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Sociology Class 12 Question Paper In Hindi 2024-2025

Sociology Class 12 Question Paper In Hindi 2024-2025




खण्ड क


1. अभिकथन (A): औद्योगीकरण कुछ एक स्थानों पर जबरदस्त समानता लाता है। उदाहरण के लिए रेलगाड़ियों, बसों में जातीय भेदभाव का ना होना।

कारण (R): इस संसार में सामाजिक असमानताएँ कम हो रही हैं।

(A) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।

(B) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(C) अभिकथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) ग़लत है।

(D) अभिकथन (A) ग़लत है, लेकिन कारण (R) सही है।


2. अभिकथन (A): पुराने सामाजिक आंदोलन राजनीतिक दलों के दायरे में काम करते थे।

कारण (R): पुराने सामाजिक आंदोलन राष्ट्रीय होते थे।

(A) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।

(B) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(C) अभिकथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) ग़लत है।

(D) अभिकथन (A) ग़लत है, लेकिन कारण (R) सही है।


3. जनसांख्यिकीय संक्रमण के सिद्धांत के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं ?

(I) जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास के समग्र स्तरों से जुड़ी होती है।

(II) प्रत्येक समाज विकास के विशिष्ट स्वरूप का अनुसरण करता है।

(III) विकास जनसंख्या वृद्धि से संबंधित है।

(IV) जनसंख्या वृद्धि के चार बुनियादी चरण होते हैं।

विकल्प :

(A) (I) और (II)

(B) (II) और (IV)

(C) (I) और (III)

(D) (I), (II) और (III)


4. अभिकथन (A): अकसर यह सोचा जाता है कि कृषि की 'वैज्ञानिक' पद्धति की जानकारी देने से भारतीय कृषकों की दशा में सुधार होगा।

कारण (R): भारतीय कृषक सदियों से, हरित क्रांति के प्रारंभ से कहीं पहले से, कृषि कार्य करते आ रहे हैं।

(A) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।

(B) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(C) अभिकथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) ग़लत है।

(D) अभिकथन (A) ग़लत है, लेकिन कारण (R) सही है।


5. जनजातीय पहचान से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

(A) जनजातीय पहचान को सुरक्षित रखने का आग्रह दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।

(B) जनजातीय समाज के भीतर भी एक मध्य वर्ग का प्रादुर्भाव हो चला है।

(C) नृजातीय-सांस्कृतिक पहचान के मामले से संबंधित मुद्दे कम महत्त्वपूर्ण हो गए हैं।

(D) भूमि तथा विशेष रूप से वनों जैसे अत्यंत महत्त्वपूर्ण आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण से संबंधित मुद्दे दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं।


निम्नलिखित अनुच्छेद के आधार पर, प्रश्न संख्या 6 और 7 के उत्तर दीजिए। 

सामाजिक विषमता एवं बहिष्कार जीवन की एक वास्तविकता है। सामाजिक विषमता (असमानता) एवं बहिष्कार सामाजिक इसलिए है क्योंकि वे व्यक्ति से नहीं बल्कि समूह से संबद्ध है। प्रत्येक समाज में, कुछ लोगों के पास धन, संपदा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शक्ति जैसे मूल्यवान संसाधनों का दूसरों की अपेक्षा बड़ा हिस्सा होता है। लोग अकसर अपने लिंग, धर्म, नृजातीयता, भाषा, जाति तथा विकलांगता की वजह से भेदभाव और बहिष्कार का सामना करते हैं।


6. सामाजिक विषमता एवं बहिष्कार जीवन की एक वास्तविकता है क्योंकि :

(I) सामाजिक असमानता (विषमता) एवं बहिष्कार का यह रोज़मर्रापन - इनका इस प्रकार रोज़ाना घटित होना, इन्हें स्वाभाविक बना देता है।

(II) हम अकसर उन्हें 'उचित' या 'न्यायसंगत' मानते हैं।

(III) ये कुदरती चीजें हैं जिन्हें बदला जा सकता है।

(IV) ग़रीब तथा वंचित अपनी परिस्थितियों के लिए दोषी नहीं ठहराए जाते।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

विकल्प :

(A) (I) और (II)

(B) (I) और (III)

(C) (I) और (IV)

(D) (II) और (III)


7. दलितों के बहिष्कार से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?

