Class 12th History Chapter- 10th ( उपनिवेश और देहात )- Important questions

Class 12th History Chapter- 10th ( उपनिवेश और देहात )- Important questions

 इस्तमरारी ( स्थाई बंदोबस्त ) से क्या अभिप्राय है ?

  • इस्तमरारी बंदोबस्त 1793 में बंगाल के गवर्नर जनरल  लार्ड कार्नवालिस ने लागू की थी
  • इस्तमरारी बंदोबस्त एक कर व्यवस्था थी जिसके तहत राजस्व की राशि निश्चित कर दी गई थी 
  • जो प्रत्येक जमींदार को एक निर्धारित समय पर जमा करनी होती थी 
  • अगर जमींदार कर नहीं चुका पाता तो ऐसे में उसकी जमींदारी नीलाम कर दी जाती थी

राजस्व राशि के भुगतान में जमींदार क्यों चूक करते थे ?

( प्रारंभिक मांगे बहुत ऊंची थी )

  • कंपनी ने राजस्व की मांग को ऊंचे स्तर पर रखा था जिस कारण जमींदारों को राजस्व जमा करने में समस्याएं होती थी

कृषि की उपज की कीमतें नीचे होना -

  • यह ऊंची मांग 1790 के दशक में लागू की गई थी
  • जब कृषि की उपज की कीमतें नीचे थी 
  • जिससे किसानों के लिए जमींदार को उनके दे राशि चुकाना मुश्किल था
  • जब जमींदार स्वयं किसानों से राजस्व इकट्ठा नहीं कर सकता था 
  • तो वह आगे कंपनी को निर्धारित राजस्व कैसे अदा कर सकता था

राजस्व असमान था  -

  • राजस्व असमान था, फसल अच्छी हो या खराब 
  • राजस्व को ठीक समय पर चुकाना जरूरी था

जमींदार की शक्ति सीमित कर दी गयी -

  • इस्तमरारी बंदोबस्त ने जमींदार की शक्ति को किसान से राजस्व इकट्ठा करने और अपनी जमींदारी का प्रबंध करने तक ही सीमित कर दिया था

जोतदार कौन थे ?

  • जोतदार धनी किसानों का एक वर्ग था I   18 वीं शताब्दी के अंत में जोतदार अपनी स्थिति मजबूत कर रहे थे I 
  • 19 वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों तक आते-आते जोतदारों ने जमीन के बड़े-बड़े हिस्से अर्जित कर लिए थे 
  • स्थानीय व्यापार और साहूकार के कारोबार पर जोतदारों का पूरा नियंत्रण था 
  • जोतदार अपने इलाके के काश्तकारों पर व्यापक शक्ति का प्रयोग करते थे 
  • इनकी जमीन का काफी बड़ा भाग बटाईदारों के माध्यम से जोता जाता था 
  • जो खुद अपने हल लाते थे, खेत में मेहनत करते थे और फसल के बाद उपज का आधा हिस्सा जोतदार को दे देते थे
  • गांव में जोतदारों की शक्ति, जमींदार की ताकत की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती थी

पहाड़िया लोग कौन थे ? यह अपना निर्वाह किस प्रकार करते थे ?

  • यह लोग राजमहल की पहाड़ियों के इर्द-गिर्द रहते थे और जंगल की उपज से अपनी गुजर-बसर करते थे I
  • पहाड़ी लोग झूम खेती करते थे और राख की पोटास से उपजाऊ बनी जमीन पर खाने के लिए दालें और ज्वार – बाजरा उगा लेते थे 
  • इनका संपूर्ण जीवन पहाड़ियों में ही सिमटा हुआ था 
  • शिकारियों, झूम खेती करने वाले, खाद्य बटोरने वाले, रेशम के कीड़े पालने वाले के रूप में यह पहाड़ों और जंगलों से घनिष्ठ रूप से जुड़े थे 
  • यह इस पूरे प्रदेश को अपनी निजी भूमि मानते थे 
  • यह इमली के पेड़ों के बीच बनी अपनी झोपड़ियों में रहते थे और आम के पेड़ की छांव में आराम करते थे
  • यह पहाड़ियां उनके पहचान और जीवन का आधार थी 
  • यह बाहरी लोगों के प्रवेश का विरोध करते थे, यह कुदाल का प्रयोग करते थे 

बुकानन कौन था ? उसने भारत आकर क्या कार्य किया ?

  • फ्रांसिस बुकानन एक चिकित्सक था, जो भारत आया और बंगाल में चिकित्सा सेवा में कार्य किया 
  • कुछ वर्षों तक वह भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली का शल्य चिकित्सक रहा 
  • उसने कोलकाता में एक चिड़ियाघर की स्थापना की जो 
  • कोलकाता अलीपुर चिड़ियाघर कहलाया
  • वह थोड़े समय के लिए वनस्पति उद्यान का प्रभारी रहा 
  • बंगाल सरकार के अनुरोध पर उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि का विस्तृत सर्वेक्षण किया 
  • 1815 में वह बीमार हो गया और इंग्लैंड चला गया
  • फ्रांसिस बुकानन की दृष्टि सूक्ष्म थी , उसका आकलन कंपनी के वाणिज्यिक सरोकारों से प्रभावित था 
  • बुकानन वनवासियों की जीवन शैली का आलोचक था और वनों को कृषि भूमि में बदलने का हिमायती था

जमींदारों ने किस प्रकार राजस्व की अत्यधिक मांग और अपनी भू - संपदा को नीलामी से निपटने के लिए कौन से तरीके अपनाए ?

