सामान्य निर्देश :
(i) प्रश्न पत्र पाँच खंडों में विभाजित किया गया हैं क, ख, ग, घ और ङा प्रश्न पत्र में 34 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(ii) खंड क - प्रश्न 1 से 21 तक बहुविकल्पीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
(iii)खंड ख प्रश्न संख्या 22 से 27 लघु उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं, प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 60-80 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए।
(iv) खंड ग प्रश्न संख्या 28 से 30 दीर्घ उत्तरीय प्रकार के प्रश्न हैं, प्रत्येक प्रश्न 8 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 300-350 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए।
(v) खंड घ प्रश्न संख्या 31 से 33 स्रोत आधारित प्रश्न हैं। प्रत्येक स्रोत के अन्तर्गत तीन उप-प्रश्न हैं। प्रत्येक स्रोत 4 अंक का है।
(vi) खंड ङ - प्रश्न संख्या 34 मानचित्र प्रश्न है। प्रश्न 5 अंक का है, जिसमें महत्वपूर्ण मदों को पहचानना और स्थान अंकित करना शामिल है। मानचित्र को उत्तर पुस्तिका के साथ नत्थी कीजिए।
(vii) प्रश्नपत्र में कोई समग्र विकल्प नहीं है। जबकि कुछ प्रश्नों में आंतरिक विकल्प प्रदान किया गया है। ऐसे प्रश्नों में केवल एक विकल्प का ही उत्तर दीजिए।
(viii) इसके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार प्रत्येक खंड और प्रश्न के साथ यथोचित निर्देश दिए गए हैं।
General Instructions:
(i) Question paper comprises of five Sections A, B, C, D and E. There are 34 questions in the question paper. All questions are compulsory.
(ii) Section A - Question no. 1 to 21 are MCQs of 1 mark each.
(iii) Section B - Question no. 22 to 27 are Short Answer Type Questions, carrying 3 marks each. Answer to each question should not exceed 60-80 words.
(iv) Section C-Question no. 28 to 30 are Long Answer Type Questions, carrying 8 marks each. Answer to each question should not exceed 300-350 words.
(v) Section D - Question no. 31 to 33 are Source based questions with three sub questions and are of 4 marks each.
(vi) Section E- Question no. 34 is Map based, carrying 5 marks that includes the identification and labelling of significant test items.. Attach the map with the answer book.
(vii) There is no overall choice in the question paper. However, an internal choice has been provided in few questions. Only one of the choices in such questions have to be attempted.
(viii) In addition to this separate instructions are given with each sections and questions, wherever necessary.
खंड-क
(वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. निम्नलिखित में से कौन स्वतन्त्र बेबीलोन का अंतिम शासक था?
(क) एनमकर
(ख) असुरबानिपाल
(ग) नैबोनिड्स
(घ) गिल्गेमिश
2. 'द कैंटरबरी टेल्स' नामक काव्य कृत्ति की रचना किसके द्वारा की गई है?
(क) जेफ्री चॉसर
(ख) आबेस हिल्डेगार्ड
(ग) एबट सुगेर
(घ) जिओवानो बोकाचियो
3. मंगोल साम्राज्य के अन्र्तगत सुरक्षित यात्रा हेतु यात्रियों को जारी किए जाने वाले पास को फारसी भाषा में क्या कहा जाता था?
(क) जैरेज
(ख) पैजा
(ग) कनात
(घ) बाज
4. चित्र को पहचानिए तथा दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -
विकल्पः
(क) कोलोसियम
(ख) विन्दोनिशा की एक रंगशाला
(ग) रोम के फोरम जूलियम की दुकानें
(घ) फ्रांस का एक विशाल जल सेतु
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 4 के स्थान पर है।
रोमन साम्राज्य में पहाड़ियों की चोटियों पर बसे गाँवों को क्या कहा जाता था?
(क) मैपालिया
(ख) फ्रैकिन्सेंस
(ग) कोलोसियम
(घ) कैस्टेला
5. खाली स्थान भरिए -
चर्च को एक वर्ष के अन्तराल में कृषक से उसकी उपज का दसौँ भाग लेने का अधिकार था जिसे............ कहते थे।
(क) टीथ
(ख) टैली
(ग) फीफ
(घ) पैरिश
6. मंगोलों की सामाजिक और राजनैतिक पृष्ठभूमि के सन्दर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए।
सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) कुछ मंगोल पशुपालक तथा कुछ शिकारी संग्राहक थे।
(ii) दक्षिणी भाग में शुष्क थार का मरूस्थल है।
(iii) मंगोलों तथा मध्य एशिया के यायावरों को व्यापार तथा वस्तु-विनिमय के लिए उनके पड़ोसी चीन के स्थायी निवासियों के पास जाना पड़ता था।
(iv) मंगोलों से अपनी प्रजा को रक्षा के लिए चीन के शासकों ने 'चीन की महान दीवार' निर्माण करवाया।
विकल्पः
(क) कंवल (i) सही है।
(ख) कंवल (i) एवं (ii) सही है।
(ग) केवल (ii), (iii) एवं (iv) सही है।
(घ) केवल (i), (iii) एवं (iv) सही है
7. यहाँ दो कथन दिए गए हैं जिन्हें अभिकधन (A) तथा कारण (R) के रूप में चिन्हित किया गया है। नीचे दिए गए कोड के अनुसार अपना उत्तर चिन्हित कीजिए।
अभिकथन (A) : जस्टीनियन का शासनकाल समृद्धि और शाही महत्त्वाकांक्षा के उच्च स्तर का द्योतक था।
कारण (R) : सातवीं शताब्दी तक आते आते रोम और ईरान के बीच लड़ाई फिर छिड़ गई।
विकल्पः
(क) (A) एवं (R) दोनो सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सत्य हैं किन्तु (R), (A) की सही व्यख्या नहीं है।
(ग) (A) सत्य है किन्तु (R) असत्य है।
(घ) (A) असत्य है किन्तु (R) सत्य है।
8. दी गई सूचना के आधार पर मैसापोटामिया से सम्बन्धित स्थल को पहचानिए तथा सही विकल्पको चयन कीजिए।
• मेसोपोटामिया की परम्परागत कथाओं के अनुसार यह एक अत्यन्त सुन्दर शहर था जिसे अक्सर केवल शहर कह कर ही पुकारा जाता था।
• यह नगर सबसे पुराने मन्दिर नगरों में से एक था।
(क) निनवैह
(ख) मारी
(ग) बेबीलोन
(घ) उरुक
9. मंगोल कबीलों के सन्दर्भ में 'कुरिलताई' का क्या अर्थ है?
(क) सेना की एक टुकड़ी
(ख) व्यापारियों का एक समूह
(ग) मंगोल कबीलों के सरदारों की एक सभा
(घ) नवविजित प्रदेश
10. रोमन सम्राज्य की सांस्कृति विविधता के सन्दर्भ में दिए गए कथनों में से कौन सा सत्य नहीं है?
(क) धार्मिक सम्प्रदायों तथा स्थानीय देवी देवताओं की भरपूर विविधता।,
(ख) बोलचाल की अनेक भाषाएँ।
(ग) एक जैसी वेशभूषा तथा एक जैसा भोजन।
(घ) सामाजिक संगठनों तथा बस्तियो के अनेक रूप
11. दिए गए कथनों की ध्यान से पढ़िए तथा दिए गए विकल्पों में से सही तथ्य का चयन कीजिए।
(i) ये नई सैनिक टुकड़ियाँ थीं जो विशेष रूप से चयनित कप्तानों के अधीन कार्य करती थीं।
(ii) इनमें वे लोग थे जिन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी पूर्ण निष्ठा के साथ चंगेज खान का साथ दिया था।
(क) बाज़
(ख) उलुस
(ग) नोयान
(घ) तुमन
12. यूरोपीय सामन्तवादी समाज में ऐसी संस्था को, जो उत्पाद की गुणवत्ता, उसके मूल्य तथा विक्री पर नियन्त्रण रखती थी, क्या कहा जाता था?
(क) मेनर
(ख) श्रेणी
(ग) अवि
(घ) मोनेस्ट्री
13. रोम के आर्थिक विस्तार के संदर्भ में उचित मिलान करते हुए सही विकल्प का चयन कीजिए।
स्तम्भ-I स्तम्भ-II
i. एम्फोरा a.अवन आकार की झोपड़ी
ii. केस्टेला b.गुआडलक्विविर नदी के किनारे के साथ बसी अनेक जमींदारियों
iii. फंडी c. पहाड़ी की चोटी पर बसे गाँव
iv. मैपालिया d. तरल पदार्थ की ढुलाई के लिए प्रयुक्त मटके
विकल्पः
i ii iii iv
(क) d c b a
(ख) a b c d
(ग) b a d c
(घ) a d b c
14. निन्नलिखित में से कौन सी भाषा 1000 ई.पू. के बाद व्यापक रूप से बोली जाने लगी थी तथा आज भी इराक के कुछ भागों में बोली जाती है?
(क) सुमेरियन
(ख) अरामाइक
(ग) अक्कदी
(घ) युनानी
15. दो सबसे प्रसिद्ध मठों में से एक मह 529 ई. में ......... में स्थापित क्लूनी था। में स्थापित सेंट बेनेडिक्ट तथा दूसरा 910 ई. में......... में स्थापित क्लूनी था।
(क) फ्रांस, स्पेन
(ख) इटली, बरगंडी
(ग) इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रिमा
(घ) जर्मनी, नारमण्डी
16. राजा असुरबानिपाल के द्वारा एक पुस्तकालय की स्थापना कहाँ पर की गई थी?
(क) निनवेह
(ख) बेबीलोनिया
(ग) असीरिया
(घ) अलाशिया
17. आज खान द्वारा बनाया गया परिसंघ पाँचवी शताब्दी के किस शासक द्वारा बनाए गए परिसेवा के बराबर था?
