिए द्वार पर,

निगल रहा बस्ती को धीरे,

गाढ़ अलस निद्रा का अजगर !

उत्तर-

यह पंक्तियाँ कवि नागार्जुन की कविता से ली गई हैं। कवि ने समाज में व्याप्त अन्याय, शोषण और गरीबों की दुर्दशा का चित्रण किया है।

इन पंक्तियों में कवि यह बताना चाहता है कि जब तक समाज में लोभ, स्वार्थ और अन्याय रहेगा, तब तक प्रजा सुखी नहीं हो सकती। कवि एक ऐसे समाज का सपना देखता है जहाँ सबका श्रम सबमें बाँटा जाए और सबको समान सुख मिले।

कवि कहता है कि दोषी लोगों के दुःख और क्लेश सबमें बाँटे जाएँ ताकि कोई अकेला दुख न सहे। प्रजा सुखी हो और सबको समान अवसर मिले। परंतु जब एक बूढ़ी स्त्री थोड़े से आटे के लिए व्यापारी के पास जाती है, तो व्यापारी फिर भी उसे धोखा देता है। यह दृश्य समाज में व्याप्त शोषण और अन्याय को दर्शाता है। लोगों का स्वार्थ इतना बढ़ गया है कि वे अपने आस-पास हो रही अन्यायपूर्ण घटनाओं के प्रति भी मौन हैं। कवि ने इसे "निद्रा के अजगर" की तरह बताया है जो समाज की संवेदनाओं को निगल रहा है।

इस कविता में कवि ने सामाजिक अन्याय, असमानता और नैतिक पतन का यथार्थ चित्र प्रस्तुत किया है। भाषा सरल, प्रभावशाली और भावनाओं से परिपूर्ण है।


प्र.11 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढिए तथा उचित विकल्प का चयन कीजिए-

मिठाइयों के बाद कुछ दुकानें लोहे की चीजों की, कुछ गिलट और कुछ नकली गहनों की। लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण न था। वे सब आगे बढ़ जाते हैं। हामिद लोहे की दुकान पर रुक जाता है। कई चिमटे रखे हुए थे। उसे ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती हैं, तो हाथ जल जाता है; अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे, तो वह कितनी प्रसन्न होंगी! फिर उनकी उँगलियाँ कभी न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ हो जाएगी। खिलौने से क्या फायदा! व्यर्थ में पैसे खराब होते हैं। जरा देर ही तो खुशी होती है। फिर तो खिलौने को कोई आँख उठाकर नहीं देखता। या तो घर पहुँचते-पहुँचते टूट-फूटकर बराबर हो जाएँगे। चिमटा कितने काम की चीज़ है।


(I) गद्यांश में कहाँ के दृश्य का वर्णन है?

(क) ग्रामीण मेले का

(ख) शहरी मेले का

(ग) कस्बाई जीवन का

(घ) ग्रामीण बाजार का


(II) हामिद द्वारा खिलौने न खरीदे जाने के तर्कों में से निम्न नहीं है -

(क) व्यर्थ में पैसे खराब होते हैं।

(ख) जरा देर की खुशी होती है।

(ग) खिलौने हमेशा काम आते हैं।

(घ) उनसे शीघ्र मन भर जाता है।


(III) हामिद लोहे की दुकान पर क्यों रूक जाता है?

(क) दादी के व्यवसाय को आगे बढ़ाने के उपायों के बारे में सोचकर

(ख) दादी को दौलतमंद बनाने के उपायों के बारे में सोचकर

(ग) दादी द्वारा रोटी बनाने में होने वाली उनकी परेशानी के बारे में सोचकर

(घ) दादी से पुरस्कार और मिठाइयाँ पाने के लोभ के कारण


(IV) गद्यांश के अनुसार 'चिमटा कितने काम की चीज़ है।' यह किसका सोचना है?

