भारतीय कलाएँ Important Short and Long Question Class 11 Chapter-4 Book-Vitan
0Team Eklavyaमार्च 05, 2025
1. कला क्या है और इसका महत्त्व क्या है?
उत्तर:
कला भावों, विचारों और परिवेश को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। यह चित्रकला, संगीत, नृत्य आदि के रूप में प्रकट होती है। भारत में कला का गहरा संबंध सांस्कृतिक परंपराओं, त्योहारों और उत्सवों से है, जो इसे सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनाता है।
2. भारतीय कला का ऐतिहासिक विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
प्रारंभ में सभी कलाएँ लोक समूह से जुड़ी थीं, जो धीरे-धीरे शास्त्रीय रूप में परिवर्तित हो गईं। गुप्तकाल को कला का स्वर्ण युग माना जाता है, जहाँ भरतमुनि का नाट्यशास्त्र शास्त्रीय कला का आधार बना। इस काल में मंदिरों और राजसी संरक्षण के अंतर्गत कला का विकास हुआ।
3. भारतीय चित्रकला के कौन-कौन से प्रमुख रूप हैं?
उत्तर:
1. शैलचित्र: जैसे भीमबेटका की गुफाओं में पाई जाने वाली प्राचीन चित्रकला।
2. अजंता-एलोरा की गुफाएँ: बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बनाई गई भित्ति चित्रकला।
3. लघुचित्र: जैसे मधुबनी, पटचित्र, और वरली चित्रकला।
4. अस्थायी कला: जैसे ऐपण, अल्पना, और रंगोली, जो त्योहारों और धार्मिक अवसरों से जुड़ी होती हैं।
4. भारतीय संगीत को प्राचीन काल में कितने भागों में बाँटा गया था?
उत्तर:
भारतीय संगीत को प्राचीन काल में दो भागों में विभाजित किया गया था—
मार्गी संगीत: यह धार्मिक और शास्त्रीय संगीत था, जिसका उल्लेख भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में मिलता है।
देशी संगीत: यह लोक संगीत था, जिसमें संस्कारगीत, ऋतुगीत, और उत्सवगीत शामिल हैं।
5. भारतीय शास्त्रीय संगीत में राग-ताल का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
शास्त्रीय संगीत में प्रत्येक राग और ताल का एक निश्चित समय और भावनात्मक प्रभाव होता है। उदाहरण के लिए, भैरव राग सुबह गाने के लिए उपयुक्त माना जाता है, जबकि दीपक राग दोपहर के समय के लिए उपयुक्त होता है।
2. शास्त्रीय नृत्य: कथकली, भरतनाट्यम, ओडिशी, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम।
7. भारतीय कला का वैश्विक प्रभाव किन देशों में देखा गया है?
उत्तर:
भारतीय कला का प्रभाव मध्य एशिया, तिब्बत, चीन, जापान, और कंबोडिया जैसे देशों तक फैला। गांधार और तिब्बती शैली भारतीय कला और संस्कृति के प्रभाव का प्रमाण हैं।
8. भारतीय कला में लोक और शास्त्रीय कलाओं के बीच क्या अंतर है?
उत्तर:
लोक कला: यह समूह और समुदाय से जुड़ी होती है और सहज रूप से विकसित होती है।
शास्त्रीय कला: यह अधिक नियमबद्ध होती है और व्यक्ति केंद्रित होती है।
दोनों कलाएँ मिलकर भारतीय कला को समृद्ध बनाती हैं और फिल्मों, मंचों में एक साथ देखने को मिलती हैं।
9. गुप्तकाल को कला का स्वर्ण युग क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
गुप्तकाल में मंदिर निर्माण, मूर्तिकला, चित्रकला और संगीत का व्यापक विकास हुआ। भरतमुनि के नाट्यशास्त्र ने शास्त्रीय कला का आधार रखा। राजसी संरक्षण और धार्मिक गतिविधियों के कारण यह कला के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है।
10. भारतीय कला का मूल संदेश क्या है?
उत्तर:
भारतीय कला विविधता, प्रेमभावना, और सांस्कृतिक धरोहर की प्रतीक है। इसका हर रूप प्रकृति, मानवता और आध्यात्मिकता से जुड़ा है। "वसुधैव कुटुंबकम" की भावना के कारण भारतीय कला विश्वभर में सराही जाती है।