(क) सिकंदर
(ख) सुल्तान मोहम्मद
(ग) अट्टीला
(घ) ओंग खान
18. दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
.... को रोम साम्राज्य का हृदय कहा जाता था।
(क) भूमध्य सागर
(ख) कैस्पियन सागर
(ग) लाल सागर
(घ) काला सागर
19. दी गई सूचना के आधार पर व्यक्ति विशेष को पहचानिए
- चंगेज खान ने यह संकेत दिया था उसका यह पुत्र उसका उत्तराधिकारी होगा।
- इस राजकुमार ने अपनी राजधांती कराकोरम में प्रतिष्ठित की।
विकल्प
(क) जोची
(ख) चघताई
(ग) ओगोदेई
(घ) तोलोए
20. कृषकों के परिवारों को लॉर्ड की जागीरों पर जाकर काम करने के लिए कुछ दिन निश्चित करने पड़ते थे। इस श्रम से होने वाला उत्पादन क्या कहलाता था?
(क) वेतन
(ख) अनुदान
(ग) मेहनताना
(घ) श्रम-अधिशेष
21. चंगेज खान के किस वंशज ने अपने 1236-1241 ई. के अभियानों में रूस की भूमि को मास्को तक रौंद डाला तथा पौलेण्ड, हंगरी पर विजय प्राप्त कर वियना के बाहर पड़ाव डाल दिया?
(क) बाटू
(ख) मोन्के
(ग) कुबलई खान
(घ) गजन खान
22. नदियों सभ्यता के उद्भव में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।' मेसोपोटामिया के सन्दर्भ में इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर -
सभ्यताओं के उद्भव में नदियों की भूमिका -
- नदियाँ दैनिक जीवन के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराती थीं, जिससे पीने, सिंचाई, और अन्य घरेलू कार्य संभव होते थे।
- नदियों के किनारे की मिट्टी उपजाऊ होती थी, जो बेहतर फसलों के उत्पादन में मदद करती थी।
- नदी के किनारे चारागाह उपलब्ध होने से पशु पालन और पशुचारण सरल हो जाता था।
- जल और उपजाऊ मिट्टी के कारण कृषि का विकास हुआ, जिससे लोग स्थायी रूप से एक स्थान पर बसने लगे।
- नदियाँ परिवहन का साधन थीं, जिससे व्यापार और सभ्यताओं के बीच संपर्क स्थापित हुआ।
अथवा
मेसोपोटामिया के लोग लेखन के लिए किस लिपि का प्रयोग करते थे? लेखन में प्रयोग लाई पहली पट्टिकाओं के निर्माण की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर -
- मेसोपोटामिया के लोग लेखन के लिए क्यूनीफार्म (Cuniform) अर्थात कीलाकार चिन्हों का प्रयोग करते थे। क्यूनीफार्म लातिनी शब्द 'क्यूनियस' से निकला है जिसका अर्थ है 'खूँटी' या फोर्मा अर्थात 'आकार'
पट्टिकाएँ बनाने की प्रक्रिया -
- मिट्टी की पट्टिकाएँ प्राचीन लेखन सामग्री थीं, जिनका उपयोग लिपिक (लेखक) क्यूनीफार्म लिपि में लिखने के लिए करते थे।
- ये गीली मिट्टी से बनाई जाती थीं और लिखने के बाद धूप में सुखाकर कठोर कर दी जाती थीं।
- गीली मिट्टी को मुलायम बनाने के लिए गूंधा जाता थाऔर थापकर मिट्टी को पकड़ने लायक पट्टियाँ बनाई जाती थीं।
- पट्टियों की सतह को सपाट और चिकना किया जाता था और इन पर सरकंडे की कलम से क्यूनीफार्म चिन्ह खींचे जाते थे।
- पट्टियों को धूप में सुखाकर कठोर किया जाता था।
- गैर-जरूरी पट्टिकाओं को तोड़कर फेंक दिया जाता था।
23. उन तथ्यों तथा घटनाओं का वर्णन कीजिए जो चंगेज खान को सही मायनों में सार्वभौम शासक बनाती है।
उत्तर -
चंगेज खान को सार्वभौम शासक बनाने वाली घटनाएँ -
- जन्म मंगोलिया में 1162 ई. में अरम्भिक नाम तेमुजिन
- अपने पिता के हत्यारे शक्तिशाली ततार, कैराइट के विरुद्ध युद्ध छेड़ा
- 1203 ई. में ओंग खान के खिलाफ युद्ध
- 1206 में शक्तिशाली जमूका तथा नेमन लोगों को निर्णायक रूप से परास्त किया।
- एक सशक्त अनुशासित सैन्य शक्ति का गठन।
- 1206 में कुरिलताई द्वारा तेमुमिन को, चंगेज खान, 'महान खान' तथा सार्वभौम शासक की उपाधि प्रदान की गई।
24. नगर की हवा स्वतन्त्र बनाती है।" उक्त कथन के सन्दर्भ में बताइए कि यूरोप में समाज का चौथा वर्ग किस प्रकार में अस्तित्त्व में आया?
उत्तर -
यूरोप में चौथे वर्ग का उदय-
- रोमन साम्राज्य के पतन होते ही कई बड़े नगर और आर्थिक केंद्र उजड़ गए और नष्ट हो गए। लोग ग्रामीण क्षेत्रों में बसने लगे,जिससे शहरों का महत्व कम हो गया।
- ग्यारहवीं शताब्दी से खेती में सुधार हुआ, जिससे फसल अधिशेष को बेचने के लिए बिक्री और विपणन केंद्रों की आवश्यकता महसूस होने लगी।
- विपणन केंद्रों में मियादी हाट और मेले लगने लगे जिससे धीरे-धीरे स्थायी नगरों के रूप में विकसित होने लगे।
- नगर विकसित होने लगे एक नगर चौक, चर्च सड़कें, जहाँ एक व्यापारी घर तथा दुकानों का निर्माण कर सकें।
- इन विकसित नगरों में नए सामाजिक वर्ग का उदय हुआ, जिसे चौथा वर्ग कहा गया। इसमें व्यापारी, कुशल कारीगर, दुकानदार, वकील और साहूकार जैसे पेशेवर शामिल थे। इनका उद्देश्य व्यापार, उद्योग, और सेवाएँ प्रदान करना था।
- प्रत्येक शिल्प या उद्योग अपने-अपने क्षेत्र में श्रेणियों (गिल्ड) के रूप में संगठित होने लगे गिल्ड अपने सदस्यों के लिए सभागारों का निर्माण करते थे, जो न केवल प्रशासनिक केंद्र होते थे, बल्कि सामूहिक निर्णयों और सामाजिक समारोहों का भी आयोजन करते थे।
25. "चंगेज खान की सैन्य उपलब्धियाँ विस्मित कर देने वाली थीं।" कथन की विश्लेष्णात्मक व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
चंगेज खान की सैन्य उपलब्धियाँ विस्मयकारी थी -
- चंगेज खान ने अपनी सेना को कठोर अनुशासन में ढाला जो युद्ध में बेहद प्रभावी और संगठित थी।
- चंगेज खान की सेना में कुशल घुड़सवार सैनिक तेज गति से आक्रमण करते थे और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी तेजी से पहुँचने में सक्षम थे।
- तीरंदाजी का अद्भुत कौशल मंगोल सैनिक तीरंदाजी में माहिर थे। वे चलते घोड़ों पर सवार होकर तीरंदाजी करते थे
- दुर्ग और किलाबंद नगरों पर कब्जा करने के लिए चंगेज खान की सेना ने घेराबंदी यंत्रों का कुशलता से उपयोग किया
- चंगेज खान की सेना ने नेफ्था बम जैसे विस्फोटक हथियारों का भी इस्तेमाल किया
- अभियानों में हल्के चलउपस्करों का प्रयोग जिससे उनकी सेना तेजी से आगे बढ़ सकती थी और लंबी दूरी के अभियानों में भी कुशल थी
- नवीन सैनिक इकाइयों (नोयान) का निर्माण (चारों पुत्रों के अधीन)
- तुमुन प्रणाली का उपयोग किया गया, जिसमें हर टुकड़ी में 10,000 सैनिक होते थे।
26. 'सामन्तवाद' शब्द का क्या अर्थ है? सामन्तीद की उत्पत्ति कब तथा कहाँ से मानी जाती है?
