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प्राथमिक क्रियाएँ important short and long question chapter 4 class 12 geography book 1 Primary Activities praathamik kriyaen

प्राथमिक क्रियाएँ


प्रश्न - आर्थिक क्रिया किसे कहते हैं ? आर्थिक क्रिया कितने प्रकार की होती है ?

उत्तर -

  • मानव के ऐसे क्रियाकलाप जिनके द्वारा उसे आय प्राप्त होती है आर्थिक क्रिया कहलाती है आर्थिक क्रियाओं को मुख्यतः 4 वर्गों में विभाजित किया जाता है

 1. प्राथमिक क्रियाकलाप

 2. द्वितीयक क्रियाकलाप

 3. तृतीयक क्रियाकलाप

 4. चतुर्थ क्रियाकलाप



प्रश्न - प्राथमिक क्रियाकलाप से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर - 

  • प्राथमिक क्रिया प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर है इसके अंतर्गत – 
  • कृषि , आखेट ,  भोजन संग्रह , पशु चारण , मछली पकड़ना वनों से लकड़ी काटना , खनन इत्यादि क्रियाकलाप आते हैं 



प्रश्न - चलवासी पशुचारण किसे कहते हैं ?

उत्तर -

  • चलवासी पशुचारण एक प्राचीन जीवन निर्वाह व्यवसाय रहा है जिसमें पशुचारक अपने भोजन , वस्त्र , शरण और औजार एवं यातायात के लिए पशुओं पर ही निर्भर रहता था 
  • इसमें मनुष्य अपने पालतू पशुओं के साथ पानी एवं चरागाह की उपलब्धता के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते थे इन पशुचारक वर्गों के अपने-अपने निश्चित चरागाह क्षेत्र होते हैं  



प्रश्न - चलवासी पशुचारण के तीन प्रमुख क्षेत्र कौनसे  हैं ?

उत्तर -

1) उत्तरी अफ्रीका , अरब प्रायद्वीप , मंगोलिया , मध्य चीन

2) यूरोप , एशिया के टुंड्रा प्रदेश

3) दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण पश्चिम एशिया और मेडागास्कर द्वीप



प्रश्न - विश्व के कौन से क्षेत्र में भोजन संग्रह किया जाता है ?

उत्तर -

विश्व के दो भागों में भोजन संग्रह किया जाता है 

1. उच्च अक्षांश के क्षेत्र - उत्तरी कनाडा , उत्तरी यूरेशिया और दक्षिणी चिल्ली 

2. निम्न अक्षांश के क्षेत्र - अमेजन बेसिन , उष्णकटिबंधीय अफ्रीका ,   ऑस्ट्रेलिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया का आंतरिक प्रदेश आता है



प्रश्न - स्थानांतरी कृषि क्या है ? 

        अथवा

कर्तन एवं दहन कृषि क्या हैं?

        अथवा

झूम खेती किसे कहते हैं?

उत्तर -

  • झूम खेती में क्षेत्रों की वनस्पति को काटा व जला दिया जाता है। 
  • जली हुई राख की परत उर्वरक का कार्य करती है। 
  • इसमें बोए गए खेत बहुत छोटे-छोटे होते हैं एंव खेती भी पुराने औजारों से की जाती है। 
  • जब मिट्टी का उपजाऊपन समाप्त हो जाता है, तब कृषक नए क्षेत्र में वन जलाकर कृषि भूमि तैयार करता है। 
  • भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों में इसे झूमिंग कृषि कहते हैं।



प्रश्न - वाणिज्य पशुधन पालन से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर -

  • वाणिज्य पशुधन पालन एक निश्चित स्थान पर विशाल क्षेत्र वाले फार्म पर किया जाता है
  • इसमें अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है
  • इसमें पशुओं की देखभाल वैज्ञानिक तरीके से की जाती है
  • इसमें उसी विशेष पशु को पाला जाता है जिसके लिए वह क्षेत्र अधिक अनुकूल होता है
  • यह न्यूजीलैंड , ऑस्ट्रेलिया , अर्जेंटीना , अमेरिका में किया जाता है



प्रश्न - भूमध्य सागरीय कृषि से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर -

  • भूमध्यसागरीय कृषि अति विशिष्ट प्रकार की कृषि है। 
  • इसका विस्तार भूमध्यसागर के समीपवर्ती क्षेत्र में है  
  • खट्टे फलों की आपूर्ति करने में यह क्षेत्र महत्त्वपूर्ण है। 
  • अंगूर की कृषि भूमध्यसागरीय क्षेत्र की विशेषता है। 
  • इस क्षेत्र के कई देशों में अच्छे किस्म के अंगूरों से उच्च गुणवत्ता वाली मदिरा का उत्पादन किया जाता है।
  • निम्न श्रेणी के अंगूरों को सुखाकर मुनक्का एवं किशमिश बनाई जाती है। अंजीर एवं जैतून भी यहाँ उत्पन्न होता है। शीत ऋतु में जब यूरोप एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में फलों एवं सब्जियों की माँग होती है तब इसी क्षेत्र से पूर्ति की जाती है।



