प्रश्न - वैश्वीकरण का अर्थ बताइए ?
उत्तर -
वैश्वीकरण का अर्थ है प्रवाह , प्रवाह कई तरह का हो सकता है
- विचारो का एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुँच जाना
- वस्तुओं का एक से अधिक देशों में पहुँचना
- पूंजी का एक से ज्यादा जगह पर पहुँचना
- बेहतर आजीविका की तलाश में लोगों की एक देश से दूसरे देश में आवाजाही
प्रश्न - वैश्वीकरण के प्रमुख कारण बताएं ?
उत्तर -
- प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति
- टेलीफोन
- टेलीग्राफ़ का आविष्कार
- मुद्रण तकनीक ( छपाई तकनीक )
प्रश्न - वैश्वीकरण के आर्थिक परिणाम बताइए ?
उत्तर -
- वैश्वीकरण के कारण संपूर्ण विश्व में वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि हुई है क्योंकि अब पहले की तरह आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाए जाते
- पूंजी की आवाजाही में वृद्धि हुई है अब निवेशकर्ता अपना धन किसी भी देश में निवेश कर सकता है
- विशेषकर विकासशील देशों में जहां उन्हें अधिक लाभ हो विचारों का विस्तार हुआ है , इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़ी सेवाओं का विस्तार
- विकसित देश अपनी वीजा नीति कठोर बना रहे है
- निजीकरण और पूँजीवाद को बढ़ावा मिल रहा है
- लाखों लोगो को रोजगार मिल रहा है
- बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है
- बाजार में विभिन्न देशों के उत्पाद आसानी से उपलब्ध है
प्रश्न - वैश्वीकरण के सांस्कृतिक परिणाम बताइए ?
उत्तर -
- खान–पान में बदलाव
- रहन सहन में बदलाव
- संस्कृतियों का हास हो रहा है
- अमेरिकी संस्कृतियों की तरफ झुकाव बढ़ रहा है
- महिलाओं की स्थिति में कमी तथा सुधार
- विदेशी फिल्मों, त्योहारों, संगीत का रुझान बढ़ रहा है
- रूढ़िवादिता खत्म हो रही है
- लोगों के विचारों में बदलाव आ रहा है.
- विदेशी संस्कृति का प्रसार हुआ है.
प्रश्न - वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव बताइए ?
उत्तर -
- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इन देशों में गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव शिक्षा का अभाव जैसी कई समस्याएं विद्यमान होती हैं
- इन समस्याओं का समाधान करना राज्य का प्रथम कर्तव्य होता है इसीलिए राज्य का स्वरूप कल्याणकारी राज्य का होता है
लेकिन वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप विकासशील देशों में राज्य की भूमिका में बदलाव आया है जो कि इस प्रकार है --
- राज्य की शक्ति में कमी आई है और कल्याणकारी राज्य की धारणा का स्थान न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य ने ले लिया है
- राज्य अब कुछेक मुख्य कामों तक ही अपने को सीमित रखते हैं, जैसे कानून व्यवस्था बनाना और नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना
- राज्य अब कल्याणकारी कार्य की ओर कम ध्यान देते हैं
- राज्य के स्थान पर अब बाजार आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक है
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से विकासशील देशों में सरकारों द्वारा अपने दम पर फैसला लेने की क्षमता में कमी आई है
- लेकिन इसके साथ यह भी सत्य है कि वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप अब राज्यों के पास अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी होने से राज्य अपने नागरिकों के बारे में हर प्रकार की सूचनाएं जुटा सकते हैं और अधिक कारगर ढंग से काम कर सकते हैं
प्रश्न - सांस्कृतिक समरूपता एवं सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर -
1. सांस्कृतिक समरूपता
- सांस्कृतिक समरूपता का अर्थ है पश्चिमी संस्कृति का पूरे विश्व में फैलना आज पूरे विश्व में पश्चिमी संस्कृति का प्रसार इतनी तेजी से हो रहा है कि यह एक वैश्विक संस्कृति के रूप ले रही है
2. सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण
- सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण में विभिन्न संस्कृतियां, दूसरी संस्कृतियों के साथ मेलजोल के कारण प्रत्येक संस्कृति अनूठी बन जाती है
प्रश्न - वर्ल्ड सोशल फोरम क्या है ? इसके क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर -
- वर्ल्ड सोशल फोरम एक ऐसा मंच है जिसमें वैश्वीकरण का विरोध किया जाता है
उद्देश्य
- मानव अधिकार कार्यकर्ता , पर्यावरणविद, मजद्दोर , महिला , युवा सबको एकजुट करके एक मंच पर साथ लाना सभी के द्वारा मिलकर नव उदारवादी वैश्वीकरण का विरोध करना
प्रश्न - वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव बताइए ?