उत्तर -
सामन्तवाद शब्द का अर्थ-
- इतिहासकारों द्वारा सामंतवाद (feudalism) शब्द का प्रयोग मध्यकालीन यूरोप के आर्थिक विधिक, राजनीतिक तथा सामाजिक संबंधों का वर्णन करने के लिए किया जाता था।
- यह जर्मन शब्द 'फ्यूड' से बना है जिसका अर्थ है 'भूमि का टुकड़ा'।
- यह एक ऐसे समाज को इंगित करता है जो मध्य फ्रांस बाद में इंग्लैण्ड तथा इटली में विकसित हुआ।
प्रारम्भ कब तथा कहाँ -
- इसकी जड़ें रोमन साम्राज्य में विद्यमान प्रथाओं तथा फ्रांस के राजा शार्लमेन के काल में पाई गई।
- ऐसा कहा जाता है कि जीवन में सुनिश्चित तरीके के रूप में सामन्तवाद की उत्पत्ति यूरोप के अनेक भागों में ग्यारहवीं सदी के उत्तरार्ध में हुई।
27. रोम साम्राज्य के राजनीतिक इतिहास के तीन प्रमुख खिलाड़ी कौन-कौन से थे? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर -
रोमन साम्राज्य के राजनीतिक इतिहास के तीन प्रमुख खिलाड़ी -
1. सम्राट - एक छत्र शासक, सत्ता का वास्तविक स्त्रोत परन्तु निरंकुश नहीं
2. अभिजात वर्ग सैनेट, सत्ता पर नियन्त्रण, रोम के धनी तथा कुलीन वर्ग के लोग, शासन में भागीदारी
3. सेना बलात भर्ती, व्यावसायिक सेना, वैतनिक न्यूनतम 25 वर्ष तक सेवा प्रदान करना, एकल संगठित निकाय, चौथी शताब्दी में 6,00,000 से ज्यादा सैनिक
अथवा
'रोम के इतिहासकारों के पास स्रोत सामग्री का विशाल भण्डार है जो हमें अतीत के बारे में एक ही प्रकार की जानकारी देते हैं जिनको मिलाकर देखना अत्यन्त उपयोगी हो सकता है।' सोदाहरण कथन को विवेचना कीजिए।
उत्तर -
रोम के इतिहास की जानकारी देने वाले प्रमुख स्रोत -
1. पाठ्य सामग्री - वर्ष वृतान्त (Annals), पत्र व्याख्यान, प्रवचन, कानून आदि
2. प्रलेख अथवा दस्तावेज पैपाइरस के पन्नों पर लिखी पांडुलिपियाँ, अभिलेख, तथा शिलालेख, पैपाइरस पत्र आदि
3. भौतिक अवशेष - इमारतें, स्मारक, अन्य प्रकार की संरचनाएँ, मिट्टी के बर्तन, सिक्के पच्चीकारी का सामान तथा सम्पूर्ण भूदृश्य आदि।
खंड-ग
(दीर्घ उत्तरीय-प्रश्न)
28. 'मेसोपोटामिया के लोगों ने एक ऐसी शानदार विरासत छोड़ी है जो विश्व को हैरत में डाल देती है।' कथन की उचित उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
मेसोपोटामिया की विश्व को देन -
- लेखन कला क्यूनीफार्म लिपि यह दुनिया की पहली लेखन प्रणाली मानी जाती है, जिसमें मिट्टी की पट्टिकाओं पर चिन्ह अंकित किए जाते थे।
- मेसोपोटामिया ने समय और गणित की मूलभूत गणनाओं का विकास किया। 60 मिनट का घंटा और 60 सेकंड का मिनट भी इन्हीं से प्रेरित है।
- मेसोपोटामिया में राजा हम्बूरावी ने विधि संहिता का निर्माण किया, जो कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिखित नियमों का संग्रह था।
- मेसोपोटामिया में शहरों का विकास हुआ,जैसे उर,उरूक,और मारी नगर इससे शहरों में संगठित समाज,व्यापारिक गतिविधियाँ,और शासन व्यवस्थाएँ स्थापित हुईं।
- शिक्षा का महत्व बढ़ने के साथ विद्यालयों और पुस्तकालयों की स्थापना हुई। निनवेह का पुस्तकालय ज्ञान का एक बड़ा केंद्र था, जहाँ अनेक ग्रंथ और अभिलेख संग्रहीत थे।
- मेसोपोटामिया के खगोलविदों ने चंद्रमा की गति और ग्रहों की स्थिति की गणनाएँ कीं
- हिसाब-किताब रखा जाता था साथ ही व्यापार और कर वसूली में हिसाब-किताब को व्यवस्थित करने के लिए लेखांकन प्रणाली का विकास हुआ, जो व्यापारिक प्रबंधन में सहायक था।
- मेसोपोटामिया के लोग शीशे का उपयोग सजावटी वस्तुएँ और आभूषण बनाने में करते थे, जिससे कला और शिल्प में निपुणता दिखती है।
- कुम्हार के चाक का उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने में होता था इसने बर्तन बनाने की गति और गुणवत्ता को बढाया
- मेसोपोटामिया के खगोलविदों ने तारों की गणना और उनके समूहों का अध्ययन किया, जिससे खगोलीय ज्ञान का विस्तार हुआ।
- मेसोपोटामिया के शहर व्यापार के बड़े केंद्र बन कर उभरे खासकर मरी नगर इन नगरो में दूर-दराज के क्षेत्रों से व्यापारी आते थे। यह क्षेत्र व्यापारिक मार्गों का प्रमुख हिस्सा बन गया।
- सांस्कृतिक सम्पन्नता वार्का शीर्ष, उरूक (वार्का) मेसोपोटामिया की सांस्कृतिक और आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक था। यहाँ कला, धर्म, और शिल्पकला का उत्कर्ष हुआ, जिससे सभ्यता की उन्नति हुई।
अथवा
'यह मन्द्रिरो पर नियन्त्रण था जो राजा को लोगों पर अपना अधिकार जमाने में मदद करता था।' कथन की आलोचनात्मक परख कीजिए।
उत्तर -
मन्दिरों पर नियन्त्रण के माध्यम से राजाओं का लोगों पर अधिकार जमाना -
- 5000 ई.पू. मेसोपोटामिया के दक्षिणी भाग में शहरीकरण प्रारम्भ हुआ।
- मन्दिर नगरों के विकास के साथ कच्ची मिट्टी के देवालय नामक मंदिर अस्तित्व में आए।
- उर नामक चन्द्र देवता तथा इब्नान्ना प्रेम तथा युद्ध की देवी।
- मंदिर धार्मिक, सामाजिक तथा सांस्कृति गतिविधियों के केन्द्र बन गए।
- किसी युद्ध में जीतने के पश्चात विजेता मुखिया देवताओ को सुन्दर भेंट चढ़ाते थे।
- मन्दिरों के सौन्दर्याकरण को बढ़ावा मिला।
- मंदिरों के लिए उत्कृष्ट पत्थर और धातु बाहर से मंगवाए गए तथा मंदिरों में आने जाने वाली वस्तुओं का हिसाब-किताब भी रखा।
- इस व्यवस्था ने राजा को ऊँचा स्थान दिलाया तथा समुदाय पर उसका पूर्व नियन्त्रण।
- युद्धबंदियों और स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप में मंदिर का अथवा राजा का काम करना पड़ता था।
- शासक के हुक्म पर आम लोग मंदिरों के लिए उपयुक्त सामान लाने में लगे रहते थे।
- इस प्रकार समाज पर शासक का नियन्त्रण बना रहता था।
29. 'हमें यह कतई नहीं मानना चाहिए कि क्योंकि रोमन साम्राज्य एक प्राचीन दुनिया का हिस्सा था अतः उस समय लोगों का सांस्कृतिक तथा आर्थिक जीवन आदिम या पिछड़ा हुआ था, जबकि स्थिति बिल्कुल विपरीत थी।' रोमन साम्राज्य के आर्थिक विस्तार के सन्दर्भ में कथन की जाँच कीजिए।
उत्तर -
रोम का आर्थिक विस्तार -
- रोम साम्राज्य का आर्थिक ढाँचा अत्यंत मजबूत था, जिसमें व्यापार, उद्योग, और कृषि का संतुलन बना हुआ था। यह आर्थिक ताकत पूरे साम्राज्य की स्थिरता और विस्तार का आधार थी।
- रोम ने भूमध्यसागरीय क्षेत्र में बंदरगाहों, खानों, ईंट-भट्ठों, और जैतून के तेल की फैक्ट्रियों का बड़े पैमाने पर निर्माण किया। जिसने साम्राज्य को आत्मनिर्भर बनाया
- गेहूँ, अंगूरी शराब, और जैतून का तेल रोम के प्रमुख निर्यात उत्पाद थे, जिनकी मांग पूरे साम्राज्य में थी।
- तरल पदार्थों, जैसे अंगूरी शराब और जैतून के तेल की ढुलाई के लिए एम्फोरा और ड्रेसल 20 नामक विशेष प्रकार के कंटेनरों का उपयोग किया जाता था।
- भूमध्यसागरीय क्षेत्र में कई उत्खनन स्थलों के प्रमाण मिले हैं, जो संकेत देते हैं कि रोम इन क्षेत्रों से खनिजों का दोहन और व्यापार करता था।
- रोम साम्राज्य के कई क्षेत्रों की भूमि अत्यंत उपजाऊ थी। इससे कृषि उत्पादन उच्च स्तर पर था, जो घरेलू खपत के साथ-साथ व्यापार के लिए भी उपयोगी था।
- जल शक्ति का प्रयोग मिलें चलाने और सोने-चाँदी की खानों में खुदाई के लिए किया। इन तकनीकी प्रगति ने उत्पादन की क्षमता को बाधा दिया
- रोम में एक संगठित बैंकिंग व्यवस्था विकसित थी, जो ऋण देने, विनिमय, और व्यापारिक लेन-देन को सरल बनाती थी।
अथवा
'रोम की अर्थव्यवस्था में अधिकांश श्रम दासों द्वारा ही किया जाता था तथा वहाँ पर दासता की जड़े बहुत गहरी थीं।' उक्त कथन के संदर्भ में रोम में दासों की दशा तथा श्रमिकों पर नियन्त्रण हेतु किए जाने वाले 'श्रम प्रबन्धन' की तर्कयुक्त व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