(A) अस्पृश्यता की संस्था शारीरिक संपर्क से बचने या अछूत से दूर रहने का आदेश नहीं देती है।

(B) अस्पृश्यता सामाजिक प्रतिबंधों के एक बहुत व्यापक समूह को संदर्भित करती है।

(C) अछूत मानी जाने वाली जातियों का जाति सोपान या अधिक्रम में कोई स्थान ही नहीं है।

(D) उन्हें तो इतना अधिक अशुद्ध एवं अपवित्र माना जाता है कि उनके जरा छू जाने भर से ही अन्य सभी जातियों के सदस्य अशुद्ध हो जाते हैं।


8. अभिकथन (A): औपनिवेशिक देश में चलाए गए नियम कानून अलग हो सकते हैं और यह जरूरी नहीं है कि ब्रिटिश उन प्रजातांत्रिक नियमों का निर्वाह औपनिवेशिक देश में भी करें जो ब्रिटेन में लागू होते थे।

कारण (R) : औपनिवेशिक प्रशासक यह मानकर चलते थे कि बाग़ान वालों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए मज़दूरों पर कड़े से कड़ा बल प्रयोग किया जाए।

(A) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।

(B) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(C) अभिकथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) ग़लत है।

(D) अभिकथन (A) ग़लत है, लेकिन कारण (R) सही है।


निम्नलिखित अनुच्छेद के आधार पर, प्रश्न संख्या 9 और 10 के उत्तर दीजिए।

सामाजीकरण प्रक्रिया काफ़ी विस्तृत एवं लंबी होती है जिसमें कुछ विशेष लोगों के साथ (जो हमारे जीवन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल रहते हैं) लगातार संवाद, वार्तालाप और कभी-कभी संघर्ष भी होता रहता है जैसे कि हमारे माता-पिता, परिवार, नातेदार समूह एवं हमारा समुदाय। हमारा समुदाय हमें भाषा (मातृभाषा) और सांस्कृतिक मूल्य प्रदान करता है जिनके माध्यम से हम विश्व को समझते हैं। यह हमारी स्वयं की पहचान को भी सहारा देता है।


9. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ग़लत है?

(A) किसी समुदाय में जन्म लेने के लिए हमें कुछ नहीं करना होता। 

(B) किसी परिवार में जन्म लेने पर हमारा कोई वश नहीं है।

(C) किसी देश में जन्म लेने पर हमारा कोई वश नहीं है।

(D) इस प्रकार की पहचानें अर्जित होती हैं।


10. सामुदायिक विवादों को निपटाना कठिन होता है क्योंकि :

(I) विवाद का प्रत्येक पक्ष सामने वाले पक्ष को शत्रु मानते हुए घृणा की दृष्टि से देखता है।

(II) उसमें अपने पक्ष के गुणों को बढ़ा-चढ़ाकर कहने की प्रवृत्ति होती है।

(III) उसमें अपने सामने वाले पक्ष के दुर्गुणों को बढ़ा-चढ़ाकर ना कहने की प्रवृत्ति होती है।

(IV) ऐसे विवादों में, यह देखना बहुत कठिन होता है कि जैसा हम दूसरों के बारे में सोचते हैं, दूसरे भी तो हमारे बारे में वैसा ही सोच रहे हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

विकल्प :

(A) (I), (III) और (IV)

(C) (I), (II) और (IV)

(B) (I), (II) और (III)

(D) (II), (III) और (IV)


11. सामाजिक आंदोलनों का अध्ययन समाजशास्त्र के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?

