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खेल और पोषण Physical Education chapter 5 Sports and nutrition khel aur poshan



खेल और पोषण



भोजन

  • ऐसे सभी पदार्थ ( तरल तथा ठोस ) जो हम खाते हैं और पाचन क्रिया के द्वारा अवशोषित करके उससे प्राप्त ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं , भोजन कहलाता है 
  • हमें भोजन में संतुलित आहार की जरूरत होती है 


संतुलित आहार B- BALANCED DIET

  • ऐसा आहार जिससे व्यक्ति को शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में प्राप्त होते हैं। संतुलित आहार ( BALANCED DIET ) कहलाता है।“
  • संतुलित आहार एक ऐसा आहार है जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जिनकी हमें आवश्यकता होती है। 
  • संतुलित आहार में वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पानी, फाइबर, विटामिन और खनिज शामिल होते हैं।


पोषण – Nutrition 

  • पोषण- भोजन में उपस्थित पोषक तत्वों का अध्ययन है। 
  • यह एक गतिशील प्रक्रिया है जिसमें भोजन को खाना , पचाना, अवशोषित करना तथा पोषक तत्वों का उपयोग वृद्धि और विकास के लिए किया जाता है।



पोषक तत्व के प्रकार 

 1. मैक्रो ( वृहत )

  • कार्बोहाइड्रेट 
  • प्रोटीन
  • वसा 
  • जल

2. माइक्रो ( सूक्ष्म ) 

  • विटामिन 
  • खनिज 


मेक्रो (वृहद) पोषक तत्व

  • वे पोषक तत्व जो हमारे भोजन में अधिक मात्रा में होते है या हमारे शरीर को जिन पोषक पदार्थों की अधिक मात्रा में आवश्यक्ता होती है। वृहत् या मेक्रो पोषक तत्व कहलाते है। 
  • जैसे - कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा व जल ।

माइक्रो (सूक्ष्म) पोषक तत्वः- 

  • वह पोषक तत्व जिनकी हमारे शरीर को अत्यन्त अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते हैं। 
  • जैसे - विटामिन्स व खनिज ।

वृहद पोषक तत्व

1) कार्बोहाइड्रेट

2) प्रोटीन

3) वसा 

4) जल 

कार्बोहाइड्रेट 

  • कार्बोहाइड्रेट हमारे आहार का मुख्य अंग है। 
  • यह हमारे शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं
  • 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से लगभग 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है।  
  • यह पचने के बाद ग्लूकोस में बदल जाता है  

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार -

  • शर्करा या साधारण कार्बोहाइड्रेट- ग्लूकोस फ्रुक्टोज सुक्रोज एवं माल्टोजा। यह पानी में घुलनशील होते हैं स्त्रोत- रसीले फल, गन्ना, चुकंदर, आम एवं अनाज
  • जटिल कार्बोहाइड्रेट यह पानी में घुलनशील नहीं होते हैं इनमें स्टार्च  ग्लाइकोजन व सैलूलोज प्रमुख हैं स्त्रोत- आलू, शकरकंद, चुकंदर, गेहूं आदि

कार्बोहाइड्रेट के मुख्य कार्य -

  • कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए ऊर्जा प्रदान करना है। 
  • 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से लगभग 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। हमारे भोजन से प्राप्त होने वाली कुल कैलरी का 60% से 70% भाग कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है।
  • यदि हम कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा में नहीं लेते तो प्रोटीन अपने मुख्य कार्य को छोड़कर हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने लगेगा। 
  • अतः हम यह कह सकते हैं की कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन को अन्य कार्यों के लिए मुक्त करता है।

वसा के उपयोग में सहायता

  • शरीर में वसा के सही उपयोग के लिए भोजन में कार्बोहाइड्रेट की कुछ मात्रा का होना आवश्यक है। 
  • यदि वसा का उपयोग ऊर्जा प्राप्ति के लिए किया जाए तो उसके कुछ हानिकारक पदार्थ उत्पन्न हो सकते हैं। 
  • अतः कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति हानिकारक पदार्थों का  बढ़ना रोकती है।