रोम साम्राज्य में दासों की दशा -
- रोम के साम्राज्य में दासता सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा थी और दासों को मानव नहीं, बल्कि संपत्ति या पूंजी निवेश के रूप में देखा जाता था।
- ऑगस्टस के शासनकाल में लगभग 75 लाख की आबादी में 30 लाख से अधिक दास थे।
- दासों को क्रूरतापूर्ण व्यवहार होता था और समाज में उनके प्रति कोई सहानुभूति नहीं थी।
- दास प्रजनन को बढ़ावा दिया जाता था ताकि नए दास तैयार किए जा सकें
- ग्रामीण क्षेत्रों में दासता और ऋणग्रस्तता के माध्यम से श्रम का शोषण होता था। कर्ज न चुका पाने वाले लोगों को भी दास बना लिया जाता था।
श्रम प्रबन्धन -
- 'कोलूमेल्ला' ने जमींदारों से सिफारिश की कि उत्पादन लगातार बढ़ाने के लिए दुगनी संख्या में उपकरणों तथा औजारों को सुरक्षित रखा जाए।
- मुक्त तथा दास दोनों प्रकार के श्रमिकों पर नियन्त्रण।
- कामगारों को छोटे-छोटे दलों में विभाजित किया गया।
- कोलूमेल्ला के अनुसार दस लोगों का समूह होना चाहिए।
- दासों को पैरों में जंजीरें डालकर एक साथ रखा जाता था ताकि वे भाग न सकें।
- कामगारों को दाग दिया जाता था, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सके।
- मुक्त और दास दोनों श्रमिकों पर सख्त नियंत्रण रखा जाता था ताकि उत्पादन बाधित न हो।
30. 'वैसलेज प्रथा' फ्रांस के शासकों तथा लोगों के मध्य वचनबद्धता के साथ-साथ जुड़ाव का कारण भी थी।' कथन के स्पष्टीकरण हेतु फ्रांस के सामन्तवादी समाज के द्वितीय तथा तृतीय वर्ग की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
दूसरा वर्ग (अभिजात वर्ग) -
- सामाजिक प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका
- बड़े भूस्वामी तथा अभिजात वर्ग राजा के अधीन थे तथा कृषक भूस्वामियों के अधीन
- अभिजात वर्ग राजा को अपना स्वामी (Seigneur) मान लेते थे।
- आपस में वचनबद्ध होते थे। लॉर्ड (रोटी देने वाला) दास (Vassal) की रक्षा करता था बदले में वह उसके प्रति निष्ठावान रहता था।
- शपथों का विनिमय चर्च में बाइबल की शपथ लेकर।
- दास को एक भूमि के प्रतीक के रूप में लिखित पत्र, छड़ी या मिट्टी का डला दिया जाता था।
- अभिजात वर्ग की विशेष हैसियत, सम्पदा पर पूर्ण नियंत्रण होता था।
- सैन्य क्षमता बढ़ा सकता था, न्यायालय लगा सकता था तथा मुद्रा भी प्रचलित कर सकता था।
- लॉर्ड का घर मेनर कहलाता था जो सभी सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण था।
- लॉर्ड एक भूमि का भाग (फीफ) नाइट (अश्वारोही सैनिक) को देता तथा नाइट लॉर्ड के प्रति निष्ठावान तथा युद्ध में उसकी ओर से लड़ने का वचन देता था।
तृतीय वर्ग - किसान, स्वतंत्र और बंधक
- इस वर्ग में स्वतंत्र किसान और बंधक (सर्फ) शामिल थे।
- स्वतंत्र किसान अपनी ज़मीन पर खेती करते थे लेकिन उन्हें भी कई तरह के करों का भुगतान करना पड़ता था।
- कृषि-दास (सर्फ) यानी कृषि-दास, लॉर्ड की भूमि पर काम करते थे और उनके जीवन पर लॉर्ड का नियंत्रण होता था।
- टैली नामक कर अदा करते थे
- लॉर्ड उनके जीवन से सम्बन्धित निर्णय लेते थे।
- लॉर्ड की आज्ञा के बिना जागीर नहीं छोड़ सकते थे।
- विवाह सम्बन्धी निर्णय भी लॉर्ड ही लेता था।
अथवा
'यूरोपीय सामन्तवादी समाज में प्रथम वर्ग अर्थात पादरी वर्ग एक शक्तिशाली संस्था थी, जो राजा पर निर्भर नहीं थी।' कथन की पुष्टि, कीजिए।
उत्तर -
सामंतवादी समाज में पादरियों की भूमिका -
- सामंती समाज में कैथोलिक चर्च का अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्थान था। यह न केवल धार्मिक जीवन बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मामलों में भी एक निर्णायक शक्ति थी।
- चर्च एक शक्तिशाली संस्था था और वह राजा पर निर्भर नहीं करता था।पोप पश्चिमी चर्च का प्रमुख पोप रोम में रहता था और वह पूरे ईसाई समाज का मार्गदर्शन करता था।
- पादरी केवल पुरुष पादरी बनाए जाते थे और विवाह करना उनके लिए वर्जित था।
- चर्च के ऊँचे पदाधिकारी, जिन्हें बिशप कहा जाता था, धर्म और समाज के अभिजात वर्ग में गिने जाते थे। उनके पास लॉर्ड्स की तरह जागीरें और महल होते थे।
- चर्च किसानों से सालाना उपज का दसवाँ हिस्सा टीथ के रूप में लेता था। अमीर लोग चर्च को दान भी देते थे, जिससे चर्च अत्यधिक संपन्न था।
- घूम-घूम कर शिक्षा देने वाले भिक्षु फ्रायर कहलाते थे। भिक्षु चर्च की जगह आँबे (Abbey) में रहते थे।
- पुरुष मोंक तथा स्त्रियाँ नन कहलाती थी।
- घूम-घूम कर शिक्षा देने वाले भिक्षु फ्रायर कहलाते थे।
- मठों के साथ विशाल इमारतें, भू-भाग तथा स्कूल-कॉलेज भी सम्बद्ध थे।
खंड-घ
(स्रोत आधारित प्रश्न)
31. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
मोहर : एक शहरी शिल्प-कृति
भारत में, प्राचीन काल में पत्थर की मोहरें होती थी जिन पर चिन्ह अंकित किए गए होते थे| लेकिन मेसोपोटामिया में, पहली सहस्राब्दी ई.पू. के अंत तक पत्थर की बेलनाकर मोहरें, जो बीच में आर-पार छिदी होती थीं, एक तीली लगाकर गीली मिट्टी के ऊपर घुमाई जाती थीं और इस प्रकार उनसे लगातार चित्र बनता जाता था। वे अत्यंत कुशल कारीगरों द्वारा उकेरी जाती थीं औ कभी-कभी उनमें ऐसे लेख होते थे; जैसे - मालिक का नाम, उसके इष्टदेव का नाम और उसक अपनी पदीय स्थिति, आदि। किसी कपड़े की गठरी या बर्तन के मुँह को चिकनी मिट्टी में लीप-पोतकर उस पर वह मोहर घुमाई जाती थी जिससे उसमें अंकित लिखावट मिट्टी की सतह पर छप जाती थी; इससे उस गठरी या बर्तन में रखी वस्तुओं को मोहर लगाकर सुरक्षित किया जा सकता था। जब इस मोहर को मिट्टी की बनीं पट्टिका पर लिखे पत्र पर घुमाया जाता था तो वह मोहर उस पत्र की प्रामाणिकता की प्रतीक बन जाती थी। इस प्रकार मुद्रा सार्वजनिक जीवन में नगरवासी की भूमिका को दर्शाती थी।
31.1 पत्थरों की चिन्हांकित मोहरें कहाँ बनाई जाती थी?
उत्तर -
- भारत
31.2 कुशल कारीगरों द्वारा मोहरों पर क्या उकेरा जाता था?
उत्तर -
- मालिक का नाम, उसके ईस्ट देव का नाम, उसकी अपनी पदीय स्थिति आदि।
31.3 मोहर किस प्रकार वस्तुओं की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने का साधन थी?
उत्तर -
- किसी कपड़े की गठरी या बर्तन के मुँह को चिनकी मिट्टी से लेप पोत कर उस पर मोहर घुमाई जाती थी जिससे उसकी लिखावट मिट्टी पर छप जाती थी।
- यदि कोई उस सामान के साथ छेड़छाड़ करता था तो वह मोहर विखण्डित हो जाती थी और यदि मोहर सही है तो सामान सुरक्षित था।
32. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
सम्राट त्राजान का स्वप्न भारत की विजय ?
'तत्पश्चात् भयंकर भूकंप से पीड़ित एंटिऑक में सर्दियों के बाद (115/16),116 में त्राजान फरात नदी के रास्ते आगे की ओर बढ़ता हुआ पार्थियन की राजधानी टेसीफून तक चला गया और फिर वहाँ फारस की खाड़ी के सिरे पर पहुँच गया। (इतिहासकार) कैसियस डियां (Cassius Dio) के अनुसार वहाँ पर वह भारत की ओर जाने वाले किसी वाणिज्यिक पोत को लालायित नज़रों से देख रहा था और चाह रहा था कि काश वह सिकंदर जैसा जवान होता।'
- स्रोतः फरगस मिल्लर, दि रोमम नीयर ईस्ट
32.1 त्राजान किस साम्राज्य का सम्राट था?
उत्तर -
- रोमन साम्राज्य का
32.2 त्राजान किस रास्ते से फारस की खाडी तक पहुँचा ?
उत्तर -
- फरात नदी के रास्ते आगे की ओर बढ़ता हुआ पार्थियन की राजधानी टेसीफून तक तत्पश्चात फारस की खाड़ी तक
32.3 त्राजान वाणिज्यिक पोत को लालायित नजरों से क्यों देख रहा था?