(क) अमीना का

(ख) हामिद का

(ग) मोहसिन का

(घ) महमूद का


(V) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए -

कथन (A) : खिलौने से क्या फायदा! व्यर्थ में पैसे खराब होते हैं।

कारण (R) : धन का व्यय वस्तु की उपयोगिता पर निर्भर करता है।

(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(ख) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।

(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।

(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।


प्र.12 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए -


(I) 'ईदगाह' पाठ के आधार पर हामिद के चरित्र की कोई दो विशेषताएँ बताइए।

उत्तर-

हामिद तर्कशील और समझदार बालक है। वह अपनी गरीबी के बावजूद दूसरों के सुख में प्रसन्न रहता है। वह निडर होकर अपने विचार रखता है और दादी अम्मा की आवश्यकता को समझते हुए मेले से चिमटा खरीदकर उसकी सच्ची सेवा भावना दिखाता है।


(II) "सिद्धेश्वरी के झूठ सौ सत्यों से भारी कैसे हैं?" 'दोपहर का भोजन' पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।

उत्तर-

यह इन झूठों के द्वारा ही घर के सभी सदस्यों के मन में एक-दूसरे के प्रति प्रेमभाव उत्पन्न करती है। मुंशी जी रामचंद्र के मुँह से अपनी प्रशंसा तथा उसकी नौकरी लगने की बात सुनकर निश्चिंत हैं। मोहन अपने भाई से अपनी प्रशंसा सुनकर उसके प्रति आदर भाव रख रहा है। सिद्धेश्वरी सबको एक-दूसरे की बात स्वयं ही बनाकर कह रही है, परंतु इससे परिवार जुड़ रहा है।


(III) गूँगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया? 'गूँगे' पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।

उत्तर-

  • गूँगा संकेतों के माध्यम से बताता था कि वह मेहनत करके खाता है, किसी से भीख नहीं लेता है।
  • वह सीने पर हाथ मारकर इशारा करता है कि कभी हाथ फैलाकर नहीं माँगा।
  • वह भुजाओं पर हाथ रखकर संकेत करता है कि मेहनत का खाता है और पेट बजाकर दिखाता है कि इसके लिए।


प्र.13 निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -

आशा तो बड़ी चीज है, और फिर बच्चों की आशा! उनकी कल्पना तो राई का पर्वत बना लेती है। हामिद के पाँव में जूते नहीं है, सिर पर एक पुरानी-धुरानी टोपी है, जिसका गोटा काला पड़ गया है, फिर भी वह प्रसन्न है। जब उसके अब्बाजान थैलियों और अम्मीजान नियामतें लेकर आएँगी, तो वह दिल के अरमान निकाल लेगा। तब देखेगा महसूद, मोहसिन, नूरे और सम्मी कहाँ से उतने पैसे निकालेंगे।

उत्तर-

यह पंक्तियाँ प्रसिद्ध कहानीकार मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी ‘ईदगाह’ से ली गई हैं। इसमें हामिद नामक बालक की आशा, कल्पना और संतोषपूर्ण स्वभाव का चित्रण किया गया है।

इन पंक्तियों में कवि/लेखक ने हामिद के निर्धन होते हुए भी उसके हृदय की प्रसन्नता और आशावादी दृष्टिकोण को दिखाया है। वह गरीबी में भी खुश रहना जानता है।

हामिद गरीब है, उसके पास न तो जूते हैं और न ही नई टोपी। फिर भी वह उत्साहित है क्योंकि उसके मन में अपने माता-पिता के लौटने और उनके साथ खुशियाँ बाँटने की आशा है। उसकी कल्पना और उम्मीदें उसे गरीबी का एहसास नहीं होने देतीं। उसकी बाल-सुलभ आशा यह दर्शाती है कि सच्चा सुख मन की संतुष्टि और विश्वास में होता है, न कि धन-दौलत में।

इन पंक्तियों में बाल-मन की कोमलता, आशा और कल्पना-शक्ति का सुंदर चित्रण हुआ है। भाषा सरल, संवेदनापूर्ण और भावनाओं से परिपूर्ण है।


अथवा


मैंने कहा "तुम कुछ भी कहलाओ, बेचते तुम टार्च हो। तुम्हारे और मेरे प्रवचन एक जैसे हैं। चाहे कोई दार्शनिक बने, संत बने या साधु बने, अगर वह लोगों को अँधेरे का डर दिखाता है, तो जरूर अपनी कंपनी का टार्च बेचना बाहता है। तुम जैसे लोगों के लिए हमेशा ही अंधकार छाया रहता है। बताओ, तुम्हारे जैसे किसी आदमी ने हज़ारों में कभी भी यह कहा है कि आज दुनिया में प्रकाश फैला है? कभी नहीं कहा। क्यों? इसलिए कि उन्हें अपनी कंपनी का टार्च बेचना है।