(A) कुलीन वर्ग द्वारा सामाजिक आंदोलनों के विरोधों को समाज की स्थापित व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती के रूप में देखा जाता था।

(B) सामाजिक आंदोलनों को अव्यवस्था फैलाने वाली शक्तियों के रूप में नहीं देखा जाता था।

(C) सामाजिक आंदोलनों में भाग लेने वालों की सही और ग़लत की अपनी साझी समझ नहीं होती।

(D) सामाजिक आंदोलनों में भाग लेने वाले प्रायः सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं करते थे।


12. जहाँ नगरीकरण की प्रक्रिया बहुत तेज गति से चल रही है, इसके अंतर्गत सबसे विराट शहर (मैट्रोपोलिस) ही सबसे अधिक तेज़ी से फैलते जा रहे हैं।

नगरीकरण से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

(A) ये महानगर ग्रामीण क्षेत्रों एवं साथ ही साथ छोटे कस्बों के प्रवासियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

(B) भारत में अपेक्षाकृत बड़े शहरों की जनसंख्या इतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रही है।

(C) नगरीय आधारभूत सुविधाएँ उतनी तेज़ी से शायद ही बढ़ सकें।

(D) इन शहरों पर जनसंचार के माध्यमों का ध्यान प्रमुख रूप से अधिक केंद्रित रहने से भारत का सार्वजनिक चेहरा, ग्रामीण की बजाय अधिकाधिक नगरीय होता जा रहा है।


13. अभिकथन (A): अधिकतम ग्रामीण जनसंख्या के लिए कृषि जीविका का एकमात्र महत्त्वपूर्ण स्रोत या साधन है।

कारण (R): ग्रामीण सिर्फ कृषि ही नहीं है। बहुत से ऐसे क्रियाकलाप हैं जो कृषि और ग्राम्य जीवन की जीविका के स्रोत में भी मदद के लिए हैं।

(A) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।

(B) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(C) अभिकथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) ग़लत है।

(D) अभिकथन (A) ग़लत है, लेकिन कारण (R) सही है।


14. अभिकथन (A): विभिन्न जनजातीय समूहों को हिंदू समाज के जातीय अधिक्रम में विभिन्न स्तरों पर आत्मसात् कर लिया गया।

कारण (R): जनजातीय जमीनों पर बस्तियाँ बसा दी गई और जंगलों का सफाया कर दिया गया।

(A) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या है।

(B) अभिकथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

(C) अभिकथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) ग़लत है।

(D) अभिकथन (A) ग़लत है, लेकिन कारण (R) सही है।


15. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन पश्चिमीकरण के लिए सत्य है?

(A) यह भारतीय समाज और संस्कृति में लगभग 150 सालों के ब्रिटिश शासन के परिणामस्वरूप आए परिवर्तन हैं।

(B) पश्चिमीकरण में किसी संस्कृति-विशेष के बाह्य तत्त्वों के अनुकरण की प्रवृत्ति नहीं होती है।

(C) भारतीय कला और साहित्य पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव नहीं पड़ा।

(D) पश्चिमीकरण में भारतीय बुद्धिजीवियों की उप-संस्कृति शामिल नहीं थी।


16. निम्नलिखित कथनों को सही क्रम में लिखिए।

(I) कामगारों को मशीनी गति से काम करना होता है।

(II) अधिक मशीनों वाले उद्योगों में, कम लोगों को काम दिया जाता है।

(III) दो चाय की छुट्टियाँ 7-5 मिनट प्रत्येक और आधा घंटा खाने की छुट्टी।

(IV) पूरे दिन में कामगारों को केवल 45 मिनट का विश्राम मिलता है।

विकल्प :

(A) (II), (I), (IV), (III)

(B) (I), (II), (III), (IV)

(C) (IV), (I), (III), (II)

(D) (I), (IV), (III), (II)


खण्ड ख


17. "अधिकतर भारतीय लोग छोटे पैमाने पर कार्य कर रहे स्थानों पर ही काम करते हैं। यहाँ कार्य के कई पक्षों का निर्धारण वैयक्तिक संबंधों से होता है।" बड़े संस्थानों में कार्य का निर्धारण वैयक्तिक संबंधों से नहीं होता। इस कथन से आप क्या अनुमान लगा सकते हैं ?