उत्तर -
- भारत को विजित करने के लिए
- सिकंदर की तरह महान बनने के लिए
33. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
गजन खान का भाषण
गजन खान (1295-1304) पहला इल-खानी शासक था जिसने धर्म-परिर्वतन कर इस्लाम ग्रहण किया। उसने अपने मंगोल-तुर्की यायावर सेनापतियों को निम्न भाषण दिया जिसे संभवतः उसके इरानी वजीर रशीदुद्दीन ने लिखा था और जिसे मंत्री के पत्रों में शामिल किया गया था
"मैं फारस के कृषक वर्ग के पक्ष में नहीं हूँ। यदि उन सबको लूटने का कोई उद्देश्य है. तो ऐसा करने के लिए मेरे से "अधिक शक्तिशाली और कोई नहीं है, चलो हम सब मिल कर उन्हें लूटते हैं। लेकिन अगर आप निश्चित रूप से भविष्य में अपने भोजन के लिए अनाज और भोज्य-सामग्री इकट्ठा करना चाहते हैं तो मुझे आपके साथ कठोर होना पड़ेगा। आपको तर्क और बुद्धि से काम लेना सिखाना पड़ेगा। यदि आप कृषकों का अपमान करेंगे, उनसे उनके बैल और अनाज के बीज छीन लेंगे और उनकी फसलों को कुचल डालेंगे, तो आप भविष्य में क्या करेंगे?
एक आज्ञाकारी कृषक वर्ग और एक विद्रोही कृषक वर्ग में अंतर समझना आवश्यक है......
33.1 गञ्जन खान का यह भाषण किसने लिखा था?
- ईरानी वजीर रशीदुद्दीन ने
33.2 गज्जन खान कौन था?
- पहला इल-खानी शासक जिसने धर्म परिवर्तन करके इस्लाम धर्म ग्रहण किया।
33.3 उपर्युक्त स्रोत के अनुसार गजन खान कृषकों के प्रति क्या रवैया रखना चाहता है?
- कृषकों के प्रति दयालुतापूर्ण रवैया रखना चाहता था।
- कृषकों को लूटेंगे तो हम अपना भविष्य खराब करेंगे
खंड-ड
(मानचित्र आधारित प्रश्न)
34. 34.1 मंगोल साम्राज्य के दिए गए रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को उपयुक्त चिन्हों से दिखाइए तथा उनके नाम भी लिखिए।
(क) मंगोलिया(ख) ओर्मुज्ज(ग) तुर्फान अथवा बल्ख
34.2 दिए गए मेसोपोटामिया के रेखा मानचित्र में दो स्थलों को A और B उसे अंकित किया गया है। उन्हें पहचानिए तथा निकट खिंची रेखाओं पर सही नाम लिखिए।
खंड-ड
(मानचित्र आधारित प्रश्न)
34. 34.1 मंगोल साम्राज्य के दिए गए रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को उपयुक्त चिन्हों से दिखाइए तथा उनके नाम भी लिखिए।
(क) मंगोलिया
(ख) ओर्मुज्ज
(ग) तुर्फान अथवा बल्ख
34.2 दिए गए मेसोपोटामिया के रेखा मानचित्र में दो स्थलों को A और B उसे अंकित किया गया है। उन्हें पहचानिए तथा निकट खिंची रेखाओं पर सही नाम लिखिए।
EVENING SHIFT |
MID-TERM EXAMINATION (2024-25)
CLASS: XI
SUBJECT: HISTORY (027)
खंड-क
(वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. निम्नलिखित में से कौन सी भाषा सिकंदर के समय (336-323 ई.पू.) तक कुछ क्षेत्रीय परिवर्तनों के साथ फलती-फूलती रही?
(क) सुमेरियन
(ख) अक्कदी
(ग) अरामाइक
(घ) हिब्रू
2. 'सॉलिडस' नामक सिक्का निम्न में से किस शासक द्वारा जारी किया गया था?
(क) ऑगस्टस
(ख) टिबेरियस
(ग) कॉन्स्टैनटाइन
(घ) स्टीनियन
3. 'कुरिलताई' द्वारा तेमुजिन को किस उपाधि के साथ 'मंगोलों का महानायक' घोषित किया गया?
(क) समुद्री खान
(ख) आलमगीर
(ग) शहंशाह
(घ) सुल्तान
4. चित्र को पहचानिए तथा दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
विकल्पः
(क) नेमूर का दुर्ग
(ख) इंग्लैण्ड का हेवर दुर्ग
(ग) सेंट माईकेल की बैनेडिक्टीन ऑबे, इंग्लैण्ड
(घ) सॉल्सवरी कथील, इंग्लैण्ड
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 4 के स्थान पर है।
'इंग्लैण्ड' देश का नाम किस शब्द का उच्चारण है?
(क) इंग्लिश लैण्ड
(ख) नारमैंडी
(ग) इंग्लिश चैनल
(घ) एंजिल लैंड
5. खाली स्थान भरिए -
मेसोपोटामिया का सबसे पहला ज्ञात मन्दिर एक छोटा सा देवालय था जो ........का बना हुआ था।
(क) कच्ची ईटों
(ख) पक्की ईंटों
(ग) लकड़ी
(घ) संगमरमर
6. 'रोम साम्राज्य' के प्रथम सम्राट 'ऑगस्टस' के सन्दभ में निम्न कथनों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए।
(i) उसने 'प्रिंसिपेट' नामक राज्य की स्थापना 27 ई.पू. में की।
(ii) ऑगस्टस एकछत्र शासक तथा सत्ता का वास्तविक स्रोत था।
(iii) ऑगस्टस का शासनकाल शान्ति के लिए याद किया जाता है।
(iv) ऑगस्टस एक निरंकुश शासक था।
विकल्पः
(क) केवल (i) एवं (ii) सही है।
(ख) केवल (ii) एवं (iii) सही है।
(ग) केवल (i), (ii) एवं (iii) सही है।
(घ) केवल (ii), (iii) एवं (iv) सही है
7. यहाँ दो कथन जिन्हें अभिवचन (A) तथा कारण (२) के रूप में। चिन्हित किया गया है। नीचे दिए गए कोड के अनुसार अपना उत्तर चिन्हित कीजिए।
अभिकथन (A) : चंगेज खान द्वारा भर्ती किए नागरिक प्रशासकों को कभी-कभी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेज दिया जाता था, जैसे चीनी सचियों को इरान तथा ईरानी सचिवों का चीन में स्थानांतरण।
कारण (R) : इससे इन्होंने दूरस्थ राज्यों को संघटित करने में भी मदद की और उनकी पृष्ठभूमि तथा प्रशिक्षण से वहाँ के स्थानबद्ध जीवन पर होने वाली खानाबदोशों की लूटमार की धार कम हो गई।
विकल्पः
(क) (A) एवं (R) दोनो सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(ख) (A) एवं (R) दोनों सत्य हैं किन्तु (R), (A) की सही व्यख्या नहीं है।
(ग) (A) सत्य है किन्तु (R) असत्य है।
(घ) (A) असत्य है किन्तु (R) सत्य है।
8. दी गई सूचना के आधार पर मैसापोटामिया से सम्बन्धित स्थल को पहचानिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए।
- 13वीं सदी के इन भिक्षुओं ने मठों में न रहने का निर्णय लिया।
- वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम-घूम कर लोगों को उपदेश देते थे तथा दान पर अपनी आजीविक चलाते थे।
(क) पांप
(ख) विशप
(ग) फ्रायर
(घ) लॉर्ड
9. मेसोपोटामिया की सभ्यता के सन्दर्भ में दक्षिनी कछार के किस शूरवीर के द्वारा बेबीलोनिया को 625 ई.पू. में असीरियाई आधिपत्य से मुक्त कराया गया?
(क) नैबोपोलास्सर
(ख) असुरवानिपाल
(ग) गिल्गेमिश
(घ) एनमर्कर
10. रोमन साम्राज्य में व्याप्त दास प्रथा के सन्दर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?
(क) दासों को पूँजी निवेश की दृष्टि से देखा जाता था।
(ख) 'दास प्रजनन' गुलामों की संख्या बढ़ाने की एक प्रथा थी।
(ग) जहाँ एक ओर उच्च वर्ग उनकी तरफ प्रायः क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते थे वहीं दूसरी ओर साधारण लोग उनकी ओर कहीं अधिक सहानुभूति रख सकते थे।
(घ) चौथी शताब्दी में ईसाई धर्म ने राज धर्म बनने के बाद इस गुलामी की प्रथा को गंभीर चुनौती दी।
11. दिए गए कथनों की ध्यान से पढ़िए तथा दिए गए विकल्पों में से सही तथ्य का चयन कीजिए।
(i) यह मंगोल जनजाति की प्रथागत परम्पराओं का एक संकलन था।
(ii) यह चंगेज़ खान की 'विधि-संहिता' भी कहलाती है।
(क) हरकारा पद्धति
(ख) जेरेज़
(ग) यास
(घ) कुबकुर
12. किस मंगोल शासक ने 'सुनहरा गिरोह' का गठन किया और रूस के स्टेपी-क्षेत्रों पर राज किया?
(क) जोची
(ख) चघताई
(ग) ओगोदेई
(घ) तोलोए
13. मेसोपोटामिया की भौगोलिक विविधता के सन्दर्भ में उचित मिलान करते हुए सही विकल्प का चयन कीजिए।
दिशाएँ भौगोलिक विशेषताएँ
i.पूर्वोत्तर a.ऊँची भूमि जहाँ स्टेपी घास के मैदान हैं।
ii.उत्तर b.वृच्छादित पर्वत-श्रृंखला के रूप में फैले हरे-भरे ऊँचे-नीचे मैदान
iii.पूर्व C.रेगिस्तानी क्षेत्र जहाँ सबसे पहले नगरों तथा लेखन प्रणाली का प्रादुर्भाव हुआ।
iv.दक्षिण d.दजला की सहायक नदियाँ ईरान के पहाड़ी प्रदेश में परिवहन का अच्छा साधन।
विकल्पः
i ii iii iv
(क) a b c d
(ख) b c d a
(ग) d c b a
(घ) b a d c
14. निम्नलिखित में से किस स्थल से 'एम्फोरा' के 5 करोड़ से अधिक अवशेष पाए गए हैं?