प्रश्न - डेयरी कृषि से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर -

  • डेरी व्यवसाय दुधारु पशुओं के पालन-पोषण का सर्वाधिक उन्नत एवं दक्ष प्रकार है। 
  • इसमें पूँजी की और गहन श्रम की आवश्यकता होती है।
  • पशुओं के लिए छप्पर, घास संचित करने के भंडार एवं दुग्ध उत्पादन में अधिक यंत्रों के प्रयोग के लिए पूँजी भी अधिक चाहिए। 
  • पशुओं के स्वास्थ्य, प्रजनन एवं पशु चिकित्सा पर भी अधिक ध्यान दिया जाता है। 
  • पशुओं को चराने, दूध निकालने आदि कार्यों के लिए वर्ष भर श्रम की आवश्यकता रहती है। 
  • डेरी कृषि का कार्य नगरीय एवं औद्योगिक केंद्रों के समीप किया जाता है, क्योंकि ये क्षेत्र ताजा दूध एवं अन्य डेरी उत्पाद के अच्छे बाजार होते हैं 
  • वर्तमान समय में विकसित यातायात के साधन, पास्तेरीकरण की सुविधा के कारण विभिन्न डेरी उत्पादों को अधिक समय तक रखा जा सकता है। 
  • वाणिज्य डेरी कृषि तीन प्रमुख क्षेत्र हैं, सबसे बड़ा प्रदेश उत्तरी पश्चिमी यूरोप का क्षेत्र है। दूसरा कनाडा एवं तीसरा क्षेत्र न्यूजीलैंड, दक्षिणी पूर्वी आस्ट्रेलिया एवं तस्मानिया है



प्रश्न - सहकारी कृषि और सामूहिक कृषि में क्या अंतर है ?

उत्तर -

1. सहकारी कृषि 

  • सहकारी कृषि में किसान स्वेच्छा से अधिक लाभ कमाने के लिए सहकारी संस्था बनाकर कृषि करते है
  • सहकारी संस्था किसानों सभी रूप की सहायता करते थे
  • इसे सबसे ज्यादा सफलता डेनमार्क में मिली 

2. सामूहिक  कृषि

  • इसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व संपूर्ण समाज एवं सामूहिक श्रम पर आधारित है
  • यह पूर्व सोवियत संघ में शुरू हुई थी 
  • इसमें सभी किसान अपने संसाधन जैसे भूमि , पशुधन एवं श्रम को मिलाकर कृषि कार्य करते थे



प्रश्न -  बाजार के लिए सब्जी खेती एवम् उद्यान कृषि की विशेषता बताओ ?

उत्तर -

  • इस प्रकार की कृषि में अधिक में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसल जैसे कि – फल , सब्जियां एवं पुष्प लगाए जाते हैं जिनकी मांग नगरीय क्षेत्रों में होती है 
  • इस कृषि में खेतों का आकार छोटा होता है एवं खेत अच्छे यातायात साधनों के द्वारा नगरीय केंद्रों से जुड़े होते हैं 
  • इसमें अधिक श्रम एवं अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है 
  • इसके अलावा सिंचाई , उर्वरक , अच्छे किस्म के बीज , कीटनाशक की आवश्यकता होती है




प्रश्न - रोपण  कृषि से क्या अभिप्राय है ? इसकी प्रमुख विशेषता बताइए ?

उत्तर -

  • यूरोपीय लोगों ने विश्व के अनेक भागों का औपनिवेशीकरण किया तथा कृषि के कुछ अन्य रूपों की शुरुआत की जैसे - रोपण कृषि,
  • रोपण कृषि मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना है  यूरोपीय उपनिवेशों ने अपने अधीन उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में चाय, कॉफी, कोको, रबड़, कपास, गन्ना, केले एवं अनन्नास की पौध लगाई। 

रोपण  कृषि की विशेषता  

  • कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है। 
  • अधिक पूँजी निवेश, उच्च प्रबंध एवं तकनीकी आधार 
  • वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग 
  • यह एक फसली कृषि है - किसी एक फसल के उत्पादन पर ही सकेंद्रण श्रमिक सस्ते मिल जाते हैं 
  • यातायात विकसित होता है जिसके द्वारा बागान एवं बाजार सुचारु रूप से जुड़े रहते हैं।



प्रश्न - खनन से क्या अभिप्राय है ?  खनन को प्रभावित  करने वाले कारक बताइए ?

उत्तर -

  • पृथ्वी से धातु , अयस्क और औद्योगिक तथा अन्य उपयोगी खनिजों को बाहर निकालना खनन कहलाता है  यह दो प्रकार का होता है

1) धरातलीय खनन

2) भूमिगत खनन

खनन को प्रभावित करने वाले कारक 

1) भौतिक कारक – खनिज निक्षेप का आकार , श्रेणी , उपस्थिति की अवस्था

2) आर्थिक कारक – खनिज की मांग , तकनीकी ज्ञान , खनिज का उपयोग , संरचना , पूंजी , यातायात इत्यादि




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