18. (क) “सांस्कृतिक विविधता कठोर चुनौतियों को प्रस्तुत कर सकती है।" उपयुक्त उदाहरणों सहित कथन का समर्थन कीजिए।

अथवा

(ख) धर्मनिरपेक्षता के पक्ष और विपक्ष में एक-एक तर्क दीजिए। 


19. मूल आदिवासी दिक्कुओं से घृणा क्यों करते थे? दो कारण दीजिए।


20. (क) भूमिगत खानों में कार्य करने वाले कामगार बहुत खतरनाक स्थितियों का सामना करते हैं। उदाहरण दीजिए।

अथवा

(ख) उदारीकरण की नीति का एक लाभ और एक हानि बताइए।


21. 1960 के दशक में, विद्वानों के बीच इस प्रश्न को लेकर वाद-विवाद होता रहा कि क्या जनजातियों को जाति-आधारित (हिंदू) कृषक समाज के एक सिरे का विस्तार माना जाए अथवा वे पूर्ण रूप से एक भिन्न प्रकार का समुदाय है। जनजाति और जाति के बीच के अंतर के तर्क का आधार क्या है?


22. औपनिवेशिक भारत में बहुत से जिलों का प्रशासन जमींदारी व्यवस्था द्वारा चलता था। ज़मींदारी व्यवस्था के दौरान कृषकों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ा ?


23. हरित क्रांति की रणनीति की एक नकारात्मक परिणति क्षेत्रीय असमानताओं में वृद्धि थीं। अपने उत्तर के लिए दो कारण दीजिए।


24. पहले अनेक प्रकार की महामारियाँ थीं जिनमें विभिन्न प्रकार के ज्वर, प्लेग, चेचक और हैजा अधिक विनाशकारी थे। लेकिन 1918-19 की इंफ्लुएंजा नामक महामारी ने तो अकेले ही देशभर में तबाही मचा दी, जिसमें तत्कालीन भारत की कुल जनसंख्या के लगभग 5% भाग को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। महामारी और विश्वमारी (पेंडेमिक) के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।


25. "सैद्धांतिक तौर पर, जाति व्यवस्था को सिद्धांतों के दो समुच्चयों के मिश्रण के रूप में समझा जा सकता है।" दोनों सिद्धांतों के नाम बताइए और किसी एक को परिभाषित कीजिए।


खण्ड ग


26. सन् 1950 से 1970 के दशक के बीच भूमि सुधार कानूनों की एक श्रृंखला को शुरू किया गया इसे राष्ट्रीय स्तर के साथ राज्य के स्तर पर भी चलाया गया। इन सुधारों को लाने के पीछे क्या कारण थे ?


27. वह व्यवस्था जो एक समाज में लोगों का वर्गीकरण करते हुए एक अधिक्रमित संरचना में उन्हें श्रेणीबद्ध करती है उसे समाजशास्त्री 'सामाजिक स्तरीकरण' कहते हैं। सामाजिक स्तरीकरण किस प्रकार पीढ़ी-दर-पीढ़ी बना रहता है?


28. (क) पश्चिमीकरण में किसी संस्कृति-विशेष के बाह्य तत्त्वों के अनुकरण की प्रवृत्ति भी होती है। पश्चिमीकरण की प्रक्रिया को दर्शाइए।

अथवा

(ख) विभिन्न प्रकार के समाज सुधारक आंदोलनों में कुछ विषयगत समानताएँ थीं। परंतु साथ ही अनेक महत्त्वपूर्ण असहमतियाँ भी थीं। चर्चा कीजिए।


29. हममें से हर कोई एक परिवार में जन्म लेता है और हममें से अधिकांश लोग परिवार में अनेक वर्ष बिताते हैं। आमतौर पर हम अपने परिवार से गहरा लगाव महसूस करते हैं। परिवार हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। विस्तारपूर्वक समझाइए ।