(क) स्पेन
(ख) केम्पैनिया
(ग) मोंटी टैस्टेकियो
(घ) बाइजेकियम
15. चंगेज खान के आदशों के मुताबिक उसके पोते ............ने फ्रांस के शासक.............को यह चेतावनी दी कि 'स्वर्ग में कंवल एक शाश्वत आकाश है और पृथ्वी का कंवल एक अधिपति चंगेज़ खान।'
(क) बाटू, लुई प्रथम
(ख) मोन्के, लुई नौवें
(ग) कुबलाई, लुई ग्यारहवें
(घ) वर्क, लुई चौदहवें
16. निम्नलिखित में से कौन 'सामन्तवाद' पर सर्वप्रथम काम करने वाले विद्वानों में से एक थे?
(क) मार्क ब्लॉक
(ख) कार्ल मार्क्स
(ग) सेंट माइकेल
(घ) जैफ्री चौसर
17. 'मारी' के राजा किस समुदाय से सम्बन्धित थे?
(क) असीरियाई
(ख) अक्कदी
(ग) एमोराइट
(घ) अर्मीनियन
18. रोमन साम्राज्य में लेखन सामग्री तैयार करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला पैपाइरस (सरकंडे जैसा पौधा) उगाया जाता था।
(क) नील नदी के किनारे
(ख) दजला नदी के किनारे
(ग) फरात नदी के किनारे
(घ) डेन्यूब नदी के किनार
19. दी गई सूचना के आधार पर व्यक्ति विशेष को पहचानिए -
- वह चंगेज़ खान के सबसे छोटे पुत्र तोलूई का वंशज था।
- उसने परिवारजनों तथा अन्य सेनापतियों को आगाह किया के वे कृषकों को न लूटें क्योंकि इससे स्थायित्व तथा समृद्धि नहीं आती।
विकल्पः
(क) कुवलई खान
(ख) मोंके
(ग) गज़न खान
(घ) जोची
20. मूर्तिकला का एक विश्व-प्रसिद्ध नमूना, 'वार्का शीर्ष', मेगोपोटामिया के किस नगर में बनाया गया था?
(क) उर
(ख) उरुक
(ग) मारी
(घ) बेबीलोन
21. 'बर्बर' शब्द की उत्पत्ति मूलतः किस भाषा से हुई है?
(क) यूनानी
(ख) लैटिन
(ग) हिब्रू
(घ) सुमेरियन
खंड-ख
(लघु उत्तरीय प्रश्न)
22. 'मेसोपोटामिया के खाद्य संसाधन चाहे कितने भी समृद्ध रहे हों, परन्तु वहाँ पर खनिज-संसाधनों का अभाव था।' उचित उदाहरणों की सहायता से कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर -
- मेसोपोटामिया में औजार, मोहर (सील), और आभूषण बनाने के लिए उपयुक्त पत्थर आसानी से उपलब्ध नहीं थे।
- इराकी लकड़ी तथा पोपलर के पेड़ की लकड़ी कोई खास अच्छी नहीं थी जिससे निर्माण और अन्य उपयोग के के लिए अन्य क्षेत्रों से लकड़ी आयात करनी पड़ती थी
- धातुओं का अभाव जिसे पूरा करने के लिए बहार से लाना पड़ता था
- लकड़ी, तांबा, रांगा, चाँदी, सोना, सीपी, तुर्की, ईरान अथवा खाड़ी पार के देशों से मँगवाना पड़ता था
अथवा
'प्राकृतिक उर्वरता तथा खाद्य उत्पादन के उच्च स्तर ही आरम्भ में शहरीकरण के कारण थे।' कथन् की न्यायोचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
प्राकृतिक उर्वरता तथा खाद्य उत्पादन के उच्च स्तर आरम्भ में शहरीकरण के कारण -
- प्राकृतिक उर्वरता कृषि के लिए उत्तम परिस्थितियाँ प्रदान करती थी।
- कृषि से मानव जीवन में स्थायित्व का आना।
- पहले छोटे ग्रामीण समुदाय, फिर कस्बे तथा शहर अस्तित्व में आए।
- घास भूमियों पर पशु पालन सम्भव था।
- उत्पादन अधिक होने पर वस्तु निमय तथा व्यापार एवं शहरीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।।
23. विवेचना कीजिए कि किस प्रकार चंगेज़ खान द्वारा प्रारम्भ की गई हरकारा पद्धति अत्याधिक विश्वसनीय तथा आश्चर्यजनक थी?
उत्तर -
चंगेज खान की फुर्तीली हरकारा पद्धति -
- इस पद्धति ने बड़े साम्राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में आपसी संपर्क बनाए रखने में मदद की।
- साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में नियमित अंतराल पर सैनिक चौकियाँ स्थापित की गई थीं।
- घुड़सवार संदेश वाहक, फुर्तीले तथा चौकस वे न केवल तेज गति से यात्रा करते थे बल्कि किसी भी खतरे का सामना करने के लिए चौकस रहते थे।
- इस त्वरित संचार ने चंगेज खान को विद्रोह, सैन्य गतिविधियों, और अन्य घटनाओं के बारे में तुरंत सूचना प्रदान करने में मदद की
24. कई रूपों तथा स्तरों पर दिखने वाली, रोमन साम्राज्य की सांस्कृतिक विविधता का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर -
रोमन साम्राज्य में सांस्कृतिक विविधता के कई रूप तथा स्तर -
- रोमन साम्राज्य में न केवल रोमन देवताओं की पूजा होती थी, बल्कि स्थानीय देवी-देवताओं और धार्मिक परंपराओं का भी सम्मान था।
- बोलचाल की अनेक भाषाएँ थी साम्राज्य में लैटिन और ग्रीक मुख्य भाषाएँ थीं, लेकिन स्थानीय क्षेत्रों में अन्य भाषाएँ भी प्रचलित थीं
- रोमन साम्राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु और परंपराओं के अनुसार वेशभूषा और खान पान में भी विविधता थी।
- रोमन साम्राज्य में विभिन्न प्रकार के सामाजिक संगठन देखने को मिलते थे शहरों में व्यापारी वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में किसान समुदाय और दास भी समाज में प्रमुख थे।
25. स्पष्ट कीजिए कि चंगेज खान द्वारा नवविजित लोगों पर शासन करने का उत्तरदायित्व किसे तथा किस आधार पर सौंपा गया?
उत्तर -
चंगेज़ खान के नवविजित प्रदेशों का उत्तरदायित्व -
- चंगेज़ खान ने अपने पुत्रों के बीच उलुस का बंटवारा किया। इससे साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में शासन को मजबूती मिली और सत्ता का संतुलन भी बनाए रखा।
- ज्येष्ठ पुत्र जोची को रूसी स्टेपी प्रदेश
- दूसरे बेटे चघताई को तूरान का स्टेपी क्षेत्र तथा पामीर के पहाड़ का उत्तरी क्षेत्र
- चंगेज़ खान ने अपने तीसरे पुत्र ओगोदेई को अपना उत्तराधिकारी बनया उसे महान खान की उपाधि दी गई,जिससे वह पूरे मंगोल साम्राज्य का सर्वोच्च नेता बना। उसकी राजधानी कराकोरम में स्थापित की गई, जो साम्राज्य का प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र बना।
- चौथे पुत्र तोलोए को पैतृक भूमि मंगोलिया की जिम्मेदारी सौंपी गई।
26. चर्चा कीजिए कि लगभग 2600 ई.पू. के आसपास मेसोपोटामिया के लेखन की कीलाकार वर्णयुक्त सुमेरियन भाषा के लेखन का प्रयोग किन-किन उद्देश्यों से किया जाता था?
उत्तर -
2600 ई.पू. में कीलाकार वर्णयुक्त सुमेरियन भाषा के लेखन के प्रयोग के उद्देश्य :-
- लेन-देन के स्थायी स्थायी हिसाब-किताब हेतु
- शब्दकोष बनाने के लिए
- भूमि के हस्तान्तरण को कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए
- राजाओं के कार्यों का वर्णन करने के लिए
- कानूनों में हुए परिवर्तनों को उद्घोषित करने के लिए
27. फ्रांस के सर्फ तथा रोम के दास के जीवन के दशा की तुलना कीजिए।
उत्तर -
रोम के दासों तथा फ्रांस के सर्फ के जीवन की दशा की तुलना -
रोम के दासों का जीवन -
- दास प्रथा रोमन साम्राज्य में अत्यंत प्रचलित और व्यापक थी, जहां दासों को संपत्ति के रूप में देखा जाता था।
- कठोर जीवन था दासों के साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया जाता था।
- उन्हें कई घंटों तक लगातार काम करना पड़ता था, चाहे वह खेतों में हो, खान में, या घरों में।
- दासों को बेड़ियों में जकड़कर रखा जाता था और अक्सर उनके शरीर पर दाग दिए जाते थे ताकि वे पहचान में आ सकें।
- दासों की संतानों को भी दास बना दिया जाता था, और इस प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए प्रजनन को बढ़ावा दिया जाता था।
- स्वतन्त्र दासों का थोड़ा बेहतर जीवन था
फ्रांस के सर्फ का जीवन -
- वैसेलेज प्रथा से बँधे थे सर्फ 'वैसेल' के रूप में अपने लॉर्ड के प्रति निष्ठा से बँधे रहते थे और सेवा प्रदान करना अनिवार्य था।
- सर्फ मुख्य रूप से कृषि मजदूर होते थे, जो लॉर्ड की भूमि पर काम करते थे कृषि की अधिकतर उपज लॉर्ड को ही जाती थी
- र्ड बिना किसी मजदूरी के उनसे अतिरिक्त श्रम (वेगार) करवाते थे।
- लॉर्ड उनके जीवन के व्यक्तिगत निर्णयों, जैसे विवाह, पर भी नियंत्रण रखते थे।
- र्फ केवल लॉर्ड की भूमि (मेनर) पर ही कार्य कर सकते थे और उसकी सीमा से बाहर स्वतंत्र नहीं थे।
अथवा
उदाहरण सहित उन कारकों की समीक्षा कीजिए जो कि चौदहवीं शताब्दी की शुरुआत तक यूरोप के धीमे पड़ रहे आर्थिक विस्तार के लिए उत्तरदायी थे?