प्रोटीन के कार्य

  • प्रोटीन एक वृहद पोषक तत्व है। प्रोटीन हमारे पाचन क्रिया संस्थान के द्वारा अमीनो एसिड में बदल दिए जाते हैं 
  • यह 23 अमीनो एसिड होते हैं जिनमें से 9 अमीनो एसिड आहार में अवश्य उपलब्ध होने चाहिए 
  • इन अमीनो एसिड्स का प्रयोग शरीर के द्वारा रक्त मांसपेशियों, नाखूनों, त्वचा, बालों व आंतरिक अंगों के निर्माण के लिए किया जाता है 
  • प्रोटीन-नए उत्तको को बनाता है, टूटे हुए उत्तको की मरम्मत करता है 
  • जल तथा अम्लों के संतुलन को नियमित करता है।

प्रोटीन के स्त्रोत

1. दूध व दूध से बने पदार्थ

2. मांस एवं अन्य मांसाहारी आहार

3. साबुत दालें

4. मेवे और तैलीय बीज

प्रोटीन के मुख्य कार्य – 

  • प्रोटीन शरीर में नए ऊतक  के निर्माण
  • टूटे-फूटे ऊतकों की मरम्मत 
  • शारीरिक वृद्धि तथा शरीर के रखरखाव 
  • बचपन से व्यस्क होने तक लगातार वृद्धि के लिए भोजन में प्रोटीन का नियमित रूप से होना आवश्यक है। 
  • एंजाइम और हार्मोन रसायनिक पदार्थ है जो कि प्रोटीन से बने हुए हैं। 
  • हीमोग्लोबिन है जो कि रक्त में उपस्थित प्रोटीन युक्त लाल रंग का पदार्थ है। 
  • शरीर को ऊर्जा प्रदान करने की के लिए प्रोटीन का प्रयोग किया जा सकता है। 
  • 1 ग्राम प्रोटीन से 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। 
  • यदि हम भोजन में कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा नहीं लेते हैं तब प्रोटीन अपना मुख्य कार्य छोड़ कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करने लगता है। 

वसा 

  • वसा एक वृहद पोषक तत्व है। 
  • वसा शरीर की अनेक क्रियाओं के लिए अत्यंत आवश्यक होती है। 
  • 1 ग्राम वसा से 9 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। 
  • वसा हमें गर्म रखती है तथा कोमल अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है। 
  • वसा हार्मोन के उत्पादन में भी सहायता करती है।

वसा के स्रोत 

  • पादप स्रोत- वनस्पति तेल, मेवे, आवा काडो फल पशु स्रोत- मांस, मछली अंडे, दूध व दूध से बने पदार्थ


सूक्ष्म पोषक तत्व – 

वह पोषक तत्त्व जिनकी हमारे शरीर को अत्यन्त / अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहलाते है। 

  • विटामिन्स 
  • खनिज लवण 

1. विटामिन (Vitamin) -  

  • भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। 
  • रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। 
  • उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक है। 

विटामिन दो प्रकार के होते हैं 

  • जल में घुलनशील विटामिन- विटामिन बी विटामिन सी 
  • वसा में घुलनशील विटामिन विटामिन ए, डी, ई और विटामिन K

खनिज लवण – 

  • सूक्ष्म पोषक तत्व वो पोषक तत्व हैं जिनकी आवश्यकता जीवन भर लेकिन, बहुत कम मात्रा में पड़ती है 
  • स्थूल पोषक तत्वों के विपरीत, मानव शरीर द्वारा यह एक बहुत कम मात्रा में लिया जाने वाला आवश्यक खनिज आहार है।

बृहद खनिज लवण – 

  • कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम फास्फोरस, आयोडीन, लोहा, तांबा