30. "ब्रिटिश औद्योगीकरण का एक उल्टा असर यानी कि भारत के कुछ क्षेत्रों में औद्योगिक क्षरण हुआ।" उपर्युक्त कथन के आधार पर उन प्रभावों की पहचान कीजिए।


31. असक्षमता और ग़रीबी के बीच एक अटूट संबंध होता है। चर्चा कीजिए।


32. "कभी-कभी काम की बुरी दशाओं के कारण कामगार हड़ताल कर देते हैं।" 1982 की प्रसिद्ध बंबई टैक्सटाइल मिल की हड़ताल का उदाहरण लेते हुए औचित्य सिद्ध कीजिए। 


खण्ड घ


33. भारत में गिरता हुआ स्त्री-पुरुष अनुपात, 1901-2011 नीचे दर्शाया गया है:

उपर्युक्त आँकड़ों के आधार पर, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) बाल स्त्री-पुरुष अनुपात में गिरावट आने के क्या कारण हैं?

(ख) उपर्युक्त आँकड़ों के आधार पर, 20वीं शताब्दी और 21वीं शताब्दी के आँकड़ों की तुलना कीजिए और अपना निष्कर्ष बताइए।


नोट : निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए (प्र.स. 33 के स्थान पर)

आँकड़ों से स्पष्ट होता है, भारत में स्त्री-पुरुष अनुपात पिछली एक शताब्दी से कुछ अधिक समय से गिरता जा रहा है। 20वीं शताब्दी के शुरू में भारत में प्रति 1000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या 972 थी लेकिन 21वीं शताब्दी के शुरू में स्त्री-पुरुष अनुपात घटकर 933 हो गया है।

पिछले चार दशकों की प्रवृत्ति खासतौर पर चिंताजनक रही है 1961 में स्त्री-पुरुष अनुपात 941 था जो घटते हुए अब तक के सबसे नीचे स्तर 1991 में 927 पर आ गया हालाँकि 2001 में उसमें फिर मामूली सी बढ़ोतरी हुई है। भारत की जनगणना 2011 के अस्थायी आँकड़ों के अनुसार, स्त्री-पुरुष अनुपात को देखें तो प्रति 1000 पुरुषों के पीछे 943 स्त्रियाँ हैं। 0-6 वर्ष की आयु वर्ग का स्त्री-पुरुष अनुपात आमतौर पर सभी आयु वर्गों के समग्र स्त्री-पुरुष अनुपात से काफी ऊँचा रहता आया है, लेकिन अब उसमें भी बड़ी तेज़ी से गिरावट आ रही है। वस्तुतः 1991 से 2001 तक के दशक के आँकड़ों में यह असामान्यता दिखाई देती है कि समग्र स्त्री-पुरुष अनुपात में जहाँ अब तक की सबसे अधिक 6 अंकों की बढ़ोतरी निम्नतम 927 से 933 दर्ज हुई है, लेकिन बाल स्त्री-पुरुष अनुपात, 18 अंकों का गोता लगाकर 945 से घटकर 927 के स्तर पर आ गया है और इस प्रकार पहली बार समग्र स्त्री-पुरुष अनुपात से नीचे चला गया है। सन् 2011 की जनगणना के अनुमानित आँकड़ों के अनुसार स्थिति और खराब हो गई और बाल स्त्री-पुरुष अनुपात मात्र 919 रह गया है (8 अंकों से घट गया है)।

उपर्युक्त आँकड़ों के आधार पर, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) बाल स्त्री-पुरुष अनुपात में गिरावट आने के क्या कारण हैं?

(ख) उपर्युक्त आँकड़ों के आधार पर, 20वीं शताब्दी और 21वीं शताब्दी के आँकड़ों की तुलना कीजिए और अपने निष्कर्ष बताइए।


34. सामाजिक आंदोलनों के वर्गीकरण की चर्चा कीजिए।


35. नागरिक समाज ने कई महत्त्वपूर्ण पहल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिनमें सबसे हालिया है सूचना के अधिकार के लिए अभियान। इसकी पहल और इसके परिणाम पर चर्चा कीजिए।

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