मानव विकास ( भूगोल) Chapter- 4th Geography Class 12th ( Human development ) Notes in Hindi

मानव विकास ( भूगोल) Chapter- 4th Geography Class 12th ( Human development ) Notes in Hindi

इस अध्याय में हम मानव विकास के बारे में पढ़ने वाले हैं
हम यह जानेंगे की वृद्धि और विकास में क्या अंतर है |
हम यह भी जानेंगे की मानव विकास के केंद्र बिंदु कौन से हैं
अंत में हम जानेंगे मानव विकास क्यों जरुरी है 

मानव विकास क्या है ?

1- मनुष्य के जीवन में सुधार विकास कहलाता है |
2- मनुष्य के जीवन में विकल्पों में वृद्धि भी विकास
कहलाती है।
3- मनुष्य के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन विकास कहलाता

वृद्धि तथा विकास में अंतर :-

( विकास ) वृद्धि
विकास का अर्थ होता है गुणात्मक परिवर्तन वृद्धि का अर्थ होता है मात्रात्मक परिवर्तन
विकास का अर्थ होता है विकल्पों में वृद्धि वृद्धि को मापा जा सकता है
विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक वर्तमान स्थिति में सुधार ना हो वृद्धि का चिन्ह धनात्मक या ऋणआत्मक हो सकता है
विकास मूल्य सापेक्ष है

सार्थक जीवन :

सार्थक जीवन केवल दीर्घ नहीं होता, जीवन में एक उद्देश्य होना चाहिए |
लोगो को स्वस्थ रहना चाहिए और समाज से जुड़े रहना चाहिए |
1- मानव विकास के केंद्रबिंदु :
2- स्वास्थ्य
3- शिक्षा
4- संसाधनों तक पहुँच

मानव विकास के 4 स्तंभ :

( समता ):- प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना
लोगो को उपलब्य अवसर लिंग प्रजाति आय, जाति किसी प्रकार का भेदभाव
ना हो।

( सतत पोषणीयता:-)
सतत पोषणीयता मानव विकास के लिए जरूरी है।
इसका अर्थ होता है संसाधनों का इस्तेमाल से करे जिससे आने वाली
पीढ़ी को इसमें कोई कमी ना हो।
संसाधनों का दुरुपयोग रोका जाए।

( उत्पादकता )
मानव श्रम या मानव कार्य के संदर्भ में
हेलो के समर्थक : सक्षम बनाकर मानव श्रम की उत्पादकता का निरंतर बेहतर बनाना चाहिए
लोके के समर्थक: ज्ञान तथा चिकित्सक सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए
( सशक्तिकरण )
आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को हर तरह से सार्थक बनाना जिससे वह विकल्प चुनने के लिए स्वतंत्र हो जाये

मानव विकास के 4 उपागम :

( आय उपागम )
मानव विकास का सबसे पुराना उपागम
मानव विकास को आय के साथ जोड़ कर देखा जाता है
आय का स्तर ऊँचा तो मानव विकास ऊचा माना जाता है।

( कल्याण उपागम )
इसमें मानव को लाभार्थी के रूप में देखा जाता है
लोग विकास में प्रतिभागी नहीं है
सरकार कल्याण पर अधिक व्यप करके मानव विकास के
स्तरों में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार है।


( आधारभूत आवश्यकता उपागम )
यह उपागम I.L.0 ने प्रस्तावित किया है
छ: न्यूनतम आवश्यकताओं की पहचान की गई थी।
शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति, स्वच्छता ,स्वास्थ्य, आवास ।
मानव विकल्पों के प्रश्न की उपेक्षा की गई है।
( क्षमता उपागम )
इसका संनद्य पो. अमर्त्य सेन से है।
संसाधनों तक पहुंच के क्षेत्रो में मानव क्षमताओ का निर्माण
बढ़ते मानव विकास की कुंजी है 

मानव विकास क्यों जरूरी है ?

1-  देश के विकास के लिए
2- मानव सामाज के विकास के लिए
3- नई तकनीको के विकास के लिए
4- संसाधनों के उपयोग के लिए

मानव विकास सूचकांक [ Human Development Index) :

मानव विकास सूचकांक स्वास्थ्य शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन के आधार पर देशों का
क्रम तय करता है।
यह क्रम 0-1 के बीच स्कोर पर आधारित होता है ।

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