Chapter - 1
भूगोल एक विषय के रूप में
भूगोल क्यों महत्वपूर्ण है
- हमारा जीवन हमारे परिस्थान ( Surrounding ) से अनेक रूपों में प्रभावित होता है।
- हम अपने जीवन के निर्वाह के लिए अपने आस-पास के संसाधनों पर निर्भर करते हैं।
- आदिम समाज अपने भरण-पोषण के लिए प्राकृतिक निर्वाह-संसाधनों, जैसे पशुओं एवं खाद्य पौधों पर आश्रित था। समय बीतने के साथ हमने तकनीकों का विकास किया
- मानव ने प्राकृतिक संसाधन - भूमि, मृदा, जल का उपयोग करते हुए अपना आहार उत्पादन प्रारंभ किया।
- हमने अपने भोजन की आदतों एवं वस्त्र को मौसमी दशाओं के अनुरूप समायोजित किया।
- भूगोल के एक छात्र के रूप में आपको धरातल पर विभिन्नता वाले सभी सत्यों के विषय में जानने के लिए उत्सुक होना चाहिए।
- इन सभी सवालो का जवाब भूगोल हमें देता है
हमें भूगोल क्यों पढना चाहिए ?
- अपने इर्द गिर्द की चीजों ( Surrounding ) को समझने के लिए
- अपने आस पास के संसाधनों को समझने के लिए
- जलवायु को समझने के लिए
- मानव समाजो में पाए जाने वाली विभिन्नता को समझने के लिए
- भू पृष्ठ की विवधता को समझने के लिए
- प्राकृतिक संसाधनों की विभिन्नता को समझने के लिए
- संसाधनों के उचित उपयोग को समझने के लिए
भूगोल का विकास
- सबसे पहले भूगोल शब्द का प्रयोग इरेटॉस्थेनीज, ने किया वह एक ग्रीक विद्वान थे ।
- यह शब्द, ग्रीक भाषा के दो मूल 'Geo' (पृथ्वी) एवं 'graphos' (वर्णन)
- दोनों को एक साथ रखने पर इसका अर्थ बनता है, पृथ्वी का वर्णन।
- पृथ्वी को मानव के आवास के रूप में देखा गया है
- विद्वान भूगोल को 'मानव के निवास के रूप में पृथ्वी का वर्णन' करते हैं।
पृथ्वी
- पृथ्वी हमारा आवास है। यह पृथ्वी पर रहने वाले अन्य छोटे-बड़े प्राणियों का भी आवास है। पृथ्वी की सतह एकरूप नहीं है। इसके भौतिक स्वरूप में भिन्नता होती है।
- यहाँ पर्वत, पहाड़ियाँ, घाटियाँ, मैदान, पठार, समुद्र, झील, रेगिस्तान, वन एवं उजाड़ क्षेत्र मिलते हैं।
- यहाँ सामाजिक एवं सांस्कृतिक तत्त्वों में भी भिन्नता पायी जाती है।
भूगोल क्या है ?