उत्तर -
1. सकारात्मक प्रभाव
- रोजगार के नए अवसर
- जीवन स्तर में सुधार
- वस्तुओं में विकल्प बढ़ना
- सेवाओं का विकल्प बढ़ना
2. नकारात्मक प्रभाव
- पश्चिमी संस्कृति का अधिरोपण
- आर्थिक असमानता
प्रश्न - संरक्षणवाद क्या है ? भारत ने इस नीति को क्यों छोड़ा ?
उत्तर -
- जब राज्य अपने देश के उद्योगों को लाभ पहुचाने के लिए और कमजोर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुसरे देश को निर्यात प्रतिबंधित करता है तो इस नीति को संरक्षणवाद कहा जाता है ताकि हमारे अपने उत्पादक चीजों को बनाना सीख सकें
भारत ने इस नीति को क्यों छोड़ा ?
- इस नीति को अपनाने से कुछ क्षेत्रों में तरक्की हुयी लेकिन कुछ जरूरी क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए जैसे – आवास , स्वास्थ्य , शिक्षा आदि इसे अपनाने से आर्थिक वृधि दर धीमी रही इसी कारण से भारत ने इस नीति को 1991 में इस नीति को छोड़ा तथा नयी आर्थिक नीति अपनाई
प्रश्न - वैश्वीकरण का विरोध किसने किया है ?
उत्तर -
वैश्वीकरण का विरोध वामपंथियों और दक्षिणपंथी दोनों ने किया है
1. वामपंथि
- वैश्वीकरण के विरोध के लिए वामपंथियों ने तर्क दिया कि वर्तमान वैश्वीकरण विश्वव्यापी पूंजीवाद की एक विशेष व्यवस्था है जो अमीरों को और अमीर बना रही है जबकि गरीबों की स्थिति बदतर होती जा रही है
2. दक्षिणपंथी
दक्षिणपंथी आलोचक इसके राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभावों के कारण चिंतित हैं इनका कहना है कि राजनीतिक रूप से राज्य के कमजोर होने से जनता को नुकसान होता है इनके अनुसार कम से कम कुछ क्षेत्रों में आर्थिक निर्भरता का होना आवश्यक है दक्षिणपंथी कहते हैं कि वैश्वीकरण ने संस्कृति को नुकसान पहुँचाया है -
- पश्चिमी संस्कृति विश्व पर लादी जा रही है
- दुनिया भर की संस्कृति, अमरीकी संस्कृति के अनुसार ढल रही है
- इससे प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर धीरे-धीरे समाप्त हो रही है
- इसलिए यह केवल गरीब देशों के लिए नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए खतरनाक है
- वैश्वीकरण से राज्यों की क्षमता में कमी आई है अब कल्याणकारी राज्य की अवधारणा का स्थान न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य ने ले लिया है
3. भारत और वैश्वीकरण का प्रतिरोध -
- इंडियन सोशल फोरम और वामपंथी आर्थिक वैश्वीकरण के विरुद्ध औद्योगिक मजदूरों और किसान संगठनों द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विरोध
- नीम को अमेरिकी और यूरोपीय फर्मों द्वारा पेटेंट कराने का विरोध
- दक्षिणपंथी द्वारा सांस्कृतिक प्रभावों का विरोध जैसे - वैलेंटाइन डे मनाना