( OR )

जमींदार अपनी जमीदारी पर किस प्रकार नियंत्रण बनाए हुए थे ?

  • अंग्रेजों ने इस्तमरारी बंदोबस्त के तहत राजस्व की मांग अत्याधिक निर्धारित कर दी थी
  • ऐसे में जमींदारों के ऊपर राजस्व का काफी दबाव आ गया था 
  • समय पर राजस्व ना देने के कारण जमीदारों की जमीदारी नीलाम की जाती थी 
  • ऐसे में जमीदारों ने अपनी संपत्ति को नीलाम होने से बचाने के लिए कई तरीके अपनाएं
  • जमीदार अपनी संपत्ति को  स्त्रियों के नाम कर देते थे क्योंकि कंपनी ने यह निर्णय लिया था कि स्त्रियों की संपत्ति को नहीं छीना जाएगा
  • फर्जी बिक्री एक ऐसा ही रास्ता था, जब जमीदार की संपत्ति की नीलामी होती थी ऐसे में जमीदार के अपने ही एजेंट संपत्ति को ऊंची बोली लगाकर खरीदते थे और बाद में पैसे देने से इनकार करते हैं ऐसे में दोबारा नीलामी प्रक्रिया चलती थी अंत में जमीदार ही जमीदारी खरीद लेता था
  • यदि कोई अन्य व्यक्ति नीलामी में भूमि खरीद लेता तो वह भूमि का कब्जा नहीं ले पाता था 
  • क्योंकि पुराने जमीदार के लठियाल , नए खरीदार  के लोगों को मारपीट कर भगा देते थे

संथाल लोग कौन थे ? संथाल किस प्रकार पहाड़ी लोगों से भिन्न थे ?

  • संथाल आदर्श बाशिंदे थे 
  • यह 1780 के दशक तक बंगाल के आस पास बसने लगे थे
  • जमीदार लोग खेती के लिए नई भूमि तैयार करने और खेती का विस्तार करने के लिए संथाल लोगों को भाड़े पर रखते थे
  • अंग्रेज अधिकारियों ने उन्हें जंगल में बसने का निमंत्रण दिया

दामिन - ई - कोह से क्या अभिप्राय है ?

  • अंग्रेजों ने संथालों को जमीन देकर राजमहल की तलहटी में बसने के लिए तैयार किया 
  • 1832 तक जमीन के एक काफी बड़े इलाके को दामिन - ई - कोह के रूप में कर सीमांकित कर दिया गया 
  • इसे संथालों की भूमि घोषित कर दिया गया था संथालों को इस इलाके के भीतर रहना था 
  • हल चलाकर खेती करनी थी और स्थाई किसान बनना था 
  • संथालों को दी जाने वाली भूमि में यह शर्त रखी थी 
  • कि उनको दी गई भूमि के कम से कम 10 वे भाग  को साफ कर के पहले 10 साल के भीतर जोतना था

संथाल विद्रोह पर विस्तृत विवरण लिखिए ?

  • 1850 ईसवी तक संथालों ने जमीदार , साहूकार और अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह करने के बारे में सोचना आरंभ कर दिया था 
  • संथाल समझ चुके थे कि जिस भूमि पर खेती करने उन्होंने शुरू की थी वह अब उनके हाथों से निकलती जा रही है
  • संथालों ने जिस जमीन को साफ करके खेती शुरू की उस पर अब भारी कर लगाया जा चूका था 
  • साहूकार लोग बहुत ऊंची दर पर ब्याज लगा रहे थे और कर्ज अदा ना किए जाने की सूरत पर जमीन पर कब्जा कर रहे थे 
  • संथालों ने 1855 - 56 ईस्वी में विद्रोह कर दिया

पांचवी रिपोर्ट क्या थी ? 

  • पांचवी रिपोर्ट 1813 में ब्रिटिश संसद में पेश की गई थी यह एक ऐसी रिपोर्ट है जो एक प्रवर समिति द्वारा तैयार की गई थी 
  • यह रिपोर्ट भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के स्वरूप पर ब्रिटिश संसद में गंभीर वाद विवाद के आधार पर बनी 
  • इस रिपोर्ट में 1002 पृष्ठ थे , इनमें जमीदार और रैयतों की अर्जियां तथा अलग अलग जिलों के कलेक्टरों की रिपोर्ट थी 
  • कंपनी ने 1760 के दशक के मध्य में जब से बंगाल में अपने आप को स्थापित किया था 
  • तभी से इंग्लैंड में उसके क्रियाकलापों पर बारीकी से नजर रखी जाने लगी थी और 
  • उन पर चर्चा की जाती थी

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