1. भूगोल पृथ्वी का वर्णन है, पृथ्वी मानव का घर है मानव प्रकृति के साथ परस्पर अन्योनक्रिया (interaction ) करता है, भूगोल को क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन माना जाता है।
भूगोल को दो भागों बाँटा गया है।
1. भोतिक भूगोल
- भोतिक भूगोल में पृथ्वी से सम्बंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है जिसमे प्रमुख रूप से ,स्थल आकृति /भूमि, पर्यावरण, महासागर, पहाड़ नद, वन रेगिस्तान आदि आते है।
2. मानव भूगोल
- मानव भूगोल में पृथ्वी से सम्बंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है जिसमे प्रमुख रूप से खेती , बस्तियां , सड़क , खनन , बस्तिया , जनसंख्या, नगर आदि आते है।
2. भूगोलवेत्ता मात्र धरातल पर तथ्यों में विभिन्नता का अध्ययन नहीं करते बल्कि उन कारकों का भी अध्ययन करते हैं जो इन विभिन्नताओं के कारण होते हैं।
- उदाहरण - फसल का स्वरूप एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में भिन्न होता है, किंतु यह भिन्नता एक तथ्य के रूप में मिट्टी, जलवायु, बाजार में माँग, किसानों को व्यय क्षमता, तकनीकी निवेश की उपलब्धता आदि में भिन्नता से संबंधित होती है।
मनुष्य तथा प्रकृति के बीच अन्तसंबंध का मूल्यांकन
- मानव ने अनुकूलन (Adaptation) अथवा परिवर्तन [Modification) के माध्यम से प्रकृति के साथ समझौता किया है।
- मानव ने उच्च तकनीक तथा प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए वातावरण में परिवर्तन किये है
- मानव ने लगातार विकास के साथ अपने ऊपर भौतिक पर्यावरण के द्वारा कसे हुए बंधन को ढीला करने में सक्षम हो पाया है
- मनुष्य ने तकनीकी विकास के जरिये श्रम की कठोरता को कम किया है
क्या?
कहाँ ?
क्यों?
वर्गों के प्रश्नों का वर्णन कीजिए जिनका उत्तर भूगोल देता है?
भूगोल एक वैज्ञानिक विषय है और एक वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल तीन वर्गों के प्रश्नों से संबंधित है -
1.क्या ?
- भूतल पर पाई जाने वाली प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं के प्रतिरूप की पहचान से जुड़े हुए होते है कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो "क्या प्रश्न का उत्तर देते है।
2. कहाँ ?
- कहाँ कुछ ऐसे भी प्रश्न होते हैं जो पृथ्वी पर भौतिक एवं सांस्कृतिक - तत्वों के वितरण से जुड़े हुए होते हैं. ये "कहाँ प्रश्न से संबद्ध होते हैं।
3. क्यों ?
- प्रश्नों का तीसरा वर्ग व्याख्या अथवा तत्त्वों के बीच कार्य-कारण संबंध से जुड़ा होता है. जो क्यों का उत्तर देता है। भूगोल में प्रश्नों का यह तीसरा वर्ग है। इसे एक वैज्ञानिक स्वरूप देता है।
भूगोल के प्रमुख दो उपागम
1. क्रमबद्ध भूगोल
- क्रमबद्ध भूगोल का दृष्टिकोण, जर्मन भूगोलवेत्ता अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट द्वारा प्रस्तुत किया गया था ।
- क्रमबद्ध भूगोल एक तथ्य का पूरे विश्वस्तर पर अध्ययन किया जाता है। उसके बाद क्षेत्रीय स्वरूप के वर्गीकृत प्रकारों की पहचान की जाती है।
- उदाहरण - यदि कोई प्राकृतिक वनस्पति के अध्ययन में रूचि रखता है, तो सर्वप्रथम विश्व स्तर पर उसका अध्ययन किया जायेगा, फिर प्रकारात्मक वर्गीकरण, जैसे विषुवतरेखीय सदाबहार वन, नरम लकड़ी वाले कोणधारी वन मानसूनी वन इत्यादि की पहचान, उनका विवेचन तथा सीमांकन करना होगा।
2. प्रादेशिक भूगोल
- प्रादेशिक भूगोल का दृष्टिकोण, जर्मन भूगोलवेत्ता कार्ल रिटर द्वारा प्रस्तुत किया गया था ।
- इसमें विश्व को विभिन्न पदानुक्रमिक स्तर के प्रदेशों में विभक्त किया जाता है और फिर एक विशेष प्रदेश में सभी भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है।