उत्तर -
चौदहवीं शताब्दी की शुरूआत तक यूरोप के धीमें आर्थिक विकास के लिए उत्तरदायी कारक -
- तेज ग्रीष्म ऋतु का स्थान ठंडी ऋतु ने ले लिया जिससे मौसम ठंडा और अप्रत्याशित हो गया। जिससे फसल उत्पादन में गिरावट आयी
- भोजन की कमी होने लगी, जिससे अकाल और भुखमरी की स्थिति बनी।
- तूफानों और समुद्री बाढ़ों ने कृषि भूमि को नुकसान पहुँचाया साथ ही व्यापार पर प्रभाव पड़ा जिससे आयात-निर्यात बाधित हुआ
- मौसम की खराबी और भूमि की कमी के कारण चारागाह घटने लगे। इसके परिणामस्वरूप पशुओं की संख्या में गिरावट आई जिससे मांस, ऊन, और डेयरी उत्पादों का उत्पादन घट गया
- बार-बार अकाल पड़ने से जनसंख्या कमजोर हो गई भुखमरी के कारण कई इलाकों में लोग पलायन करने लगे
- ऑस्ट्रिया तथा सर्बिया में चाँदी की खानों से उत्पादन में कमी के कारण व्यापार प्रभावित हुआ
- ब्यूबोनिक प्लेग जैसी महामारी का फैलना स महामारी ने यूरोप की लगभग एक-तिहाई जनसंख्या को खत्म कर दिया
खंड-ग
(दीर्घ उत्तरीय-प्रश्न)
28. मेसोपोटामिया की सभ्यता के अन्तर्गत 'मारी' नगर एक उत्तम पशुचारण क्षेत्र होने के अतिरिक्त व्यापार तथा सम्मृद्धि के मामले में अद्वितीय था।' कथन की सत्यता की परख उचित उदाहरणों की सहायता से कीजिए।
उत्तर -
पशुचारक क्षेत्र में एक व्यापारिक नगर - मारी
- मारी प्राचीन काल में एक महत्वपूर्ण व्यापारिक नगर था, जो लगभग 2000 ईसा पूर्व के बाद एक शाही राजधानी के रूप में उभरा।
- मारी में किसान और पशुचारक (चारक) दोनों समुदाय रहते थे।
- यहाँ का अर्थव्यवस्था मॉडल किसानों द्वारा अनाज उत्पादन और पशुचारकों द्वारा पशुओं से प्राप्त उत्पाद जैसे दूध, ऊन, और चमड़े के लेन-देन पर आधारित था।
- मारी के राजा एमोराइट समुदाय से थे।
- मारी विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच सांस्कृतिक मिश्रण का उदाहरण था, जिसने नगर की सभ्यता को जीवंत और समृद्ध बनाया।
- महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित जहाँ से लकड़ी, ताँबा राँगा, तेल, मदिरा आदि फरात नदी के मार्ग से तुर्की, सीरिया लेबनान ले जाना।
- मारी शहरी जीवन और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था, जो इसकी समृद्धि और प्रगतिशीलता को दर्शाता है।
- जो पोत (जहाज) दक्षिणी नगरों को सामान लेकर जाते थे, वे मारी में रुकते और उन्हें 10% शुल्क अदा करना पड़ता था।
- एक पट्टिका में 'अलाशिया' से आने वाले ताँबे का उल्लेख है जो नगर के दूरस्थ व्यापारिक संबंधों का प्रमाण है।
अथवा
1930 के दशक में मेसोपोटामिया के 'उर' नगर में सुव्यवस्थित ढंग से की गई खुदाई के पश्चात वहाँ के नगर विन्यास तथा सामाजिक संरचना के सम्बन्ध में प्राप्त हुए तथ्यों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
उर नगर का नगर विन्यास -
- ‘उर’ मेसोपोटामिया सभ्यता का एक महत्वपूर्ण नगर था, जिसकी 1930 के दशक में की गई खुदाई ने वहाँ की नगर-व्यवस्था और सामाजिक संरचना के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कीं।
- टेढ़ी-मेढ़ी संकरी गलियाँ जिनमें नगर-नियोजन का स्पष्ट अभाव दिखता है।
- गलियों की चौड़ाई कम होने के कारण यहाँ पहिए वाली गाड़ियाँ घरों तक नहीं पहुँच पाती थीं।
- उचित जल निकासी व्यवस्था नहीं थी नालियाँ अक्सर घरों के भीतर के आँगनों से गुजरती थीं वर्षा के पानी घरों में बने हौजों में इकठ्ठा करना।
- घरों में दहलीज ऊँची बनाई जाती थी क्यूंकि लोग कूड़ा-कचरा सीधे गलियों में फेंक देते थे वो घर के अंदर न आ सके।
- घरों में खिड़कियाँ नहीं थीं जिससे गोपनीयता बनी रहती थी।
- लोगों में शकुन-अपशकुन और अंधविश्वास की प्रवृत्ति प्रचलित थी।
- मृतकों को घरों के अंदर ही दफनाना एक आम प्रथा थी, जिससे वे घर का हिस्सा बने रहें।
सामाजिक संरचना -
- एकल परिवार आदर्श माना जाता था
- यहाँ का समृद्ध संभ्रांत वर्ग धनवान और प्रभावशाली था, जिनके पास कई प्रकार की सुविधाएँ थीं।
- समाज में पिता को परिवार का मुखिया माना जाता था, जो परिवार के सभी निर्णयों को नियंत्रित करता था।
- विवाह की एक औपचारिक और विधिवत प्रक्रिया थी
29. चौथी शताब्दी से सातवीं शताब्दी के मध्य रोमन साम्राज्य में होने वाले सांस्कृतिक, धार्मिक तथा आर्थिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
चौथी शताब्दी से सातवीं शताब्दी के मध्य रोमन साम्राज्य में होन वाले परिवर्तन -
सांस्कृतिक परिवर्तन -
- चौथी शताब्दी में सम्राट कॉन्सटैंटाइन ने ईसाई धर्म को संरक्षण दिया और इसे रोमन साम्राज्य का राजधर्म बना दिया गया।
- तवीं शताब्दी में इस्लाम धर्म का प्रादुर्भाव हुआ, जिसने पूर्वी रोमन साम्राज्य और उसके पड़ोसी क्षेत्रों को प्रभावित किया।
धार्मिक परिवर्तन -
- प्रारंभिक रोमन समाज जूपिटर, जूनो, मिनर्वा जैसे कई देवी-देवताओं की पूजा करता था।परन्तु बाद में बहुदेववाद से एकेश्वरवाद की ओर संक्रमण हुआ
- साम्राज्य में हजारों मंदिर, मठ और देवालय बने हुए थे, जो धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते थे।
- ईसाई धर्म अपनाने की प्रक्रिया आसान नहीं थी बहुदेववादी परंपराओं और नए ईसाई सिद्धांतों के बीच टकराव होता रहा।
आर्थिक परिवर्तन -
- मौद्रिक क्षेत्र में परिवर्तन
- दिनारियस के स्थान पर 5.6 ग्राम शुद्ध सोने का सिक्का सोलिड्स चलाना
- दूसरी राजधानी कुस्तुन्तुनिया का निर्माण
- उद्योग धंधे तथा व्यापार में पर्याप्त मात्रा में पूँजी लगाई।
अथवा
'पूर्ववर्ती रोमन साम्राज्य की एक विशेष उपलब्धि यह रही कि रोमन साम्राज्य के प्रत्यक्ष शासन का क्रमिक रूप से काफी विस्तार हुआ।' सोदाहरण कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर -
रोम में प्रत्यक्ष शासन का विस्तार -
- पहले रोम के अधीनस्थ राज्य स्वतंत्र शासकों द्वारा संचालित होते थे, लेकिन धीरे-धीरे इन राज्यों को सीधे रोम के प्रांतीय शासन में शामिल कर लिया गया।
- रोमन साम्राज्य ने फरात नदी के पश्चिम में स्थित क्षेत्रों को अपने साम्राज्य में शामिल किया, इससे व्यापार मार्गों और आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण हासिल किया।
- कई आश्रित राज्यों से रोम को भारी राजस्व मिलता था, जैसे:हेराल्ड का राज्य प्रतिवर्ष 54 लाख दिनारियस कर के रूप में देता था।
- रोम का साम्राज्य स्कॉटलैंड से लेकर अर्मीनिया तक और सहारा के रेगिस्तान से फरात नदी तक फैला हुआ था।
- साम्राज्यिक प्रणाली के मूलाधार – सिकंदरिया और एंटिओक भूमध्यसागर के तट पर स्थित सिकंदरिया (मिस्र) और एंटिओक (सीरिया) जैसे प्रमुख नगरों ने रोमन साम्राज्य के व्यापार और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- स्थानीय उच्चवर्ग को कर वसूली और प्रशासन में शामिल किया गया, जिससे रोम को प्रांतों में स्थानीय सहयोग प्राप्त हुआ।
- प्रांतीय प्रशासन के बढ़ते केंद्रीकरण ने रोम के सैनेटरों के प्रभाव को कम कर दिया। पहले जहाँ सैनेटरों का व्यापक प्रभाव था, वहीं अब प्रांतीय मामलों में उनकी भूमिका सीमित हो गई।
- नए प्रशासकीय वर्ग का उदय ये अधिकारी न केवल कर संग्रहण बल्कि प्रांतीय शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