गैर पोषक तत्व –

  • फाइबर कोई पोषक महत्व नहीं होता । इसीलिए इसे इस आहार के गैर पोषक तत्वों में शामिल किया जाता है। 
  • फाइबर युक्त भोजन का पाचन जल्दी से होता है इसमें पानी भी शामिल होता है यह आंतों के कार्य में सुधार करता है 
  • यह भूख को संतुष्ट करने में व्यक्ति की सहायता करता है। 

फाइबर दो प्रकार का होता है 

1. घुलनशील 

2. अघुलनशील 


भार नियंत्रण के लिए भोजन 

  • यदि किसी व्यक्ति का भार सामान्य से अधिक है तो वह कई प्रकार के रोग से ग्रसित हो सकता है 
  • जैसे – मोटापा , मधुमेह , उच्च रक्तचाप आदि ऐसे में शरीर का भार सामान्य होना चाहिए 

स्वस्थ या उचित भार 

  • यदि किसी व्यक्ति का 19 से 25 BMI के बीच का भार है तो वह स्वस्थ भार है 

भार नियंत्रण के उपाय 

  • व्यायाम करना 
  • कम कैलोरी लेना 
  • जंक फ़ूड से बचना 
  • बार-बार न खाना 
  • अधिक कार्ब वाला भोजन नहीं लेना 
  • मादक पदार्थ का उपयोग नहीं करें 
  • सक्रिय दिनचर्या  

अल्पहार ( डाइटिंग )

  • हम अपने शरीर को फिट दिखने के लिए तथा अच्छे पर्सनेलिटी बनाने के चक्कर में अल्पहार शुरू कर देते हैं 
  • यह मुखत : वजन कम करने के उद्देश्य से किया जाता है 
  • कई बार शुरू में वजन कम होने लगता है लेकिन बाद में वजन बढ़ जाता है 

अल्पहार ( डाइटिंग ) के खतरे 

  • पोषण की कमीं 
  • एक वक्त का भोजन  छोड़ना 
  • कैलोरी कम करना 
  • सूखा रोग 
  • कमजोरी 
  • खनिज की कमी 

भोजन असहनशीलता 

  • हमारे भोजन में उपस्थित ऐसे तत्व जिन्हें हमारा शरीर आसानी से पचा नहीं पाता  उसे भोजन असहनशीलता कहा जाता था

भोजन असहनशीलता के कारण

  • हमारे शरीर में कुछ ऐसे एंजाइम होते हैं जो भोजन के तत्वों को तोड़कर उनके अवशोषण का कार्य करते हैं लेकिन यह एंजाइम कम हो जाते हैं एंजाइम की कमी जन्मजात भी हो सकती है या किसी दवाई के साइड इफ़ेक्ट से भी होता है 

खेल कूद में आहार

  • खेल पोषण का सम्बन्ध खिलाड़ियों के द्वारा लिए जाने वाले तरल पदार्थ  तथा भोजन के प्रकार एवं मात्रा से सम्बंधित है। यह कई खेल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का महत्वपूर्ण अंग होता है। 
  • इसका  अधिक प्रयोग शक्ति तथा सहनक्षमता वाले खेलों में किया जाता है। 
  • जैसे - भारोत्तोलन, कुश्ती, साईकिल दौड़, विभिन्न प्रकार की दौड़ों इत्यादि।
  • खेलों के क्षेत्र में पोषण का बड़ा महत्व है। किसी भी खिलाड़ी को पर्याप्त और संतुलित आहार केवल उसे तंदरुस्त रखने के लिए ही नहीं दिया जाता है 
  • बल्कि खेलों के दौरान होने वाली शारीरिक थकान से उबरने तथा ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से दिया जाता है।

खेल कूद में आहार का महत्व 

  • खेल प्रदर्शन में सुधार 
  • शरीर को पुष्ट और मजबूत बनाना
  • रिकवरी में सहायक 
  • शरीर अनुकूलन 
  • शरीर में पानी की कमी से बचाता है  



                             


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