- प्रादेशिक भूगोल में किसी प्रदेश को क्षेत्रीय इकाई मानकर अध्ययन किया जाता है
भौतिक भूगोल की प्रमुख शाखाएँ
1. भू आकृतिक विज्ञान
- इसके अंतर्गत भूपृष्ठ पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के भू आकृति,
- जैसे- महाद्वीपों, पर्वतों , पठारों, मैदानों, नदी घाटियों आदि का अध्ययन है।
2. जलवायु विज्ञान
- इसमें जलवायु तथा इसके संघटक तत्वों का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है।
- वर्षा , तापमान, वायुदाब , पवन आदि जलवायु के मुख्य घटक है।
3. जल विज्ञान
- इसमें महासागरों, नदियों, झीलों, हिमानियों तथा जलवाष्प द्वारा प्रकृति तथा मानव जीवन में जल की भूमिका का अध्ययन किया जाता है।
4. मृदा भूगोल
- इसमें मृदा के निर्माण की प्रक्रिया, मृदा के प्रकार, मृदा के उत्पादकता स्तर तथा उनके वितरण का अध्ययन किया जाता है।
मानव भूगोल
मानव भूगोल भूपृष्ठ पर मानवीय अथवा सांस्कृतिक तत्वों का अध्ययन करता है इसके अंतर्गत घर , गाँव , कसबे , नगर , सड़क , पुल आदि जो मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं यह सभी मानवीय तत्व कहलाते हैं , इनका अध्ययन किया जाता है
मानव भूगोल की शाखाएं
1. सांस्कृतिक भूगोल और सामाजिक भूगोल में समाज के योगदान से निर्मित सांस्कृतिक तत्वों का अध्ययन आता है।
2. औद्योगिक भूगोल में अलग औद्योगिक क्रियाकलापों ओर उनकी अनुकूल दशाओ का समझा जाता है
3. राजनितिक भूगोल में सीमाओं, निकटस्थ पड़ोसी इकाइयों के मध्य भू-वैन्यासिक संबंध, निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन एवं चुनाव परिदृश्यो का अध्ययन किया जाता है।
4. जनसँख्या भूगोल में जनसंख्या वृद्धि, उसका वितरण, घनत्व, लिंग-अनुपात, प्रवास एवं व्यावसायिक संरचनाका अध्ययन किया जाता है।
5. कृषि भूगोल में कृषि के प्रकारों तथा उपयोगी दशाओ का वर्णन किया जीता है
6. ग्रामीण भूगोल में ग्रामीण संरचना और इनकी व्यवसायिक गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है
7. नगरीय भूगोल नगरिया संरचना और व्यावसायिक संरचना का अध्ययन किया जाता है
8. आर्थिक भूगोल में मानव की आर्थिक क्रियाओं, जैसे- कृषि, उद्योग, पर्यटन, व्यापार एवं परिवहन, बस्तीयो का अध्ययन किया जाता है
9. ऐतिहासिक भूगोल प्रत्येक प्रदेश वर्तमान स्थिति में आने के पूर्व ऐतिहासिक अनुभवों, भौगोलिक तत्त्वों,सामयिक परिवर्तन की व्याख्या है
भूगोल का अन्य विषयों के साथ सम्बन्ध
1. भूगोल की प्रमुख शाखा मानव भूगोल का अन्य सामाजिक विज्ञानों के विषयों जैसे - इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, जनांकिकी आदि के साथ निकट का सम्बन्ध है।
2. इतिहास तथा भूगोल का आपस में गहरा सम्बन्ध है क्योंकि ये दोनों विषय क्रमशः काल तथा स्थान के अध्ययन से सम्बंधित हैं।
3. राजनीतिशास्त्र में राज्य क्षेत्र जनसंख्या, प्रभुसत्ता आदि का विश्लेषण सम्मिलित है जबकि राजनितिक भूगोल में एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तथा उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। ।
4. इतिहास तथा भूगोल का आपस में गहरा सम्बन्ध है क्योंकि ये दोनों विषय क्रमशः काल तथा स्थान के अध्ययन से सम्बंधित हैं।
5. राजनीतिशास्त्र में राज्य क्षेत्र जनसंख्या, प्रभुसत्ता आदि का विश्लेषण सम्मिलित है जबकि राजनितिक भूगोल में एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तथा उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। ।
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