30. सामन्तवादी समाज में सामाजिक, आर्थिक संबंधों को प्रभावित करने वाले कारकों को विश्लेषण कीजिए।
उत्तर -
सामन्तवादी समाज में आर्थिक सम्बन्धों को प्रभावित करने वाले कारक -
पर्यावरण -
- वनों की अधिकता, कृषि योग्य भूमि का कम होना
- लम्बी तथा प्रचंड सर्दी
- फसलों का काल छोटा तथा कृषि उपज कम होना।
- ग्यारहवीं सदी में गरमाहट के कारण लम्बी कृषि अवधि तथा अच्छी उपज
भूमि का उपयोग -
- प्रारम्भ में बैलों की जोड़ी ताथा लकड़ी का हल
- कृषि के लिए अत्यधिक श्रम
- फसल चक्र के प्रभावहीन तरीके
- दीर्घकालीन कुपोषण तथा विनाशकारी अकाल
- गरीबों के लिए दुष्कर जीवन
- कृषकों को जबरन लॉर्ड की भूमि पर कार्य करना पड़ता है
- खुलकर विरोध न करने की स्थिति में निष्क्रिय प्रतिरोध का सहारा
नई कृषि प्रौद्योगिकी -
- लकड़ी के हल के स्थान पर लोहे के फाल वाला हल
- साँचेदार पटरे का उपयोग
- गले के स्थान पर हल का जुआ बैल के कंधे पर
- जलशक्ति तथा वायुशक्ति का प्रयोग
- दो फसलों के स्थान पर तीन फसलों का प्रावधान
- भूमि से होने वाला उत्पादन बढ़ा
अथवा
'नौवीं से सोलहवीं सदी के मध्य यूरोप में आर्थिक संदर्भों में, सामन्तवाद एक तरह से कृषि उत्पादन को इंगित करता है, जो कि सामन्त तथा कृषकों के सम्बन्धों पर आधारित है।' उक्त कथन की विवेचना वैसलेज प्रथा के सन्दर्भ में कीजिए।
उत्तर -
फ़्रांस की वैसेलेज प्रथा -
- अभिजात वर्ग का सामंती व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान था। यह वर्ग भूमि पर नियंत्रण रखता था भूमि स्वामी और राजा के बीच वफादारी और निष्ठा का आदान-प्रदान प्रमुख सामाजिक नियम था।
- भूमि का स्वामित्व राजा के अधीन था, जो उसे बड़े सामंतों को प्रदान करता था। इन सामंतों के अधीन कृषक कार्य करते थे और वे कृषि उपज का बड़ा हिस्सा सामंत को देते थे।
- यह प्रथा जर्मनिक समुदायों, विशेष रूप से फ्रैंक्स में उत्पन्न हुई और पूरे यूरोप में फैल गई। इस प्रथा में हर कोई किसी उच्च अधिकारी या स्वामी के प्रति वफादारी से वचनबद्ध था।
- सेन्योर और वासल का संबंध जिसमे सेन्योर का अर्थ है "रोटी देने वाला", जो अपने अधीनस्थों को संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करता था।
- इस प्रथा में वचनबद्धता और शपथ (जैसे बाइबिल की शपथ) महत्वपूर्ण थीं। वासल को भूमि का प्रतीकात्मक स्वामित्व देने के लिए दंडी, पत्र, या मिट्टी का डला प्रदान किया जाता था।
- लॉर्ड का घर मेनर कहलाता था। कृषक इस पर कार्य करने के लिए बाध्य थे।
- इस व्यवस्था में नाइटों (Knights) का एक विशेष वर्ग उभरा, जो सामंती व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा था। नाइट अपने लॉर्ड से भूमि का एक टुकड़ा (Fief) प्राप्त करता था और बदले में उसे सैन्य सेवा देता था।
- नाइट की प्राथमिक निष्ठा अपने लॉर्ड के प्रति होती थी, जैसे लॉर्ड की निष्ठा राजा के प्रति होती थी।
- राजा द्वारा बड़े सामंतों को फ्यूड (Feud) के रूप में भूमि दी जाती थी, और सामंत अपने अधीनस्थ नाइटों को फीफ (Fief) देते थे।
- सामंती व्यवस्था में वफादारी और सैन्य सेवा के बदले भूमि और सुरक्षा प्रदान की जाती थी, जिससे उत्पादन और प्रशासनिक व्यवस्था एक साथ चलती थी।
31. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
"अगर मेरे प्यारे लॉर्ड को काट दिया जाता है, उसकी तकदीर का मैं भागीदार बनूंगा, अगर वह लटका दिया जाता है तब मुझे भी उसके साथ लटका दें, अगर उसे अग्नि दंड दिया जाता है तो में भी उसके साथ जल जाऊँगा; और अगर उसे डुबा दिया जाता है तो मुझे भी उसके साथ डुबा दिया जाए।" तेरहवीं सदी में गाई जाने वाली फ्रांसीसी कविता 'डून दे मयान्स' जो नाइटों के साहस की याद दिलाती है।
31.1 'नाइट' किस प्रकार के लोगों का वर्ग था?
उत्तर -
अश्वारोही सैनिक
31.2 लॉर्ड द्वारा 'नाइट' को दी जाने वाली भूमि क्या कहलाती थी?
उत्तर -
फीफ
31.3 एक नाइट अपने लॉर्ड से किस प्रकार सम्बद्ध था?
उत्तर -
(i) जैसे लॉर्ड राजा से सम्बद्ध था
(ii) फीफ के बदले में नाइट लॉर्ड की सुरक्षा का वचन तथा सैन्य सेवा प्रदान करने के लिए निष्ठावान होता था
32. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
मंगोलों द्वारा किए गए विनाश का आकलन
चंगेज़ खान के अभियानों के विषय में प्राप्त समस्त विवरण इस पर सहमत है कि जिन नगरों ने उनका प्रभुत्व स्वीकार नहीं किया उन पर अधिकार जमाने के बाद वहाँ रहने वाले बहुत से लोगों को उसने मौत के घाट उतार दिया। इनकी संख्या बहुत चौंका देने वाली है। 1220 ई. में निशापुर पर आधिपत्य करने में 17,47,000, जबकि 1222 ई. हिरा पर आधिपत्य करने में 16,00,000 और 1258 में बगदाद पर आधिपत्य करते समय 8,00,000 लोगों का वध किया गया। छोटे नगरों में सापेक्षिक रूप से कम नरसंहार हुआ। नासा में 70,000, बैहाक ज़िले में 70,000 और कुहिस्तान प्रांत के तून नगर में 12,000 लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा।
मध्यकालीन इतिवृत्तकारों ने मृतकों की संख्या का अनुमान कैसे लगाया?
इलखानों के फ़ारसी इतिवृत्तकार जुबैनी ने बताया कि मर्व में 13,00,000 लोगों का वध किया गया। उसने इस संख्या का अनुमान इस प्रकार लगाया कि तेरह दिन तक 1,00,000 शव प्रतिदिन गिने जाते थे।
32.1 चंगेज खान का प्रारम्भिक नाम क्या था?
उत्तर -
तेमुजिन
32.2 चंगेज़ खान द्वारा इतने लोगों को मौत के घाट क्यों. उतार दिया गया?
उत्तर -
चंगेज खान का प्रभुत्व स्वीकार न करने के कारण
32.3 फारसी इतिवृत्तकार जुवैनी ने मर्व में मृतकों की संख्या का अनुमान कैसे लगाया?
उत्तर -
(i) जुबैनी ने बताया कि मर्व में 13 लाख लोगों का वध हुआ।
(ii) 13 दिन तक 1 लाख शव प्रतिदिन गिने गए।
33. निम्नलिखित स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
डॉक्टर गैलेन के अनुसार रोमन शहरों का ग्रामीण क्षेत्रों के साथ वर्ताव कई प्रांतों में लगातार कई वर्षों से पड़ रहे अकाल ने साधारण से साधारण बुद्धि वाले आदमी का भी यह बता दिया कि लोगों में कुपोषण के कारण बीमारियाँ हो रही हैं। शहर में रहने वाले लोगों का फसल कटाई के शीघ्र बाद अगले पूरे वर्ष के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न अपने भंडारों में भर लेना एक रिवाज था। सारा गेहूँ, जौ, सेम तथा मसूर और हुालों का काफी बड़ा हिस्सा शहरियों द्वारा ले जाने के बाद भी कई प्रकार की दालें किसानों के लिए बची रह गई थीं। सर्दियों के लिए जो कुछ भी बचा था, उसे खा-पीकर खत्म कर देने के पश्चात् देहाती लोगों को वसंत ऋतु में अस्वास्थ्यकर खाद्यों पर निर्भर रहना पड़ा; उन्होंने पेड़ों की टहनियाँ, छालें, जड़ें. झाड़ियाँ, अखाद्य पेड़-पौधे और पत्ते खाकर किसी तरह अपने प्राणों को बचाए रखा।
गैलेन, ऑन गुड एण्ड बैड डाइट
33.1 उपर्युक्त स्रोत के लेखक का नाम क्या है?
उत्तर -
डॉक्टर गैलेन
33.2 ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बिमारियाँ क्यों हो रही थीं?
उत्तर -
कुपोषण के कारण
33.3 ग्रामीण लोग क्या खाकर अपने प्राणों की रक्षा कर रहे थे?
उत्तर -
(i) अस्वास्थ्यकर खाना खाकर
(ii) पेड़ों की टहनियों, छाले, जड़े, झाड़ियाँ, अखाद्य पेड़-पौधे और पत्ते खाकर
34.
34.1
(A) Baghdad
(B) Moscow
(C) Merv Or Karakorum
उत्तर -