उत्तर-

यह पंक्तियाँ हरिशंकर परसाई द्वारा रचित व्यंग्य ‘टार्च बेचने वाले’ से ली गई हैं। इस रचना में लेखक ने समाज में व्याप्त ढोंग, पाखंड और स्वार्थी प्रवृत्तियों पर प्रहार किया है।

इन पंक्तियों में लेखक ऐसे प्रवचकों और संतों की मानसिकता का पर्दाफाश करते हैं जो लोगों को भय दिखाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति करते हैं। वे समाज को अंधकारमय बताकर अपना प्रचार करते हैं।

लेखक कहता है कि ऐसे प्रवचनकर्ता और संत केवल “अंधकार का भय” दिखाकर लोगों को अपने प्रभाव में लेते हैं। वे कभी यह नहीं कहते कि संसार में प्रकाश या ज्ञान बढ़ा है, क्योंकि ऐसा कहने से उनका व्यवसाय ठप हो जाएगा। उनका उद्देश्य लोगों में डर पैदा करके अपनी “टार्च” यानी ज्ञान या धर्म बेचने का होता है। लेखक ने इस व्यंग्य के माध्यम से धार्मिक व्यापारियों की स्वार्थी मानसिकता पर तीखा प्रहार किया है।

रचना की भाषा तीक्ष्ण, व्यंग्यपूर्ण और यथार्थवादी है। लेखक ने प्रतीकात्मक शैली में समाज में फैले पाखंड और स्वार्थ पर प्रहार करते हुए सुधार का संदेश दिया है।


प्र.14 निम्न में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए -


(I) "लेखक जन्मजात कलाकार है" 'हुसैन की कहानी अपनी जबानी' पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए।

उत्तर-

"लेखक जन्मजात कलाकार है", इस बात का पता इस पाठ में उस समय चलता है जब बड़ौदा के बोर्डिंग स्कूल में ड्राइंग मास्टर की ब्लैक बोर्ड पर बनाई चिड़िया को मकबूल ने हूबहू अपनी स्लेट पर उतार दी। उस चिड़िया को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे ब्लैक बोर्ड से उड़कर चिड़िया मकबूल की स्लेट पर आ बैठी हो। इससे उसके जन्मजात कलाकार होने का पता चलता है।


(II) मकबूल के पिता के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी बातें उभरकर सामने आती है? 'हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी' पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

उत्तर-

मकबूल के पिता यथार्थवादी और नई सोच वाले व्यक्ति थे। उन्हें धर्म में विश्वास था, पर वे अंधविश्वासी नहीं थे। वे व्यापार में रुचि रखते थे और नौकरी को सजा के समान मानते थे। उनका व्यक्तित्व स्वाभिमानी और प्रगतिशील विचारों वाला था।


(III) विज्ञापन के पुराने तरीकों और वर्तमान तरीकों में क्या अंतर आया है? 'हुसैन की कहानी अपनी ज़बानी' पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

उत्तर-

पहले समय में विज्ञापनों के लिए पोस्टरों का सहारा लिया जाता था। फिल्म का पोस्टर ताँगे में ब्रास बैंड के साथ शहर की गालियों में गुजरता था। फिल्मी पोस्टर रंगीन पतंग के कागज पर हीरो हीरोइन की तस्वीरों के साथ छापे जाते थे। उन पोस्टरों को फिल्म के प्रचार के लिए गली-गली बाँटा जाता था। बदलते समय के साथ जहाँ फिल्मों की तकनीक में बदलाव आया है, वहीं उसके प्रचार-प्रसार के तरीकों में भी अंतर आया है।

आज फिल्मों के पोस्टर तो बनते हैं परंतु उनकी पहले जैसी अहमियत नहीं है।

इलेक्ट्रॉनिक्स युग में प्रचार-प्रसार के साधनों ने क्रांति ला दी है। अब किसी भी वस्तु का विज्ञापन अखबार, मैगजीन, रेडियो, टेलीविजन और फोन के द्वारा चारों ओर एक ही समय में किया जा सकता है। विज्ञापन के नए और पुराने तरीकों में एक अंतर यह भी आया है कि पहले लोग फ़िल्म की कहानी जानने के लिए उत्पुकता से प्रतीक्षा करते थे, अब लोगों को फिल्म के रिलीज होने से पहले ही उसके अच्छे और न अच्छे होने का पता चल जाता है।


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